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Written By WD

सरकार की ‍नीतियों से बन रहे हैं नक्सली : मायावती

चित्र व रिपोर्ट सुधीर शर्मा

सरकार की ‍नीतियों से बन रहे हैं नक्सली : मायावती -
बहुजन पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को इंदौर के दशहरा मैदान में आमसभा को संबोधित किया। करीब दो घंटे देरी से सभा में पहुंची मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों को जमकर कोसा। मायावती ने कहा कि सस्ते अनाज बांटने से गरीबों का विकास नहीं होने वाला है।

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उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में उन्होंने किसी पार्टी से समझौता नहीं किया है। मायावती ने उत्तरप्रदेश में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में बनाई गई नीतियों का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि उनके शासन काल में कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई।


उन्होंने कहा कि बीएसपी ने साफ-सुथरे उम्मीदवार खड़े किए हैं। आजादी के बाद से देश और मध्यप्रदेश में सत्ता में पार्टी कांग्रेस, बीजेपी अन्य पार्टियों की रही है। उन्होंने कहा कि दलितों, अल्पसंख्यकों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है।

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उन्होंने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर ने अपने प्रयासों से एसी-एसटी को आरक्षण की सुविधा दी गई थी, वह साजिश कर दूसरी पार्टियों द्वारा खत्म की जा रही है। मायावती पार्टी में अभी एक तरफा रूतबा रखती हैं। मंच पर उनके लिए सबसे आगे अलग कुर्सी रखी गई थी। ।
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भूमि अधिग्रहण बिल के तहत गरीबों की जमीन कम ‍कीमत पर पूंजीपतियों को दी जा रही है। मायावती ने कहा कि आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण को लेकर भी केंद्र सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारों ने भूमि अधिग्रहण और पुर्नस्थापन बिल में दलित और गरीब वर्ग के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की।
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लगभग दो घंटा सभा में देरी से पहुंची मायावती अपनी घड़ी की ओर देखती रहीं। उन्होंने कहा कि मैंने सरकार के सामने यह प्रस्ताव रखा था कि उत्तरप्रदेश पैटर्न पर खाली पड़ी भूमि में से गरीबों, दलित और अल्पवर्ग को 3-3 एकड़ भूमि बांट दी जानी चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की। गरीब और दलित, अल्पसंख्यक लोगों की शिक्षा और नौकरी में सुधार नहीं किया गया है, बेरोजगारी के कारण वे नक्सली तक बन गए हैं। गरीबों और बेरोजगार आम जनता, सरकार और प्रशासन पर निकालते हैं। उन्होंने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम और अल्पसंख्यक समाज की हालत में भी कोई सुधार नहीं हुआ है।
उन्होंने मध्यप्रदेश के बारे में कहा कि यहां की सरकार नीतियों से सभी वर्ग परेशान है। पूंजीपतियों की मदद से पार्टियां सत्ता में आती हैं और उन्ही पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीतियां तैयार की जाती हैं। उन्होंने राज्य सरकार मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए बाहर से आने वाले लोगों को रोका।

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मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की गरीबी हटाने की नीतियां भी असफल रही हैं। इन नीतियों से न गरीबी हटी और न ही बेरोजगारी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में रिश्वत दिए बिना कोई कार्य नहीं होता, जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब वर्ग पर पड़ा है। सर्वसमाज के लोग हर राज्य में दुखी हैं।