मध्यप्रदेश में कांग्रेस के संगठन को खत्म करने वाला ‘शाह फॉर्मूला’!
भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में इन दिनों बड़ी संख्या कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे है। विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने वाली भाजपा आखिर क्यों इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करा रही है, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के आने से पार्टी को क्या फायदा होगा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आने से पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की क्या उपेक्षा होगी इसको लेकर सूबे के सियासी हल्कों में लंबे समय से चर्चा गर्म थी।
रविवार को एक दिन के प्रवास पर मध्यप्रदेश आए गृहमंत्री अमित शाह ने इस पूरे राज से पर्दाफाश कर दिया। ग्वालियर में लोकसभा चुनाव को लेकर कल्स्टर की बैठक को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश संगठन को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस विहीन बूथ बनाने के फॉर्मले पर काम करने के निर्देश दिए। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिए कि कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को चुनाव से पहले पार्टी में शामिल कराए। इसके साथ ही उन्हों पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं को समझाइश देते हुए कहा कि दूसरी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी में लाने से किसी भी प्रकार के डरने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही अमित शाह ने साफ सांसद, विधायक और बड़े नेताओं को पार्ट में लाने पर केंद्रीय नेतृत्व पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव सिर्फ जीतने के लिए नहीं लड़ना बल्कि भाजपा को प्रदेश में अजेय पार्टी बनाने के लक्ष्य के साथ काम करना है।
कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से आगाज-भाजपा के चुनावी चाणक्य के बयान से साफ है कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व हाईकमान की हरी झंडी के बाद ही कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करा रहा था। पिछले दिनों कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजदूगी में डेढ़ हजार से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं में प्रदेश कांग्रेस महासचिव उज्ज्वल सिंह चौहान, पांढुर्णा नगर पालिका अध्यक्ष संदीप घाटोडे एवं नगर पालिका के पार्षदगणों, पांढुर्ना जिले के जनपद सदस्यों तथा विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं कांग्रेस के 1500 कार्यकर्ता शामिल हुए।
इसके साथ ही विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के जबलपुर महापौर जगत बहादुर अन्न, विदिशा कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश कटारे, पूर्व विधायक अहिरवार सहित एक हजार से अधिक कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाालों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक है जो बूथ स्तर पर पार्टी का चुनावी मैनेजमेंट संंभालते थे। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले इन कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में तगड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।