गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Bagli may be the next district of Madhya Pradesh
Written By कृष्णपालसिंह जादौन

बागली को मिल सकती है जिले की सौगात

लोकसभा चुनाव के दौरान सभा को संबोधित करते हुए शिवराज ने किया था वादा

बागली को मिल सकती है जिले की सौगात - Bagli may be the next district of Madhya Pradesh
बागली। मार्च के अंतिम दिनों में जब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश की सत्ता संभाली थी तो बागली अनुभाग के रहवासियों में आशा का संचार हुआ था। क्योंकि लोकसभा चुनाव के सौरण 14 मई 2019 को चापड़ा में खंडवा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी नंदकुमारसिंह चौहान के समर्थन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि बागली को जिला बनाऊंगा पर कुछ सीटों के कारण सरकार नहीं बनी पर यदि दोबारा मौका मिला तो सबसे पहला काम बागली को जिला बनाने का रहेगा।
 
हालांकि इसी के साथ उन्होंने नर्मदा-कालीसिंध लिंक योजना को लेकर भी कहा था कि बागली विधानसभा के 36 गांवों के बिना यह अधूरी रहेगी और प्रदेश की कांग्रेस सरकार योजन से छेड़छाड़ कर रही है। हालांकि प्रदेश में शिवराज की चौथी ताजपोशी के बाद से ही उन पर सैद्धांतिक जिम्मेदारी क्योंकि इसके पहले वे कई बार बागली ज़िला बनाओ अभियान सहयोग समिति को केवल आश्वासन देकर बहला चुके हैं। 
 
दो वर्ष पहले भोपाल में आ जमे थे रहवासी : वैसे तो बागली को जिला बनाने की मांग पिछले कुछ दशकों से विभिन्न स्तरों पर चल रही थी। लेकिन वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों के पहले आधिकारिक रूप से बागली ज़िला बनाओ अभियान सहयोग समिति का गठन हुआ था। जिसके केंद्र में पूर्व मख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी को रखा गया था, जिन्होंने दशकों साढ़े तीन दशक तक प्रदेश में बागली का प्रतिनिधित्व किया था।
 
समिति का संयोजक किसान व श्रमिक नेता दिवंगत छतरसिंह यादव को बनाया गया था। वर्ष 2014 के बाद समिति का अध्यक्ष बागली के पूर्व विधायक स्व चंपालाल देवड़ा को बनाया गया। वर्ष 2018 तक समिति की रफ़्तार कभी सुस्त तो गभी तीव्र रही। लेकिन सितंबर 2018 निर्णायक समय माना गया।
 
विधानसभा चुनावों से पहले जोशी के निर्देश पर बागली सहित क्षेत्र में बंद का आह्वान किया गया और रहवासी हजारों की संख्या में अपने अपने खर्च से जुटाए निजी वाहनों से चलकर भोपाल में जोशी के 74 बंगाल स्थित बंगले पर एकत्र हो गए थे। दिन भर के इंतजार के बाद श्यामला हिल्स में सीएम चौहान से मुलाकात हुई जिसमें उन्होंने कहा भी कि बागली का अधिकार पहले है, लेकिन आश्वासन ही मिला। ऐसे आश्वासन पहले भी मिल चुके थे।
 
जोशी का निधन और समिति सुप्तावस्था में : बागली को आश्वासन दिए जाने के बाद विधानसभा चुनावों से ठीक पहले हुई कैबिनेट बैठक में निवाड़ी को जिला घोषित किया गया। जिससे जोशी को बहुत आघात पहुंचा था। इससे बागलीवासी भी निराश हुए।
 
उधर विधनसभा चुनाव में हाटपिपल्या विधानसभा से पूर्व राज्यमंत्री दीपक जोशी चुनाव हार गए और नवंबर 2019 में जोशी का बीमारी के बाद निधन हो गया, जिसके बाद ज़िला बनाओ समिति भी सुप्तावस्था में चली गई और कमलनाथ की सरकार में बागली के नवनिर्वाचित भाजपा विधायक पहाड़सिंह कन्नोजे अकेले रह गए। विधानसभा चुनावों के बाद से ही समिति की ना कोई बैठक हुई और ना ही मांग को लेकर पुनर्गठन को लेकर कोई विमर्श हुआ। 
 
जमीनी स्तर पर हुए कई प्रयास : समिति के अभियान में जमीनी स्तर से लेकर भोपाल तक कई बार मुहिम छेड़ी गई थी, जिसमें ज़िले का प्रस्तावित नक्शा तैयार के भौगोलिक क्षेत्रफल निकाल के अनुमानित जनसंख्या का आकलन किया गया। जनसम्पर्क अभियान के साथ लेटर टू सीएम हुआ। तत्कालीन और पूर्व जनप्रतिनिधियों के समर्थन पत्र लिया गया। नगर परिषदों व जनपद पंचायत ने शासन को प्रस्ताव भेजे। बंद का आह्वान किया गया। 51 दिनों तक रिकॉर्ड 51 ज्ञापन दिए गए। 
 
हालांकि अब सत्ता के गलियरों में अंदरखाने की खबर है कि जल्द ही बागली को जिला बनाने की घोषणा की जा सकती है। क्योंकि आगामी 14 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का जन्मदिवस है। निधन के बाद यह उनका पहला जन्मदिन होगा। जिसके लिए उनके गृहनगर हाटपिपल्या में स्मारक बनाया जाना है। जिसमें उनकी आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी, ऑडिटोरियम हाल, पुस्तकालय और पार्क बनाया जाना है।
 
शनिवार को ही संभागयुक्त आनंद शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता और कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने स्थल के भौतिक निरीक्षण किया है। कहा जा रहा है कि सीएम शिवराज स्वयं भी आ सकते हैं। 14 जुलाई को जोशी की प्रतिमा का अनावरण होगा। हाटपिपल्या में उपचुनाव भी प्रस्तावित है। शुरुआती दौर में पूर्व राज्यमंत्री दीपक जोशी नाराज भी थे, जबकि उपचुनाव भाजपा के लिए नाक का सवाल है। ऐसे में संभावना बन रही है कि यहीं से बागली को ज़िले की सौगात मिल जाए।