नई दिल्ली। अपने क्रिकेट करियर की तरह राजनीति में आगाज के साथ ही कई उतार-चढ़ाव झेलने वाले टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ 'ओपनर' में से एक गौतम गंभीर चुनाव की पिच पर शानदार ओपनिंग करते हुए पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के टिकट पर अभी 3,90,391 मतों से आगे चल रहे हैं।
गंभीर का सामना कांग्रेसी दिग्गज अरविंदर सिंह लवली और आम आदमी पार्टी की आतिशी से था जिन्होंने चुनावी अभियान के दौरान उन पर कई तरह के आरोप भी लगाए थे। बतौर क्रिकेटर अपनी लोकप्रियता, सामाजिक सरोकार और 'मोदी लहर' के दम पर चुनाव में गंभीर अपने पदार्पण मैच में ही नाबाद सैकड़ा जड़ने जा रहे हैं।
चुनाव से 1 महीने पहले ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए गंभीर ने चुनाव आयोग द्वारा जारी रुझानों के बाद ट्वीट में लिखा- 'यह न तो 'लवली कवर ड्राइव' और न ही 'आतिशी बल्लेबाजी' बल्कि भाजपा की 'गंभीर' विचारधारा को लोगों का समर्थन है। सभी को धन्यवाद!'
उन्होंने आगे लिखा कि इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने अपना जमीर और ईमान खोया है और 8 महीने में अपनी सत्ता खोएंगे। जितना कीचड़ आप ने दिल्ली में फैलाया है, उतना ही कमल दिल्ली में खिलेगा।
गंभीर का इशारा मतदान से ठीक पहले आतिशी और आप द्वारा उन पर महिला विरोधी पर्चे बंटवाने के आरोपों पर था। आतिशी ने गंभीर पर उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसे पर्चे बांटने का आरोप लगाया और वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो भी पड़ी थीं। गंभीर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर यह पूरी साजिश रचने का आरोप लगाते हुए चुनौती दी थी कि या तो वे आरोप साबित करें या राजनीति छोड़ दें।
इससे पहले भी उन्होंने गंभीर पर 2 वोटर आईडी रखने के आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की सिफारिश भी की थी। गंभीर 22 मार्च को ही भाजपा में शामिल हुए। उनका यह फैसला हालांकि चौकाने वाला नहीं रहा, क्योंकि देश और समाज से जुड़े मसलों पर उनकी बेबाक टिप्पणियों के चलते उनके राजनीति में आने के कयास काफी समय से लगाए जा रहे थे।
पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस पत्र के बाद ये अटकलें तेज हो गई थीं जिसमें उन्होंने क्रिकेट से संन्यास के बाद गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम के लिए उनके प्रदर्शन को लेकर बधाई देते हुए कहा था कि भविष्य में कई दूसरी पारियों का इससे आगाज होगा।
मोदी ने पत्र में लिखा था कि इस निर्णय से एक नहीं, बल्कि आपके जीवन की कई दूसरी पारियां शुरू होंगी। आपके पास अन्य पहलुओं पर काम का समय और अवसर होगा जिसके लिए पहले आपको समय नहीं मिल रहा था।
दिल्ली के राजिंदर नगर इलाके में रहने वाले और बाराखंभा रोड स्थित मॉडर्न स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले एवं 2 बार के आईपीएल विजेता टीम (केकेआर) के कप्तान गंभीर क्रिकेट के मैदान पर भी अपने आक्रामक तेवरों के लिए विख्यात थे। कई बार क्रिकेट पंडितों को उनकी आक्रामकता नागवार भी गुजरी लेकिन उनके साथी खिलाड़ियों को बखूबी पता था कि यह उनका जोश बढ़ाने के लिए थी।
8 साल पहले वानखेड़े स्टेडियम पर विश्व कप फाइनल में खेली गई 97 रनों की पारी हो या 2007 में पहले टी-20 विश्व कप फाइनल में 54 गेंदों में बनाए 75 रन हों, गौतम गंभीर हमेशा ही बड़े मैचों के खिलाड़ी रहे हैं और राजनीति की पेचीदा पिच पर भी उन्होंने धुआंधार पारी खेलने के संकेत दे डाले हैं। (भाषा)