भोपाल में पटवारी परीक्षा को लेकर सड़क पर उतरी कांग्रेस, पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप, शहर अध्यक्ष सहित कई कार्यकर्ता घायल
भोपाल। मध्यप्रदेश में पटवारी परीक्षा में गड़ब़ड़ी के आरोपों को लेकर शनिवार को भोपाल में कांग्रेस ने बड़ा प्रदर्शन किया। सीएम हाउस को घेरने की कोशिश में रोशनपुरा चौराहे से आगे बढ़ रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल करने के साथ हल्क बल प्रयोग किया। जिसमें कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हुए।
पटवारी भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता आज रोशनपुरा चौराहे पर एकट्ठा हुए और फिर सीएम हाउस की ओर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। इससे वहां तैनात पुलिस के जवानों ने पहले वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर कार्यकर्ताओं को पीछे धकलेने की कोशिश की इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता पुलिस का बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे तब पुलिस ने हल्लता बल प्रयोग किया।
इस दौरान नवनियुक्त शहर कांग्रेस अध्यक्ष मोनू सक्सेना और एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता को गंभीर चोटें आई। प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि हम CBI जांच की मांग कर रहे हैं। सरकारी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है। पुलिस को भेजकर लाठीचार्ज कराया गया है। पुलिस ने लाठीचार्ज और वॉटर कैनन से भगदड़ मचाई। कांग्रेस अध्यक्ष मोनू सक्सेना को गंभीर चोट आई है। महक राणा को भी काफी चोट लगी है। 25 से 50 कार्यकर्ता घायल हुए हैं।
वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिख कि भोपाल में एक जन आंदोलन के दौरान भोपाल के शहर कांग्रेस अध्यक्ष मोनू सक्सेना और अन्य कार्यकर्ताओं के साथ शिवराज सरकार ने जिस तरह बर्बरता का व्यवहार किया है, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं। सक्सेना का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं शिवराज सिंह चौहान सरकार से बहुत साफ शब्दों में कहना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश की जनता ने भाजपा सरकार उखाड़ने का मन बना लिया है। आपके इस अत्याचार से ना तो कांग्रेस के कार्यकर्ता डरने वाले हैं और ना मध्य प्रदेश की जनता। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता दोगुने उत्साह से कुशासन को उखाड़ फेंकने की लड़ाई लड़ता रहेगा”।
वहीं पुलिस ने किसी भी प्रकार को लाठीचार्ज से इंकार करते हुए कहा कि कांग्रेसियों द्वारा विरोध प्रदर्शन के पहले किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली। यानि बिना अनुमति ये विरोध प्रदर्शन करते हुए सीएम हाउस की ओर बढ़ रहे थे। जिसके बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। जिस पर पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वॉटर केनन का उपयोग करना पड़ा।