गुरुवार, 5 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. Indians from Afghanistan are also being brought back through other countries
Written By DW
Last Updated : बुधवार, 25 अगस्त 2021 (15:39 IST)

दूसरे देशों के रास्ते भी वापस लाए जा रहे हैं अफगानिस्तान से भारतीय

दूसरे देशों के रास्ते भी वापस लाए जा रहे हैं अफगानिस्तान से भारतीय - Indians from Afghanistan are also being brought back through other countries
रिपोर्ट : चारु कार्तिकेय
 
अफगानिस्तान में कई ऐसे भारतीय नागरिक भी फंसे हुए हैं जो वहां दूसरे देशों की कंपनियों के लिए काम कर रहे थे। संभव है कि ऐसे देश भी इन भारतीयों को वहां से निकाल लें और बाद में उन्हें वापस भारत लाया जाए। अभी ऐसे भारतीय नागरिकों की कुल संख्या के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन उन्हें निकालने की भी कोशिशें जारी हैं। 23 अगस्त को भारतीय वायु सेना के एक विमान ने 25 भारतीयों समेत 78 लोगों को काबुल से ताजिकिस्तान के दुशांबे पहुंचाया।
 
24 अगस्त की सुबह उन सब लोगों को दिल्ली लाया गया। इन 78 लोगों में कई अफगान हिन्दू और सिख भी थे। इसी के साथ 16 अगस्त के बाद अभी तक काबुल से दिल्ली लाए गए लोगों की संख्या 800 पार कर गई। 21 अगस्त को 146 भारतीय नागरिकों को नाटो और अमेरिकी विमानों ने काबुल से कतर की राजधानी दोहा पहुंचाया था।
 
ऑपरेशन देवी शक्ति
 
अगले दिन उन्हें भी वापस भारत ले आया गया था। भारत ने काबुल से लोगों को बचा कर लाने के अभियान को ऑपरेशन देवी शक्ति नाम दिया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका, यूके, यूएई, फ्रांस, जर्मनी और कतर ने कहा है कि अफगानिस्तान में जो भारतीय उनके लिए काम कर रहे थे उन्हें वो निकाल लाएंगे। उन्हें बाद में भारत लाया जाएगा।
 
इस बीच नाटो सेनाओं के अफगानिस्तान पूरी तरह से छोड़ने की समयसीमा करीब आ रही है और ऐसे में तालिबान के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। काबुल हवाई अड्डे पर अभी भी विदेशी सेनाएं तैनात हैं लेकिन 23 अगस्त को तालिबान के हवाई अड्डे पर भी गोली चलाने की खबरें आई थीं।
 
क्या निकल पाएंगे सब?
 
इन हालात के बीच भारत समेत उन सभी देशों के लिए वहां फंसे अपने नागरिकों को निकाल लेना काफी मुश्किल हो गया है। यूक्रेन ने दावा किया है कि कुछ अज्ञात हथियारबंद लोगों ने एक यूक्रेनी विमान को अफगानिस्तान में हाईजैक कर लिया और उसे उड़ा कर ईरान ले गए।
 
यह विमान अफगानिस्तान से यूक्रेनी नागरिकों को वापस लाने गया था। यूक्रेन के डिप्टी विदेश मंत्री येवगेनी येनिन ने कहा कि उस विमान को अब 'व्यावहारिक रूप से उनसे चुरा लिया गया है और उस पर यूक्रेनी नागरिकों की जगह कुछ अज्ञात लोगों का एक समूह सवार है।' हालांकि अभी इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
 
अभी भी हजारों लोग अफगानिस्तान से निकल जाने के लिए या तो काबुल हवाई अड्डे पर इंतजार कर रहे हैं या वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे जैसे 31 अगस्त की समय सीमा नजदीक आती जा रही है, इन लोगों को अफगानिस्तान से सुरक्षित निकाल लेने को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।
 
अमेरिका पर दबाव है कि वो तालिबान के साथ किसी भी तरह यह समझौता करे कि जब तक इन लोगों को सुरक्षित निकाल नहीं लिया जाता तब तक तालिबान नाटो सेनाएं को हवाई अड्डे पर रहने दे। हालांकि तालिबान इस मांग को ठुकरा चुका है और 31 अगस्त की समय सीमा पर अड़ा हुआ है। देखना होगा कि समय रहते अफगानिस्तान से कितने लोगों को निकाल पाना संभव हो पाता है।
ये भी पढ़ें
अफगानिस्तान: तालिबान की अर्थव्यवस्था और अफ़ीम का रिश्ता क्या है?