गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2023
  2. विधानसभा चुनाव 2023
  3. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023
  4. Shivraj is called Modi of Madhya Pradesh

भांजियों के मामा, बहनों के भाई शिवराज को अगर मध्‍यप्रदेश का ‘मोदी’ कहें तो क्‍या गलत होगा?

shivraj singh
एक टीवी इंटरव्‍यू में जब शिवराज सिंह चौहान से पूछा गया कि मध्‍यप्रदेश में कौन सबसे बड़ा चेहरा है तो उन्‍होंने कहा था— मैं ही सबसे बड़ा चेहरा हूं और मैं ही सबसे बड़ा नेता हूं।

यह बात दरअसल, शिवराज सिंह चौहान ने यूं ही हवा में नहीं कही थी। चार टर्म पूरे कर चुके ‘मामा’ ने विधानसभा चुनाव 2023 में यह साबित कर दिखाया कि वे मध्‍यप्रदेश के सबसे बड़े नेता ही नहीं, बल्‍कि ‘मध्‍यप्रदेश के मोदी’ हैं। यह बात अलग है कि मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ में भाजपा की जीत के पीछे ‘मोदी मैजिक’ बताया जा रहा है।

दिलचस्‍प है कि ‘मोदी मैजिक’ टर्म का इस्‍तेमाल चुनाव के नतीजे आने के बाद से अचानक किया जाने लगा है। नतीजों से पहले मोदी मैजिक जैसा कोई टर्म सुनने-पढ़ने को नहीं मिला। मध्‍यप्रदेश में कांटे का मुकाबला और राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़ में ‘कुछ भी हो सकता है’ वाली स्‍थिति बताई जा रही थी। ‘मोदी मैजिक’ होता तो कर्नाटक और तेलंगाना में भी लागू होना चाहिए था।

बहरहाल, शिवराज सिंह चौहान को ‘मध्‍यप्रदेश का मोदी’ क्‍यों कहा जाना चाहिए? दरअसल, इसमें सिर्फ उनके कद की बात ही नहीं, बल्‍कि इसमें शिवराज सिंह के राजनीतिक चरित्र के अर्थ भी निहितार्थ हैं।

इसके लिए हमें विधानसभा चुनाव के शुरुआती प्रचार के दिनों में जाना होगा, चूंकि हमारी स्‍मृति इन दिनों घटती जा रही है तो ऐसे में हम कुछ घटनाओं को भूल जाते हैं। याद करना होगा कि शुरू से ही मध्‍यप्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया। पार्टी के ‘कमल’ के चिन्‍ह को ही भाजपा का चेहरा बताया गया था। यानी यह तय नहीं था कि शिवराज सिंह ही फिर से मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री होंगे।

इसके थोड़ा और आगे झांककर देखते हैं तो याद आता है कि भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी एक सभा में करीब 40 मिनट तक बोले थे, उनके बाजू में मंच पर सीएम शिवराज बैठे मुस्‍करा रहे थे, लेकिन एक दफे भी पीएम मोदी ने शिवराज का नाम नहीं लिया। शिवराज बाद में भी मुस्‍करा रहे थे। यह खबर अभी भी गूगल में मिल जाएगी।

इन सारे वाकयों का जिक्र इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि पार्टी की पहली पंक्‍ति की तरफ से इतनी उपेक्षा बाद भी शिवराज सिंह चौहान ने पूरे प्रदेश में कुल 165 सभाएं कीं। उनके प्‍लान में 180 सभाएं थीं, लेकिन वक्‍त की कमी के चलते इतनी ही कर सके। कई सभाओं में शिवराज को दौड़ते हुए लोगों से मिलते देखा जा सकता है।

मोदी-शाह की तरफ से यह उपेक्षा शिवराज सिंह के लिए एकदम विपरीत स्‍थिति थी, लेकिन बावजूद इसके उन्‍होंने किसी छुटभैये नेता की तरह गिव-अप नहीं किया, न ही ये संकेत दिया कि-- हमें डुबो रहे हो तो तुम्‍हें भी ले डूबेंगे सनम।

शिवराज लगातार चुनावी मैदान में डटे रहे, अपनी बहनों को गले लगाते रहे। भावुक होते रहे, हंसते रहे, लेकिन सीएम चेहरा नहीं होने के बावजूद उन्‍होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाला चरित्र नहीं अपनाया। वे चाहते तो बगावती तेवर दिखा सकते थे। उन्‍हें आज भी पता है कि मध्‍यप्रदेश में सीएम पद की दौड़ में ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया से लेकर प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता उन्‍हें रिप्‍लेस कर सकते हैं। लेकिन वे पार्टी की जीत के लिए लगातार लोगों से ‘कनेक्‍ट’ रहे और उन पर भरोसा करते रहे।

इतना ही नहीं, जब कांग्रेस ने नेता सोशल मीडिया और बंद कमरों में चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे थे, उस वक्‍त शिवराज पूरा प्रदेश नाप रहे थे और लाड़ली बहनों के पैर धो रहे थे। आदिवासी अंचलों और तमाम समुदाय के लोगों के गले मिल रहे, उनके साथ खाना खा रहे थे और वोट मांग रहे थे। अल सुबह से आधी रात तक लगातार 18 घंटे चुनाव प्रचार ने भाजपा को यह जीत दिलाई है।

अगर सीएम शिवराज की अतीत की राजनीति पर नजर डालें तो यकीन हो जाएगा कि अगर इस बंपर जीत के बाद भी उन्‍हें सीएम नहीं बनाया जाता है और उन्‍हें केंद्र में भेजा जाता है तो भी वे पार्टी लाइन को तोड़कर ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जो पार्टी के साथ ही उनके ‘राजनीतिक चरित्र और छवि’ को नुकसान पहुंचाता हो।

पहले ‘मामा’ और अब ‘भाई’ बनकर उन्‍होंने मध्‍यप्रदेश की महिलाओं के ‘मन’ में जगह बनाई। उनमें भरोसा जताया और उन पर भरोसा किया। पार्टी की लाइन को छोटा करने की बजाए शिवराज सिंह चौहान ने हार-जीत के परे और सीएम बनने के सवाल पर धुंध के बावजूद ठीक उसी तरह व्‍यवहार किया, जैसे एक बड़े राजनेता को करना चाहिए। अगर मध्‍यप्रदेश में पांचवीं बार मुख्‍यमंत्री बनने की तरफ बढ़ने वाले शिवराज को ‘मध्‍यप्रदेश का मोदी’ कहा जाए तो क्‍या गलत होगा?
ये भी पढ़ें
Glowing Skin Tips: शादी में दिखना है सुंदर? तो इन 4 स्टेप स्किन केयर को करें फॉलो