Last Modified: भोपाल (भाषा) ,
बुधवार, 29 जुलाई 2009 (22:16 IST)
मप्र में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म
मध्यप्रदेश के पाँचों मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत एवं उससे सम्बद्ध अस्पतालों में कार्यरत 1078 जूनियर डॉक्टरों ने उनकी माँगों पर राज्य सरकार के आश्वासन के बाद बुधवार शाम अपनी हड़ताल वापस ले ली।
जुनियर डॉक्टर्स मानदेय बढ़ाने और फीस कम करने जैसी सात सूत्रीय माँगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर थे। आज उनके हड़ताल का दसवाँ दिन था। हड़ताली चिकित्सक कल सुबह आठ बजे से काम पर लौट आएँगे।
मध्यप्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. केके प्रजापति ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा के निवास पर बातचीत में कहा कि विभागीय मंत्री एवं अधिकारियों से एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की आज शाम बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि इस बातचीत के दौरान माँगों पर मिले आश्वासन के बाद यह हड़ताल बिना शर्त वापस ली जा रही है। सभी जूनियर डॉक्टर्स कल सुबह आठ बजे से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज एवं उससे सम्बद्ध अस्पतालों में काम पर लौट आएँगे।
जब उनसे पूछा गया कि दस दिन की हड़ताल के दौरान कई मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ चुके हैं और अनेक मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, जबकि अब भी यह हड़ताल राज्य सरकार के केवल आश्वासन पर समाप्त हो रही है। इससे उन्हें क्या हासिल हुआ, उन्होंने कहा कि मरीजों को हुई परेशानी के लिए वे क्षमा माँगते हैं और उन्हें भरोसा है कि सरकार अपने आश्वासनों को शीघ्र पूरा करेगी।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने 16 से 17 हजार रुपए का मानदेय बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने का आश्वासन जूनियर डॉक्टरों को दिया है, जबकि उनकी माँग इसे 29 से 30 हजार रुपए करने की थी।
इसी तरह फीस को लेकर भी अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुँचा गया है, जबकि भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) मानकों के अनुरूप सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएँ दुरुस्त करने के बारे में जूनियर डॉक्टरों से कहा गया है कि इस बारे में सरकार ने उच्च न्यायालय में हलफनामा पेश किया है और उसके पालन के लिए वह प्रतिबद्ध है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि जिन जूनियर डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेजों से निकाल दिया गया है, सरकार उनका निष्कासन और छात्रावास खाली करने के दिए गए नोटिस भी वापस लेगी।