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Written By DW
Last Updated : बुधवार, 7 दिसंबर 2022 (18:28 IST)

सरकार पलटने के संदेह में जर्मनी में चरमपंथी ठिकानों पर हजारों पुलिसकर्मियों का छापा

सरकार पलटने के संदेह में जर्मनी में चरमपंथी ठिकानों पर हजारों पुलिसकर्मियों का छापा - Thousands of policemen raid extremist hideouts in Germany
-एनआर/एए (एपी, एएफपी, डीपीए)
 
जर्मनी में हजारों की संख्या में पुलिसकर्मियों ने धुर दक्षिणपंथी चरमपंथियों के दर्जनों ठिकानों पर छापे मारे हैं। कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। आरोप है कि ये लोग ताकत के जरिये देश में सरकार पलटने की कोशिश कर रहे थे। अभियोजकों के मुताबिक 'आतंकवादी संगठन की सदस्यता' के संदेह में अब तक 22 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
 
संघीय अभियोजकों ने जानकारी दी है कि करीब 3,000 पुलिस अधिकारियों ने जर्मनी के 11 राज्यों में 130 ठिकानों पर छापे मारे हैं। ये छापे कथित राइष सिटिजन (राइषबुर्गर) अभियान चलाने वालों के ठिकाने पर मारे गये हैं। ये वो लोग हैं, जो जर्मनी में युद्ध के बाद बने संविधान को नहीं मानते और सरकार बदलने के लिए अभियान चला रहे हैं। इसी साल केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री को अगवा करने की तैयारी में जुटे कुछ संदिग्ध लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
 
अभियोजकों के मुताबिक 'आतंकवादी संगठन की सदस्यता' के संदेह में अब तक 22 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनके अलावा 1 रूसी नागरिक समेत 3 और लोग भी हिरासत में हैं जिन पर संगठन को मदद देने का संदेह जताया गया है।
 
सेना के बैरक में भी संदिग्ध
 
जर्मन साप्ताहिक 'डेयर श्पीगल' ने खबर दी है कि जिन ठिकानों की तलाशी ली गई है, उनमें जर्मनी की स्पेशल फोर्स यूनिट केएसके के दक्षिण पश्चिमी राज्य काल्व के बैरक भी शामिल हैं। यह यूनिट पहले भी धुर दक्षिणपंथी गतिविधियों में कुछ सैनिकों के शामिल होने की जांच में अधिकारियों की नजर में रही है। संघीय अभियोजकों ने बैरक की तलाशी की खबर की पुष्टि करने से मना कर दिया है।
 
इस मामले में जर्मन सेना का एक सक्रिय सैनिक और कई रिजर्व सैनिक संदेह के दायरे में हैं। इस सैनिक के घर और ग्राफ जेपेलिन बैरक में दफ्तर पर छापे मारे गए हैं। सेना के मिलिट्री काउंटर इंटेलिजेंस सर्विस ने यह जानकारी दी है।
 
संदिग्धों की गिरफ्तारी जर्मनी के बाडेन वुर्टेमबर्ग, बवेरिया, बर्लिन, हेसे, लोअर सैक्सनी, सैक्सनी, थुरिंजिया राज्यों से हुई है। जर्मनी के साथ ही ऑस्ट्रिया के कित्जबॉयहेल और इटली के पेरुजिया में भी 1-1 व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
 
अभियोजकों का कहना है कि संदिग्ध सरगानाओं की पहचान हाइनरिष अष्टम पीआर और रुडिगर वीपी के रूप में हुई है जिन्हें पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों पर पिछले साल जर्मनी की मौजूदा व्यवस्था को बदलकर अपने तरीके की सरकार स्थापित करने के लक्ष्य के साथ एक आतंकवादी संगठन' बनाने के आरोप हैं।
 
संदिग्ध इस बात को जानते थे कि उनका लक्ष्य सिर्फ सैन्य तरीकों और ताकत के इस्तेमाल से ही हासिल हो सकता है। अभियोजकों का मानना है कि ये लोग अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए मौजूदा सरकार के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल करने की तैयारी में थे। संदिग्ध पर 2021 के नवंबर से ही इसकी तैयारी करने के आरोप लगे हैं। अभियोजकों के मुताबिक संदिग्धों ने हथियारबंद लोगों के समूह के साथ जर्मन संसद में घुसने की योजना बनाई थी।
 
रूसी अधिकारियों से संदिग्धों का संपर्क
 
संघीय अभियोजकों का कहना है कि हाइनरिष अष्टम पीआर ने रूसी अधिकारियों से संपर्क किया था और उनका मकसद मौजूदा जर्मन सरकार को हटाने के बाद देश में एक नई व्यवस्था लागू करने का था। इस ग्रुप को एक रूसी महिला विटालिया बी से सहयोग मिलने की बात भी कही जा रही है। अभियोजकों ने बताया कि मौजूदा जांच के मुताबिक अभी इस बात के संकेत नहीं मिले हैं कि जिस अधिकारी से संपर्क किया गया, उसने इनके अनुरोध का सकारात्मक जवाब दिया या नहीं?
 
डेयर श्पीगल के मुताबिक पुलिस ने बिर्गिट एम. डब्ल्यू नाम की एक और महिला को भी हिरासत में लिया है। यह महिला पहले जज अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड पार्टी यानी एएफडी की सांसद भी रह चुकी है। एएफडी एक धुर दक्षिणपंथी राजनीतिक दल है, जो चरमपंथियों से अपने संबंध के चलते जर्मन एजेंसियों की नजर में बार-बार जांच का विषय बन रहा है।(फोटो सौजन्य : डॉयचे वैले)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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