मध्यप्रदेश में 25 मार्च से 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा, सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के साथ मदरसों में भी होंगे एग्जाम
भोपाल। मध्यप्रदेश में 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा 25 मार्च से शुरु होगी। 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा में 25 लाख से अधिक बच्चे शामिल होंंगे। जिसमें 8 लाख से अधिक प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे है। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने बताया कि शैक्षिणक सत्र 2022-23 में कक्षा 5वीं और 8वीं के बच्चों की बोर्ड पैटर्न परीक्षा 25 मार्च से शुरु हो रही है। 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा सभी सरकारी, सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल, प्राइवेट स्कूलों और मदरसों में होगी।
संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने बताया कि प्रदेश के सभी स्कूलों में 5वीं और 8वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होगी। उन्होंने कहा कि कुछ प्राइवेट स्कूलों को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक खबरें चल रही थी, इसलिए वह स्पष्ट कर रहे है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में 5वीं और 8वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश 88 हजार 210 सरकारी स्कूलों और 23 हजार 899 प्राइवेट और 1154 मदरसों में SCERT निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार बोर्ड परीक्षा राज्य शिक्षा केंद्र तय तारीखों पर कराएगा। इसमें किसी को किसी भी प्रकार का संशय नहीं होना चाहिए।
जहां तक 25 से 30 शालाओं की बात है तो उनका भी परीक्षा निर्धारित शेड्यूल के अनुसार राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा कराया जाएगा। परीक्षा से किसी को किसी भी प्रकार की छूट नहीं प्रदान की गई है। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने सभी पेंरेट्स से अपील की है कि किसी भी प्रकार की भ्रमित करने वाली खबरों में नहीं आए यह बच्चों के भविष्य का सवाल है। जो भी भ्रामक खबरें फैला रहे है वह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। राज्य शिक्षा केंद्र ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रहा है। वहीं हाईकोर्ट के आदेश के नाम पर लोगों को भ्रमित करना कोर्ट की आवमानना के केस बनता है जिस पर भी राज्य शिक्षा केंद्र विचार कर रहा है।
वहीं राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने बताया कि परीक्षा को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की गई थी उसमें 23 फरवरी को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को छोटी राहत देते हुए कहा कि करीब 25 से 30 शालाओं के बारे आदेश दिया है कि इनके भाषा-1, भाषा-2 और तृतीय भाषा में NCERT के सिलेबस के आधार पर परीक्षा कराई जाए। इसके अलावा राज्य शिक्षा के आदेश में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं है।