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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 23 अगस्त 2023 (13:04 IST)

मध्यप्रदेश भाजपा की उम्मीदवारों की पहली सूची के बाद बगावत का बिगुल, 3 अंचल में विरोध के सुर

मध्यप्रदेश भाजपा की उम्मीदवारों की पहली सूची के बाद बगावत का बिगुल, 3 अंचल में विरोध के सुर - Rebellion after the first list of candidates of Madhya Pradesh BJP
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। उम्मीदवारों के नामों का एलान होने के बाद अब भाजपा ने इन 39 विधानसभा सीटों पर पूरा फोकस कर दिया है। सभी घोषित 39 उम्मीदवारों के साथ जहां  पार्टी के बड़े नेता लगातार दो दिन से मंथन कर रहे है वहीं कुछ विधानसभा सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों का विरोध भी तेज हो गया है।

बुंदलेखंड में खुली बगावत-भाजपा ने पहली सूची में बुंदेलखंड में तीन सीटों पर उम्मीदवारों  के नामों  का एलान किया है। छतरपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने ललिता यादव को उम्मीदवार बनाया है, इशके 2018 में चुनाव हारी अर्चना गुड्ड सिंह ने खुली बागवत कर दी है। ललिता यादव के टिकट के एलान होते हुए अर्चना गुड्डू सिंह के हजारों समर्थक सड़क पर उतर आए हैं। अर्चना गुड्डू ने कांवड़ यात्रा निकालकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता छतरपुर मांगे अर्चना सिंह की तख्तियां लेकर शामिल हुए। गौरतलब है कि 2018 का विधानसभा चुनाव अर्चना गुड्डू सिंह ने 3 हजार वोटों से हार गई थी।

वहीं महाराजपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने मानवेंद्र सिंह भंवर राजा के बेटे कामाख्या प्रताप सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इसके बाद विरोध में जगह-जगह कामाख्या के पुतले जलाए जा रहे हैं, और यह पुतले जलाने वाले कांग्रेसी नहीं बल्कि भाजपा कार्यकर्ता हैं। भाजपा किसान मोर्चा के नेता अवनींद्र पटेरिया, मानिक चौरसिया, सूरज मिश्रा, गुड्डन पाठक सहित अनेक नेताओं ने मानवेंद्र को टिकट दिए जाने पर चुनाव में पहले ही वॉकओवर दिए जाने का दावा कर रहे है। वहीं पन्ना जिले के गुनौर विधानसभा सीट से पार्टी ने पिछला चुनाव हारे राजेश वर्मा को फिर मौका दिया है। जिसके बाद टिकट के अन्य दावेदार और कार्यकर्ताओं ने  खुलकर नाराजगी जताई है।

महाकौशल में पूर्व विधायक ने खोला मोर्चा-भाजपा ने अपनी सूची में महाकौशल में आने वाले बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी से भाजपा में आए राजकुमार कर्राहे को टिकट दिया है। राजकुमार कर्राहे के टिकट के एलान के बाद यहां से दो चुनाव लगातार हार चुके रमेश भटेरे ने मोर्चा खोल दिया है। रमेश भटेरे का कहना है कि आम आदमी पार्टी से आने वाले शख्स को टिकट मिलने से पार्टी के मूल कार्यकर्ता नाराज है। रमेश भटेरे के पिता दिलीप भटेरे पटवा और उमा भारती दोनों की सरकार में मंत्री रहे। रमेश भटेरे दो बार भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे और 2008 का चुनाव जीते  थे। इसके बाद 2013 का विधानसभा चुनाव 32000 से 2018 का चुनाव 18000 से हारने के बाद रमेश भटरे इस बार फिर से टिकट की दावेदारी कर रहे है।

ग्वालियर-चंबल में भी विरोध- भाजपा की पहली सूची के बाद ग्वालियर-चंबल में भी विरोध के सुर उठ रहे है। मुरैना की सबलगढ़ विधानसभा सीट से सरला राव को टिकट देने के बाद भाजपा के तरफ से टिकट के दावेदार प्रदेश महामंत्री रणवीर रावत के बेटे ने भी पार्टी संगठन पर सवाल उठाए है। हलांकि रणवीर रावत ने किसी भी तरह के नाराजगी से इंकार किया है।

वहीं बैतूल की मुलताई विधानसभा सीट से पूर्व विधायक चंद्रशेखर को टिकट दिए जाने के बाद मुलताई में भी विरोध के सुर सुनाई देने लगे है। टिकट के दावेदार भाजपा नेता पलाश कड़वे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा कि “मुलताई को डूबने से कोई नहीं बचा सकता और बीजेपी को जय श्री राम” ।

पहली सूची में पुराने चेहरों पर दांव-विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से भी करीब दो महीने पहले पार्टी ने उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है उसमें कई दिग्गजों को मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी ने 2018 में चुनाव हारे 14 चेहरों को फिर एक बार बार मौका दिया है। इसके साथ विधानसभा चुनाव की उम्मीदवारों की पहली सूची में भाजपा ने जातिगत समीकरणों को भी साधने की कोशिश की है। इसमें ओबीसी और एसटी उम्मीदवारों की संख्या 13-13 के साथ एससी उम्मीदवारों  की संख्या 8 है। इसके साथ भाजपा ने 5 सीटों पर जनरल कैटेगरी के कार्यकर्ताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है। 
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