मोदीमय हुआ हरियाणा, हुड्डा, सैलजा, तंवर, दुष्यंत, भव्य बिश्नोई समेत कई नेता हारे
जींद। हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रदेश में दूसरी बार इतिहास रचते हुए सभी 10 लोकसभा सीटों पर भगवा फहरा दिया है। राज्य के अस्तित्व में आने के बाद यह पहला मौका है, जब लोकसभा चुनाव में पार्टी को बंपर जीत मिली है।
इससे पहले भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में अपने स्तर पर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई थी। इसके बाद हुए लगभग सभी चुनावों में पार्टी को एकतरफा ही जीत मिली है। जीत का यह सिलसिला इस बार के लोकसभा में भी जारी रहा है जिसमें भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की है।
इस चुनाव में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर, पार्टी के प्रत्याशी भव्य बिश्नोई और श्रुति चौधरी तथा निवर्तमान सांसद और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता दुष्यंत चौटाला चुनाव हार गए हैं।
इस चुनाव में यह साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंधी के आगे हरियाणा में राजनीति के कई दिग्गज ढेर हो गए हैं। चुनाव में यह भी साफ हो गया कि जातिगत समीकरणों से अलग होकर हरियाणा के लोग प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर एकजुट हुए हैं।
यह पहला मौका था, जब राज्य में लोकसभा चुनाव बगैर किसी मुद्दे के लड़ा गया। यहां प्रत्याशी बनाम प्रत्याशी के बजाए मोदी बनाम अन्य दलों के प्रत्याशी थे। राज्य में कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ हो गया है। लोकसभा चुनाव से पहले तक विधानसभा में विपक्षी दल की भूमिका निभाने वाली इंडियन नेशनल लोकदल की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि ज्यादातर सीटों पर इसके प्रत्याशी चौथे स्थान पर रहे हैं।
हरियाणा में इस चुनाव में जजपा और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन कर अपने प्रत्याशी चुनावी रण में उतारे थे जिन्हें जनता ने अस्वीकार कर दिया है। हिसार सीट को छोड़कर गठबंधन कहीं भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है।
इस चुनाव के दौरान निवर्तमान सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (एलएसपी) और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर खुद को दलितों और पिछड़ों के प्रतिनिधि के रूप में पेश किया था लेकिन इस गठबंधन को भी बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है। (वार्ता)