बिना मिट्टी और सूरज के उग सकेंगी सब्जियां
उत्तरी ध्रुव पर काम कर रहे वैज्ञानिक जल्द ही अपने भोजन में ताजा सलाद को शामिल कर पाएंगे। एक नए ग्रीनहाउस प्रोजेक्ट के कारण ऐसा संभव हो पाया है।
यह एक ऐसा हाई-टेक ग्रीन हाउस है, जिसमें सब्जियों और अन्य वस्पतियों को मिट्टी और सूरज की रोशनी के बिना ही उगाया जा सकता है। इस पर जर्मनी की एयरोस्पेस एजेंसी डीएलआर काम कर रही है। उम्मीद है कि यह दिसबंर में तैयार होगा। डीएलआर का मुख्य उद्देश्य मंगल और चांद पर पहुंचने वाले मानव मिशनों के लिए ऐसे ग्रीन हाउस को तैयार करना है। स्पेस इंजीनियर पॉल जाबेल इस ग्रीन हाउस में अगले एक साल तक ककड़ी, टमाटर, मिर्च, स्ट्रॉबेरी और अन्य सलाद उगाएंगे।
अपने एक इंटरव्यू में जाबेल ने कहा कि वह उम्मीद कर रहे हैं कि पहली फसल फरवरी तक आ जायेगी। उसके बाद अंटार्कटिका में सर्दियों के दिन शुरू हो जाते हैं और उसके बाद न्यूमायर स्टेशन तीन के शोधकर्ता सिर्फ अपने भरोसे होते हैं। अल्फ्रेड वेगनर इंस्टीट्यूट के एबरहार्ड कोहलबर्ग कहते हैं, एक ऐसा बड़ा मौका आता है जब हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम ग्रीन हाउस का इस्तेमाल कर पायेंगे। वे उत्तरी ध्रुव का स्टेशन चला रहे हैं।
उनके अनुसार करीब 10 ग्रीन हाउस उत्तरी ध्रुव के शोधकर्ताओं को ताजी सब्जियां उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन उनमें एक भी ऐसा नहीं है, जो इस तरह की तकनीक पर आधारित हो। नए ग्रीन हाउसों में सब्जियां एक कन्टेर में उगाई जायेंगी जहां कृत्रिम रोशनी की व्यवस्था होगी और पोषक तत्वों के घोल दिये जाएंगे। ग्रीनहाउस की एक बंद परिधि है जहां हवा और पानी लगातार रिसाइकल होता है।
शोधकर्ता अगले एक साल तक इस ग्रीनहाउस पर काम करेंगे जहां वे देखेंगे कि इस ग्रीनहाउस को चलाने के लिए कितनी ऊर्जा की जरूरत होती है और उसकी पूर्ति कैसे की जा सकती है। चांद और मंगल के मानव मिशनों के लिए इन ग्रीन हाउसों को पूरी तरह से अक्षय ऊर्जा पर निर्भर रहना होगा।
एसएस/ओएसजे (डीपीए)