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Last Updated : मंगलवार, 6 अगस्त 2024 (14:53 IST)

मध्यप्रदेश में वीडी शर्मा को मिलेगा एक और मौका या नए चेहरे पर दांव लगाएगी भाजपा?

मध्यप्रदेश में वीडी शर्मा को मिलेगा एक और मौका या नए चेहरे पर दांव लगाएगी भाजपा? - Will VD Sharma get another chance in Madhya Pradesh or will BJP bet on a new face?
भोपाल। वीडी शर्मा के बाद मध्यप्रदेश भाजपा की कमान किस नेता के हाथों में यह होगी, यह सवाल इन दिनों भोपाल से लेकर दिल्ली तक सियासी गालियारों में चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। पहले विधानसभा चुनना और फिर लोकसभा चुनाव मे सभी 29 सीटें जीतने का रिकॉर्ड बनाने वाले भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को क्या पार्टी नेतृत्व एक और कार्यकाल देगा, यह भी सवाल सियासी चर्चा के केंद्र में है।

वीडी शर्मा का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा-लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन लोकसभा चुनाव के देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व में उनका कार्यकाल बढ़ दिया था। बतौर भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा है। वीडी शर्मा की मजबूत संगठनात्मक क्षमता की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके है। वहीं बूथ पर भाजपा को मजबूत कर पहले विधानसभा चुनाव में 163 सीटों पर जीत दिलाने वाले और फिर लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटों पर जीत दिलाने वाले वीडी शर्मा को अब केंद्रीय नेतृत्व एक और मौका देगी यह बड़ा सवाल है। वीडी शर्मा खजुराहो से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए है। उन्होंने साढ़े पांच लाख वोटों से जीत हासिल की है। वहीं अगर वीडी शर्मा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से हटते है तो उन्हें केंद्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
नए प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार?- भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्त में जातीय समीकरण को साधा जा सकता  है। ऐसे में जब मुख्यमंत्री ओबीसी कोटे से आते है तब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद सामान्य  श्रेणी में आ सकता  है। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष के संभावित नामों में पार्टी की ज्वाइनिंग टोली के संयोजक नरोत्तम मिश्रा का नाम सबसे उपर है।

नरोत्तम मिश्रा भले ही विधानसभा चुनाव दतिया से हार गए हो लेकिन वह भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिया है। इसके साथ ही सामान्य वर्ग से आने वाले  वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। हलांकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अब 2028 और 2029 को लेकर नई पीढ़ी के नेताओं को कमान सौंपने की तैयारी में है इसलिए गोपाल भार्गव की दावेदारी थोड़ी कमजोर पड़ती है।

इसके साथ सतना से पांचवीं बार सांसद चुने गए गणेश सिंह और राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर भी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार में है। पांच बार के सांसद गणेश सिंह पिछड़ा वर्ग के बड़े चेहरे माने जाते हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा को शिकस्त देकर लगातार पांचवीं बार सांसद बने। गणेश सिंह ने सियासी कॅरियर की शुरुआत जिला पंचायत से की थी । एक बार जिला पंचायत सदस्य और दूसरी बार अध्यक्ष बने।

वहीं बंशीलाल गुर्जर की पहचान बड़े किसान नेता के रुप में होती है। मंदसौर से आने वाले बंशीलाल गुर्जर पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके है। वे भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा कृषि उपज मंडी मंदसौर में लगातार 15 साल तक अध्यक्ष पद पर काबिज रहे. उनकी पत्नी भी जनपद अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी है। बंशीलाल गुर्जर बीजेपी में भी महामंत्री सहित कई पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उनकी पहचान मध्य प्रदेश के बड़े किसान नेताओं में होती है।