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Written By DW
Last Updated : सोमवार, 30 दिसंबर 2024 (09:17 IST)

ईडी: मानव तस्करी में कनाडाई कॉलेजों की भूमिका की जांच

ईडी: मानव तस्करी में कनाडाई कॉलेजों की भूमिका की जांच - Investigation into the role of Canadian colleges in human trafficking
-आमिर अंसारी
 
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मानव तस्करी के जरिए कनाडा की सीमा से भारतीय लोगों को अमेरिका भेजने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में कनाडा के कुछ कॉलेजों और कुछ भारतीय संस्थाओं की संलिप्तता की जांच कर रहा है।
 
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की यह जांच गुजरात के डिंगुचा गांव के रहने वाले 4 सदस्यीय परिवार की मौत से जुड़ी है। इस परिवार की मौत कनाडा-अमेरिका सीमा पार करने के दौरान सर्दी में जमकर हो गई थी। यह परिवार 19 जनवरी, 2022 को कनाडा-अमेरिका सीमा को अवैध रूप से पार करने का प्रयास करते समय मारा गया था।
 
कई लोगों पर मानव तस्करी के आरोप
 
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ईडी ने मुख्य आरोपी भावेश अशोकभाई पटेल और कुछ अन्य के खिलाफ अहमदाबाद पुलिस की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की आपराधिक धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की है। ईडी के मुताबिक पटेल और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने 'मानव तस्करी का अपराध करके लोगों (भारतीयों) को अवैध चैनलों के माध्यम से कनाडा के जरिए अमेरिका भेजने की एक सुनियोजित साजिश रची।'
 
ईडी की जांच में पहले पाया गया था कि इस मानव तस्करी रैकेट के हिस्से के रूप में, आरोपी ने कनाडा स्थित कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में अवैध रूप से अमेरिका जाने के इच्छुक लोगों के लिए प्रवेश की 'व्यवस्था' की थी।
 
कैसे भेजते थे अमेरिका?
 
मंगलवार को ईडी ने एक बयान में कहा कि ऐसे लोगों के लिए कनाडा का छात्र वीजा आवेदन किया गया था और जब वे उस देश में पहुंचे तो कॉलेज में दाखिला लेने के बजाय उन्होंने 'अवैध रूप से' अमेरिका-कनाडा सीमा पार कर ली और कभी कनाडाई कॉलेज में दाखिला नहीं लिया।
 
ईडी का यह भी आरोप है कि, 'इसके मद्देनजर, कनाडा स्थित कॉलेजों को मिली फीस को व्यक्तियों के खाते में वापस भेज दिया गया।' ईडी के मुताबिक निर्दोष भारतीयों को अमेरिका में अवैध प्रवेश के लिए 'लालच' दिया गया और प्रति व्यक्ति 55 से 60 लाख रुपए वसूले गए।
 
ईडी की कार्रवाई
 
जांच एजेंसी ने कहा कि उसने इस मामले में 10 और 19 दिसंबर को मुंबई, नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा में 8 जगहों पर नए सिरे से तलाशी ली। ईडी ने कहा कि यह पता चला कि 2 'संस्थाएं' जिनमें से एक मुंबई और दूसरी नागपुर में स्थित है, ने कमीशन के आधार पर विदेशों में स्थित यूनिवर्सिटियों में भारतीयों के प्रवेश के लिए एक 'समझौता' किया।
 
ईडी ने कहा कि हालिया जांच में पाया गया कि एक संस्था द्वारा लगभग 25,000 छात्रों को तथा दूसरी संस्था द्वारा 10,000 से अधिक छात्रों को हर साल भारत के बाहर स्थित विभिन्न कॉलेजों में भेजा जा रहा है।
 
गुजराती परिवार की हुई थी मौत
 
इसी साल नवंबर में अमेरिका में गुजराती परिवार की मौत के मामले में सुनवाई शुरू हुई थी। मानव तस्करी के इस मुकदमे के एक गवाह ने अदालत से कहा कि वह 500 से अधिक भारतीय प्रवासियों को तस्करी के जरिए अमेरिका लाया।
 
51 साल के गवाह राजिंदर सिंह ने कहा कि उसने इस तस्करी योजना के तहत 4 लाख डॉलर से अधिक कमाए जिसमें 2 ऐसे लोग शामिल थे जिन पर अब मानव तस्करी के लिए मुकदमा चल रहा है। ये हैं हर्षकुमार रमनलाल पटेल और फ्लोरिडा के स्टीव शैंड।
 
सिंह ने बताया कि छात्र वीजा पर लोगों को कनाडा लाने के बाद वह आमतौर पर ब्रिटिश कोलंबिया से लोगों को वॉशिंगटन में तस्करी करके लाता था, जहां वह उबर ड्राइवरों को प्रवासियों को लाने का आदेश देता था।
 
लेकिन 2021 के अंत में स्मगलिंग ऑपरेशन के सदस्यों ने अपनी योजना बदल दी। उन्होंने लोगों को वॉशिंगटन के बजाय मिनेसोटा में सीमा पार करने के लिए भेजना शुरू कर दिया।
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