सागर दलित कांड में पीड़ित परिवार के घर पहुंचे CM डॉ. मोहन यादव, आर्थिक सहायता, चौकी खोलने की घोषणा
भोपाल। मध्यप्रदेश के सागर जिले के बरोदिया नोनागिर में दलित लड़की की चलती एंबुलेंस से संदिग्ध हालत में गिरकर मौत मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। एक परिवार के तीन लोगों की मौत और पूरे मामले में सिस्टम पर लगातार उठते सवालों और कांग्रेस के आरोपों के बीच आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव खुद पीड़ितों से मिलने सागर के बड़ोदिया नोनागिर गांव पहुंचे।
पीड़ित परिवार से मिलने के बाद क्या बोले मुख्यमंत्री?-घटना के पीड़ित परिवार से मिलने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ोदिया नोनागिर में पुलिस चौकी खोलने के साथ-साथ मृतक राजेंद्र अहिरवार के परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि घटना पर दुख जातते हुए कहा कि यह पूरा मामला आपसी विवाद से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार के साथ मेरी सहानुभूति है। मुख्यमंत्री ने गांव में ऐसी घटना बार-बार होने की बात सामने आने पर पुलिस चौकी खोलने और ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन को निर्देशित करने की बात कही। वहीं कांग्रेस के आरोपों पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऐसी दुखद घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सरकार का पूरा प्रयास है कि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो।
क्या है पूरा मामला?- सागर में दलित लड़की की एंबुलेंस से गिरने से हुई मौत के मामले के सियासी तूल पकड़ने के कई कारण है। पूरा मामला खुरई के बरोदिया नौनागिर गांव में पिछले साल अगस्त में मृतक अंजना के भाई नितिन अहिरवार की पीट-पीटकर हत्या से शुरु होता है। भाई की हत्या की एफआईआर मृतक अंजना अहिरवार ने दर्ज कराई थी और वह पूरे मामले में अपनी मां के साथ गवाह भी थी। मृतक का आरोप था कि गांव के दबंग ही पूरे मामले में उसके परिवार पर समझौता करने का दबाव डाल रहे थे।
इस बीच बीते सप्ताह मृतक के चाचा राजेंद्र अहिरवार की भी गांव के आरोपियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतक राजेंद्र अहिवार का सागर में पोस्टमार्टम के बाद गांव शव ले जा रही एंबुलेंस से उनकी भतीजी अंजना अहिरवार ने कूद कर अपनी जान दे दी थी। एंबुलेंस से गिरकर अंजना की मौत को परिजन हत्या ठहरा रहे है। वहीं बताया जा रहा है कि अंजना ने मौत से पहले एक कागज पर 10 लोगों के नाम लिखकर भाई रोहित को वाट्सअप किए थे।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा- दलित लड़की अंजना अहिवार की मौत के बाद पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया। खुद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मृतक अंजना के घर पहुंचे और उसके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। दरअसल जब पिछले अंजना के चचेरे भाई की हत्या हुई थी, तब भी दिग्विजय सिंह अंजना के घर पहुंचे थे। इसके बाद अंजना ने दिग्विजय सिंह को राखी भी बांधी थी।
दिग्विजय ने पूरे मामले में सागर प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन के मृतक के परिवार को मिली सुरक्षा हटाने के बाद अंजना के चाचा की हत्या कर दी गई। वहीं अंजना जो एक पढ़ी लिखी महिला थी उस पर भी बयान बदलने का काफी दबाव डाला गया। इसके साथ आरोपियों के परिवार को राजनीतिक संरक्षण मिलने का आरोप भी दिग्विजय सिंह ने लगाया। वहीं दिग्विजय सिंह ने इस घटना पर कलेक्टर और एसपी को हटाने की मांग की है।
वहीं पूरे मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “नरेंद्र मोदी ने कानून का राज खत्म कर दिया है। मध्यप्रदेश में इस दलित परिवार के साथ भाजपा नेताओं ने जो किया है वो सोच कर ही मन पीड़ा और क्रोध से भर गया। यह शर्म की बात है कि भाजपा के राज में सरकार पीड़ित महिलाओं की जगह हमेशा उनके गुनहगारों के साथ खड़ी मिलती है। ऐसी घटनायें हर उस इंसान की हिम्मत तोड़ देती हैं जिसके पास इंसाफ की गुहार लगाने के लिए सिवाय कानून के और कोई रास्ता नहीं होता। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं, कि हम एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जहां कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति भी अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज़ मज़बूती से उठा सकेगा। हम न्याय को दौलत और ताकत का मोहताज नहीं बनने दे सकते”।