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Written By DW
Last Modified: गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023 (08:33 IST)

कौन है छिपे रह कर इसराइल पर हमले करने वाला मास्टरमाइंड

israel
Hamas attack in Israel : जिस वक्त हमास गाजा पट्टी से इसराइल पर हजारों रॉकेट बरसा रहा था, उसी समय फलस्तीनी आतंकवादी मोहम्मद दाइफ का एक ऑडियो टेप भी प्रसारित हो रहा था। इसराइल के मोस्ट वांटेड मोहम्मद दाइफ ने उस टेप में "अल अक्सा फ्लड" का नाम लेकर इस बात के संकेत दिए कि यह हमला यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद पर की गई कार्रवाई का बदला है।
 
दो साल से रची जा रही थी साजिश
मई 2021 में इस्लाम की तीसरी सबसे पवित्र जगह पर इसराइल की कार्रवाई ने अरब और मुस्लिम जगत को काफी नाराज किया। गाजा में हमास से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दाइफ ने तभी इस हमले की योजना बनानी शुरू कर दी थी। इस हमले में इसराइल के 1,000 से ज्यादा लोगों की जान गई है।
 
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में इस सूत्र ने कहा, "रमजान के दौरान इसराइल का अल अक्सा में घुसने, श्रद्धालुओं को पीटने, उन पर हमला करने और बूढ़े और जवानों को घसीट कर मस्जिद से बाहर निकालने के दृश्यों की तस्वीरों और वीडियो ने इसे चिंगारी दिखाई। इन सब ने गुस्से को भड़काया।"
 
यरुशलम, धर्म और संप्रभुता के नाम पर हिंसा के केंद्र में रहा है। वहां पर इस कार्रवाई के बाद इसराइल और हमास के बीच 11 दिन तक युद्ध हुआ। दो साल से ज्यादा समय के बाद 7 अक्टूबर को हुआ हमला, 1973 के अरब-इसराइल युद्ध के बाद इसराइल की सुरक्षा में यह सबसे बड़ी चूक थी। इसने इसराइल को युद्ध की घोषणा करने और गाजा पर जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया, जिसमें 10 अक्टूबर तक 800 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
 
हमलों में बचता रहा मास्टरमाइंड
इसराइल के सात हमलों में बाल-बाल बचे मोहम्मद दाइफ को कभी भी सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। दाइफ की आवाज भी बहुत कम ही सुनाई देती है। 7 अक्टूबर को जब हमास के टीवी चैनल पर दाइफ के बोलने की घोषणा हुई, तो फलस्तीनी समझ गए कि कुछ बड़ा होने जा रहा है। टीवी पर प्रसारित टेप में दाइफ ने कहा, "आज अल अक्सा का गुस्सा, हमारे लोगों और देश का क्रोध उबल रहा है। हमारे मुजाहिदीनो, आज इस अपराधी को यह समझाने का तुम्हारा दिन है कि उसका समय खत्म हो गया।"
 
दाइफ की सिर्फ तीन तस्वीरें हैं। एक में उसकी उम्र 20 साल के आसपास है। दूसरी तस्वीर में उसके चेहरे पर मास्क है और तीसरी तस्वीर में सिर्फ उसकी छाया है, जो ऑडियो टेप के प्रसारण में इस्तेमाल की गई। दाइफ कहां है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं। हालांकि इस बात की बहुत संभावना है कि वह गाजा में ही बनाई गई सुरंगों के नेटवर्क में कहीं है। एक इसराइली सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि दाइफ इस हमले की साजिश रचने से लेकर अंजाम देने के मामले में सीधे शामिल था। 
 
दो दिमाग, एक मास्टरमाइंड
हमास से जुड़े स्रोत ने बताया कि हमले की तैयारी का फैसला दाइफ और याह्वा सिनवार ने संयुक्त रूप से लिया था। दाइफ जहां हमास के अल कासिम ब्रिगेड का प्रमुख है, वहीं सिनवार गाजा में हमास के नेता। हालांकि हमले का पूरा कर्ता-धर्ता कौन है, यह बिल्कुल साफ था। सूत्र ने कहा, "दो लोगों के दिमाग थे, लेकिन मास्टरमाइंड एक ही था।" सूत्र ने यह भी बताया कि इस अभियान की जानकारी हमास के भी सिर्फ मुट्ठीभर नेताओं को ही थी।
 
गोपनीयता इतनी अधिक थी कि इसराइल के घोषित शत्रु और हमास के लिए धन से लेकर प्रशिक्षण और हथियारों के प्रमुख स्रोत को भी बस इतना ही पता चला था कि हमास एक बड़े अभियान की तैयारी में जुटा है। एक क्षेत्रीय स्रोत ने बताया कि अभियान का समय और दूसरे ब्योरों के बारे में उन्हें भी खबर नहीं थी।
 
ईरान को भी पूरी खबर नहीं
इस सूत्र का कहना है कि ईरान को यह जानकारी थी कि एक बड़े अभियान की तैयारी है। हमास, फलस्तीनी नेतृत्व, ईरान समर्थित लेबनानी चरमपंथी गुट हिज्बुल्ला और ईरान की संयुक्त बातचीत में कभी इस बात पर चर्चा नहीं हुई।
 
