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Written By DW
Last Updated : सोमवार, 24 जुलाई 2023 (09:06 IST)

स्पेन में वामपंथी सरकार के खिलाफ दक्षिणपंथियों की अधूरी जीत

स्पेन में वामपंथी सरकार के खिलाफ दक्षिणपंथियों की अधूरी जीत - Partial victory of the right against the leftist government in Spain
-वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)
 
Alberto Nunez Feho: स्पेन में रविवार को हुए आम चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है लेकिन दक्षिणपंथी पॉप्युलर पार्टी सबसे अधिक सीटें जीतने में कामयाब हुई है। स्पेन में भीषण गर्मी में हुए मतदान के बाद रविवार को किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। हालांकि दक्षिणपंथी पॉप्युलर पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं लेकिन वामपंथी दलों ने भी नतीजों पर जश्न मनाया है।
 
मतगणना लगभग पूरी हो जाने के बाद पॉप्युलर पार्टी (पीपी) के नेता एल्बेर्तो नुनेज फेहो ने जीत का दावा करते हुए कहा कि वह सरकार बनाने की कोशिश करेंगे। फेहो ने कहा कि सबसे अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी के उम्मीदवार होने के नाते मेरा मानना है कि यह मेरा फर्ज है कि सरकार बनाने की कोशिश करूं।
 
स्पेन की संसद के निचले सदन कांग्रेस ऑफ डेप्यूटीज में कुल 350 सीटें हैं। पीपी को 136 सीटें मिली हैं जबकि वामपंथी दल स्पैनिश सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी को 122 सीटें मिली हैं। वोक्स पार्टी को 33 और सुमार पार्टी को 31 सीटें मिली हैं।
 
चुनाव से पहले भी इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि पीपी और अति-दक्षिणपंथी दल वोक्स गठबंधन कर सकते हैं। फेहो की सरकार बनाने की उम्मीद इसी संभावना पर टिकी है। हालांकि तब भी उन्हें छोटे दलों का साथ चाहिए होगा। लेकिन उन्होंने अपनी जीत का दावा करते हुए अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया।
 
वामपंथियों ने भी मनाया जश्न
 
122 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रहने के बावजूद सोशलिस्ट पार्टी के समर्थकों ने भी जीत का जश्न मनाया है। मौजूदा प्रधानमंत्री सांचेज की पार्टी और उनके सहयोगी दलों को कुल मिलाकर पीपी से ज्यादा सीटें मिली हैं। वामपंथी दल के पास कुल मिलाकर 172 सांसदों का समर्थन हो सकता है जबकि फेहो के पास 170 सांसद ही होंगे। सरकार बनाने के लिए 176 सांसदों की जरूरत है।
 
सांचेज ने नतीजों पर खुशी जताते हुए कहा कि पिछले चार साल में हमने जितनी प्रगति की है, उसे खत्म करने की इच्छा रखने वाला प्रतिगामी धड़ा विफल हो गया है। पाप्युलर पार्टी और वोक्स का प्रतिगामी गठबंधन हरा दिया गया है। स्पेन को पीछे ले जाना चाहने वालों की तुलना में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जो चाहते हैं कि स्पेन आगे की ओर बढ़ता रहे।
 
क्या कहते हैं विश्लेषक?
 
कई चुनाव विश्लेषकों का अनुमान है कि स्पेन में इसी साल दोबारा चुनाव हो सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषक वेरोनिका फुमानल कहती हैं कि पॉप्युलर पार्टी के लिए यह पिछड़ी हुई जीत है। दक्षिणपंथियों को अब अति-दक्षिणपंथियों की मदद लेनी होगी। और तब भी मुश्किल होगा। मुझे तो संसद में गतिरोध ही नजर आ रहा है।
 
अब दोनों ही पक्षों को छोटे दलों के साथ मोलभाव करना होगा जिसका नतीजा सरकार बनाने में देरी के रूप में सामने आ सकता है। इस गतिरोध ने कैटालोन्या की अलगाववादी पार्टी हुंट्स को संभावित किंगमेकर की भूमिका दे दी है। अगर 7 सीटें जीतने वाली हुंट्स कैटालोन्या की आजादी के लिए जनमत संग्रह की शर्त रखती है तो फेहो और सांचेज दोनों के लिए उसका साथ लेना मुश्किल हो सकता है। हुंट्स की नेता मिरियम नोगेरास ने कहा कि हम सांचेज को बिना कुछ लिए प्रधानमंत्री नहीं बनाएंगे।
 
उधर पीपी-वोक्स गठबंधन की सरकार बनने का अर्थ यह होगा कि यूरोपीय संघ का एक और सदस्य दक्षिणपंथी हो जाएगा। ऐसा चलन हाल ही में स्वीडन, फिनलैंड और इटली में देखने को मिला है। इस बदलाव से जर्मनी और फ्रांस जैसे देश ज्यादा खुश नहीं होंगे, क्योंकि इसका अर्थ खासतौर पर ईयू की आप्रवासन और जलवायु परिवर्तन संबंधी नीतियों में बदलाव के रूप में देखने को मिल सकता है।(Photo Courtesy: Deutsche Vale)
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