ग्वालियर-मुरैना में लोकसभा उम्मीदवारों को लेकर फंस गई कांग्रेस, खंडवा में भी बैकफुट पर पार्टी
लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में ग्वालियर अंचल की दो महत्वपूर्ण लोकसभा सीट ग्वालियर और मुरैना में कांग्रेस को उम्मीदवार तलाशने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अब तक तीन बार हुई सीईसी की बैठक में ग्वालियर और मुरैना के पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर मुहर नहीं लग सकी है। इसके साथ खंडवा लोकसभा सीट पर भी पार्टी अब तक अपने उम्मीदवार का नाम नहीं तय कर पाई है।
ग्वालियर में नहीं मिल रहे उम्मीदवार!- भाजपा के गढ़ के तौर पर पहचानी जाने वाली ग्वालियर लोकसभा सीट पर कांग्रेस को एक अदद सशक्त उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है। भाजपा ने ग्वालियर लोकसभा सीट से अपने पुराने कार्यकर्ता और पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाह को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस के लिए संकट और बढ़ा दिया है। अब तक कांग्रेस ने जिन चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी की है वह खुद चुनाव लड़ने से पीछ हट गए है। कांग्रेस हाईकमान पूर्व विधायक प्रवीण पाठक को चुनाव लड़ाना चाहता है लेकिन खुद प्रवीण पाठक इसके लिए तैयार नहीं है।
इसके साथ ही पार्टी नेतृत्व में नीटू सिकरवार को ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी में है लेकिन नीटू सिकरवार मुरैना लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते है। नीटू सिकरवार के परिवार के सदस्य और कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार भी चाहते है कि नीटू सिकरवार मुरैना से चुनाव लड़ें। ऐसे में अब कांग्रेस पूर्व रामसेवक सिंह को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। रामसेवक सिंह 2004 में ग्वालियर से सांसद चुने गए थे लेकिन पैसे लेकर सवाल पूछने के स्टिंग ऑपरेशन में शामिल होने के कारण उन्हें अपनी सांसदी गंवानी पड़ी थी।
मुरैना में उम्मीदवारी पर दिग्गजों में मतभेद- मुरैना लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार तय करने में पार्टी दिग्गजों में मतभेद है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पंकज उपाध्याय के नाम के पक्ष में है लेकिन स्थानीय नेता इनके खिलाफ है। मुरैना में स्थानीय कांग्रेस नेता पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार को चुनावी मैदान में उतराने के पक्ष में है। इसके साथ विजयपुर से सीनियर विधायक रामनिवास रावत और पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाहा भी दावेदारी कर रहे है। मुरैना लोकसभा सीट पर भाजपा ने शिवमंगल सिंह तोमर को चुनावी मैदान में उतारा है। जिनकी गिनती मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के करीबियों में होती है।
खंडवा सीट पर भी फंसा पेंच- खंडवा लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस अब तक अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं कर पाई है। खंडवा लोकसभा सीट पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का नाम चर्चा में है। बताया जा रहा है कि अरुण यादव खुद लोकसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में अब कांग्रेस खंडवा लोकसभा सीट से किसे उम्मीदवार बनाती है यह देखना दिलचप्स होगा।