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Written By DW
Last Updated : शनिवार, 12 जून 2021 (08:20 IST)

कोरोना: टीका लेने के बाद कुछ लोगों को क्यों होते हैं साइड इफेक्ट

कोरोना: टीका लेने के बाद कुछ लोगों को क्यों होते हैं साइड इफेक्ट | corona vaccine
अस्थायी दुष्प्रभाव जैसे सिरदर्द, थकान और बुखार टीकों के प्रति शरीर की सामान्य प्रतिक्रिया है और ये काफी आम हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि ये तकलीफें भी सबको हों। जानिए क्या है कोरोना के टीके के साइड इफेक्ट का विज्ञान?
   
अस्थायी दुष्प्रभाव इस बात का संकेत है कि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम सक्रिय हो रहा है। अमेरिका की नियामक संस्था एफडीए के वैक्सीन प्रमुख डॉक्टर पीटर मार्क्स को भी पहली खुराक लेने के बाद थकान हुई थी। उन्होंने बताया, 'टीका लेने के अगले दिन मैं ऐसे किसी भी काम को करने की योजना नहीं बनाता था जिसमें थकाने वाली शारीरिक गतिविधि की जरूरत पड़े।'
 
दरअसल होता क्या है कि इम्यून सिस्टम के 2 मुख्य हिस्से हैं जिनमें से पहला शरीर के कोई भी विदेशी तत्त्व की मौजूदगी का एहसास होते ही सक्रिय हो जाता है। जहां टीका लगा होता है वहां व्हाइट ब्लड सेल इकठ्ठा हो जाते हैं जिससे सूजन और जलन होती है और उसी की वजह से सिहरन, दर्द, थकान और दूसरे दुष्प्रभाव होते हैं। यह तुरंत होने वाली प्रतिक्रिया उम्र के हिसाब से कम होती जाती है। यह उन कारणों में से एक है जिनकी वजह से बुजुर्गों के मुकाबले युवाओं में ज्यादा दुष्प्रभाव देखे जाते हैं। यह भी सच है कि कुछ टीकों के दूसरे टीकों के मुकाबले ज्यादा दुष्प्रभाव होते हैं। हालांकि हमें यह ध्यान रखना जरूरी है कि हर शरीर की प्रतिक्रिया अलग होती है।
 
अगर आपको टीका लेने के 1 दिन या 2 दिनों बाद तक भी कुछ भी महसूस नहीं हुआ तो इसका यह मतलब नहीं है कि टीका काम नहीं कर रहा है। परदे के पीछे टीका इम्यून सिस्टम के दूसरे हिस्से को भी सक्रिय कर देता है जिससे एंटीबॉडी बनते हैं और शरीर को कोरोनावायरस से असली बचाव मिलता है। एक बहुत परेशान करने वाला साइड इफेक्ट भी है: इम्यून सिस्टम के सक्रिय होने के बाद कभी-कभी लसीका पर्वों यानी लिंफ नोड में अस्थायी सूजन हो जाती है, जैसे बगलों में।
 
महिलाओं के लिए सावधानी
 
महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाता है कि वो कोविड-19 टीका लेने के बाद मैमोग्राम जरूर करवा लें ताकि किसी सूजे हुए लिंफ नोड को गलती से कैंसर न समझ लिया जाए। हां, सभी साइड इफेक्ट आम भी नहीं होते। लेकिन पूरी दुनिया में टीकों की करोड़ों खुराकें दिए जाने और उसके बाद गहन निगरानी किए जाने के बाद काफी कम गंभीर जोखिम सामने आए हैं। जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन का बनाया टीका दिया गया, उनमें से बहुत कम प्रतिशत लोगों में एक असामान्य किस्म के खून के थक्के देखे गए।
 
कुछ देशों में इन टीकों को बुजुर्गों के लिए ही रख दिया गया लेकिन नियामक संस्थाओं का कहना है कि इन टीकों से जो लाभ हैं, उनका वजन जोखिमों से ज्यादा है। कुछ लोगों को कभी-कभी कुछ गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया भी हो जाती है। इसीलिए आपको टीका लेने के बाद टीकाकरण केंद्र पर ही कम से कम 15 मिनट तक रुक जाने के लिए कहा जाता है ताकि अगर कोई प्रतिक्रिया हो तो उसका तुरंत इलाज किया जा सके। इसके अलावा यह भी जानने की कोशिश की जा रही है कि कई तरह के संक्रमण के साथ कभी-कभी हृदय में होने वाली अस्थायी सूजन और जलन भी एमआरएनए टीकों का कोई दुर्लभ साइड इफेक्ट तो नहीं।
 
ये वही टीके हैं जिन्हें फाइजर मॉडर्ना कंपनियों बनाती हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि वो अभी तक कोई संबंध स्थापित तो नहीं कर पाए हैं, लेकिन वो कुछ रिपोर्टों की निगरानी कर रहे हैं। ये रिपोर्टें अधिकतर किशोर युवाओं या वयस्क युवाओं की हैं।
 
सीके/एए (एपी)
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