कलेक्टर मनीष सिंह ने जताया खेद, काम पर लौटे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी
इंदौर। मध्यप्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह पर एक महिला अधिकारी के साथ बदतमीजी का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की एक सूत्री मांग को लेकर स्वास्थ्य विभाग के करीब 4000 अधिकारी-कर्मचारी शुक्रवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए थे, जो कि कलेक्ट के खेद जताने के बाद काम पर वापस लौट गए।
अलग-अलग स्तरों पर करीब 6 घंटे तक चली मैराथन बैठकों के बाद सिंह ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गाडरिया के सामने खेद जताया, जिसके बाद अधिकारी-कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस लेते हुए काम पर लौट गए।
अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की घोषणा और इसे वापस लेने के बीच की अवधि में आधे दिन तक नियमित चिकित्सा सेवाओं के साथ ही महामारी की रोकथाम से जुड़े़ कार्य भी प्रभावित हुए।
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा बेमियादी हड़ताल की घोषणा से सकते में आई राज्य सरकार ने दोनों पक्षों में सुलह कराने के लिए उनके बीच बैठक कराई।
बैठक में राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट भी मौजूद थे, जो इंदौर में कोविड-19 की रोकथाम के अभियान के प्रभारी भी हैं। सुलह बैठक के बाद जिलाधिकारी सिंह ने कहा कि मैंने खुड़ैल क्षेत्र के फीवर क्लीनिक की अव्यवस्थाओं को लेकर गडरिया से फोन पर बात के दौरान उनसे नाराजगी व्यक्त की थी।
उन्होंने कहा कि मैंने आज (सुलह बैठक में) गडरिया से कहा कि अगर उन्हें मेरी कोई बात बुरी लगी है, तो मैं खेद जताता हूं। हम (सरकारी अफसर) जनता की सेवा में लगे हैं और हमारे बीच निजी अहं या प्रतिष्ठा का कोई प्रश्न नहीं है।
बहरहाल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी गाडरिया ने कहा कि जिलाधिकारी ने मेरे साथ अपने बर्ताव पर खेद प्रकट किया है, जो हमें स्वीकार है। वैसे भी हम किसी से माफी नहीं मंगवाना चाहते थे।
गौरतलब है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय से सम्बद्ध गडरिया ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी मनीष सिंह की बदतमीजी का लगातार शिकार होने कारण उन्हें शासकीय सेवा से त्यागपत्र देने पर मजबूर होना पड़ा।
सुलह बैठक के बाद गाडरिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के 14 संगठनों के सामूहिक निर्णय के मुताबिक वह अपना इस्तीफा वापस लेते हुए काम पर लौट रही हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1 लाख 23 हजार 447 मरीज मिले हैं। इनमें से 1190 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।