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खमेनेई ने 10 अक्टूबर को कहा कि उनका देश इसराइल पर हुए हमले में शामिल नहीं है। अमेरिका का कहना है कि ईरान इससे वाकिफ था, लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि ईरान ने हमलों में सीधे तौर पर हिस्सा लिया।
 
दाइफ ने योजना को छिपाए रखने के लिए काफी तैयारी की थी। इसराइल को यह भरोसा दिलाया गया कि प्रबल शत्रु ईरान का सहयोगी हमास, संघर्ष शुरू करने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है, बल्कि गाजा के आर्थिक विकास पर ध्यान दे रहा है, जहां वह शासन में है।
 
इधर इसराइल गाजा के कामगारों को आर्थिक प्रोत्साहन देने में जुटा था, उधर हमास के लड़ाकों का प्रशिक्षण और अभ्यास कराया जा रहा था। हमास से जुड़े सूत्र का कहना है कि कई बार तो यह काम इसराइली सेना की नजरों के सामने हुआ। हमास के विदेशी मामलों के प्रमुख अली बराका ने कहा, "हमने इस लड़ाई के लिए दो साल तैयारी की।"
 
इसराइल से हमास की मांग
टीवी पर प्रसारित टेप में दाइफ ने सहज आवाज में कहा कि हमास ने कई बार इसराइल को फलस्तीनी लोगों के खिलाफ अपराध बंद करने, कैदियों को छोड़ने की बात कही, जिन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके साथ ही फलस्तीनी जमीन को जब्त करना बंद करने को भी कहा।
 
दाइफ ने कहा, "हर दिन कब्जा करने वाले हमारे गांवों में आ धमकते हैं। गांवों, कस्बों और वेस्ट बैंक के शहरों के घरों में घुस कर लोगों को मारते और घायल करते हैं, तोड़फोड़ करते हैं और लोगों को हिरासत में लेते हैं। इसी के साथ उन्होंने हमारी हजारों एकड़ जमीन जब्त कर ली है, लोगों को बनी-बनाई बस्तियों से निकाला जा रहा है और गाजा पर उनकी आपराधिक घेराबंदी कायम है।"
 
पश्चिमी तट पर करीब एक साल से अशांति है। लगभग 100 किलोमीटर लंबे और 60 किलोमीटर चौड़े इलाके पर 1967 में इसराइल ने कब्जा कर लिया और तभी से यह इसराइली-फलस्तीनी संघर्ष के केंद्र में है।
 
दाइफ के मुताबिक, हमास ने अंतरराष्ट्रीय सुदाय से आग्रह किया कि वह "कब्जे के अपराध" को खत्म कराए, लेकिन इसराइल ने अपनी भड़काऊ गतिविधियां तेज कर दीं। दाइफ का यह भी कहना है कि उसने इसराइल से मानवीय समझौता करने और फलस्तीनी कैदियों को छोड़ने की मांग की, लेकिन उसे ठुकरा दिया गया। 
 
दाइफ ने कहा, "कब्जे का तांडव और अंतरराष्ट्रीय कानूनों और समाधानों से इनकार और अमेरिका और पश्चिमी देशों का समर्थन और इस मामले में अंतरराष्ट्रीय चुप्पी को देखते हुए हमने यह सब खत्म करने का फैसला किया।"
 
मोहम्मद मासरी से मोहम्मद दाइफ
1965 में खान यूनिस रिफ्यूजी कैंप में मोहम्मद मासरी के रूप में दाइफ का जन्म हुआ था। यह कैंप 1948 के अरब-इसराइली युद्ध के बाद शरणार्थियों के लिए बना था। 1987 में फलस्तीन का पहला इंतिफादा (फलस्तीनी विद्रोह) शुरू हुआ। इसी दौरान हमास से जुड़ने के बाद उसे मोहम्मद दाइफ कहा गया। 
 
दाइफ ने गाजा की इस्लामिक यूनिवर्सिटी से साइंस में डिग्री हासिल की। यूनिवर्सिटी में उसने भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान की पढ़ाई की। यूनिवर्सिटी के एंटरटेनमेंट कमेटी के प्रमुख के रूप में उसने कला में अभिरुचि दिखाई और स्टेज पर कॉमेडियन के रूप में परफॉर्म भी किया है।
 
हमास में आगे बढ़ने के साथ दाइफ ने सुरंगों का नेटवर्क बनाने पर काम किया और बम बनाने में  विशेषज्ञता हासिल की। आत्मघाती बम धमाकों के जरिए दर्जनों इसराइली लोगों की हत्या का उसे जिम्मेदार माना जाता है। 
 
दाइफ के लिए छिपे रहना जीवन और मृत्यु का सवाल है। हमास के स्रोत का कहना है कि इसराइल के एक हमले में उसकी एक आंख चली गई और एक पैर में गंभीर चोट आई। 2014 में एक इसराइली हवाई हमले में उसकी पत्नी, सात महीने का बेटा और तीन साल की बेटी की मौत हो गई।
 
हमास के हथियारबंद गुट को चलाते रहने पर भी जिंदा बचे रह कर उसने अपने लिए फलस्तीनी लोकनायक का दर्जा हासिल किया है। वीडियो में वह मास्क पहने ही नजर आता है या फिर उसकी छाया दिखती है। हमास के सूत्र ने बताया कि वह स्मार्टफोन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल नहीं करता। सूत्र ने कहा, "वह मायावी है और साये में रहने वाला आदमी।"
एनआर/एसएम (रॉयटर्स) 
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