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Last Updated : बुधवार, 15 मई 2024 (16:29 IST)

Mp tourism: मध्यप्रदेश में भी हैं राजस्थान जैसे ऐतिहासिक शहर और भव्य किले

Mp tourism: मध्यप्रदेश में भी हैं राजस्थान जैसे ऐतिहासिक शहर और भव्य किले - Historic cities and grand forts of Madhya Pradesh
Historic Forts of Madhya Pradesh: राजस्थान को किले, महल और ऐतिहासिक स्मारकों का राज्य माना जाता है और मध्यप्रदेश को आमतौर पर जंगल और तीर्थ का क्षेत्र माना जाता है परंतु यहां पर आपको राजस्थान जैसे ही महल, किले और ऐतिहासिक स्मारक देखने को मिल जाएंगे। यदि ऐतिहासिक जगहों पर घूमने के शौकिन हैं तो जानिए एमपी के ऐतिहासिक शहरों को।
1. ओरछा | Orchha: अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल और रामराजा की नगरी ओरछा में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भारत से ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानी भी पहुंचते हैं। यहां पर ओरछा के राजाओं द्वारा बनाए गए भव्य मंदिर, महल, किले और स्मारकों को देखना अद्भुत है। बेतवा नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक शहर ओरछा की स्थापना 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत प्रमुख रुद्र प्रताप ने की थी।
 
2. मांडू | Mandu: स्वच्छता में भारत के नंबर वन शहर इंदौर के पास विंध्याचल की खूबसूरत पर्वतमालाओं के बीच 2000 फीट की ऊंचाई पर बसा मांडू मालवा के परमारों द्वारा शासित रहा है। यहां पर राज महाराजों के महल, बावड़ी, तालाब आदि देख सकते हैं। यहां पर प्राकृतिक सुंदरता भी भरपूर है। यह स्थान इंदौर से करीब 98 किलोमीटर दूर है। मानसून में घूमने जा रहे हैं तो और भी अच्छा लगेगा। बस आपको कार चलाते वक्त ध्यान रखना होगा खतरनाक रास्तों का।
 
3. महेश्वर | Maheshwar: इंदौर से करीब 100 किलोमीटर दूर नर्मदा तट पर बसी देवी अहिल्या की नगरी महेश्वर है। यहां पर किला, मंदिर और नर्मदा नदी के साथ ही कई सुंदर, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थान है। प्राचीन काल में महेश्वर का नाम महिष्म‍िति था।
4. ग्वालियर | Gwalior : मध्यप्रदेश का ग्वालियर समृद्धशाली पुरातात्विक धरोहरों से भरापूरा है। ग्वालियर शहर के आसपास कई ऐसे ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं, जो चौथी-पांचवीं सदी व सिंधिया स्टेट के काल में निर्मित होने के बाद वर्तमान में देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए अनजान बने हुए हैं। यहां के महल और किला भी जग प्रसिद्धि है।
4. खजुराहो | Khajuraho : मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध। खजुराहो शिल्प के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय नृत्य समारोह के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। इन विश्व प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं ने सन् 950-1050 के बीच करवाया था। पहले इसका नाम 'खर्जुरवाहक' था। 1986 में यूनेस्को द्वारा इन मंदिरों को 'विश्व धरोहर स्थल' घोषित कर रखा है। यदि आप मानसून में यहां पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां पर आप अपनी पत्नी के साथ जा सकते हैं या अकेले भी जा सकते हैं, लेकिन परिवार के साथ न जाएं। खजुराओं के पास आप सांची के स्तूपों को भी देख सकते हैं। 
 
5. शिवपुरी | shivpuri : शिवपुरी सुंदर पहाड़ और झीलों के लिए प्रसिद्ध है। यह बहुत ही सुंदर हिल स्टेशन ग्वालियर से करीब 3 घंटे की दूरी पर है और आप यहां सिंधिया राजघराने की छतरी, सख्या सागर झील, सिद्धेश्वर मंदिर, भूरा खों जलप्रपात, तात्या टोपे स्मारक पार्क के साथ ही माधव नेशनल पार्क और करेरा पक्षी अभयारण्य घूमने जा सकते हैं। शिवपुरी में पर्यटक प्राचीन महलों, महाराजा एवं राजकुमारों द्वारा बनाई गई छतरियों को देखने आते हैं।
 
6. सांची के स्तूप | Stupa of Sanchi: सांची एक ऐसी जगह है जो ऐतिहासिक स्‍थलों के साथ ही प्राकृतिक स्थल के लिए भी जाना जाता है। सांची केवल बौद्ध धर्म को समर्पित नहीं है यहां जैन और हिन्दू धर्म से सम्बंधित साक्ष्य मौजूद हैं। मौर्य और गुप्तों के समय के व्यापारिक मार्ग में स्थित होने के कारण इसकी महत्ता बहुत थी और आज भी है। सांची अपने आंचल में बहुत सारा इतिहास समेटे हुए है।
मध्यप्रदेश राज्य के किलों की सूची-
अहिल्या किला, खंडवा
असीरगढ़ किला, बुरहानपुर
बजरंगगढ़ किला, गुना
बांधवगढ़ किला, उमरिया
चंदेरी किला, अशोकनगर
धार किला, धार
गढ़ कुंडार, निवाड़ी
गिन्नौरगढ़, भोपाल
गोहद किला, भिंड
ग्वालियर किला, ग्वालियर
हिंगलाजगढ़, मंदसौर
केवटी किला, रीवा
मदन महल, जबलपुर
मंदसौर किला, मंदसौर
मांडू किला परिसर, धार
नरवर किला, शिवपुरी
ओरछा किला, निवाड़ी
रायसेन किला, रायसेन
सबलगढ़ किला, मुरैना
उटीला किला, ग्वालियर
रीवा किला, रीवा
राहतगढ़ किला, सागर
गढ़ाकोटा किला, सागर