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Written By DW
Last Updated : सोमवार, 7 अक्टूबर 2019 (13:27 IST)

फेसबुक ने क्यों हटाए सैकड़ों अकाउंट, ग्रुप और पेज

फेसबुक ने क्यों हटाए सैकड़ों अकाउंट, ग्रुप और पेज - Facebook removed hundreds of account groups and pages
-डॉयचे वैले

सोशल मीडिया कंपनी ने 443 फेसबुक और 125 इंस्टाग्राम अकाउंट को हटा दिया है। साथ ही 200 फेसबुक पेज और 76 ग्रुप भी हटाए गए हैं। इनको इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और नाइजीरिया में कई 'अप्रामाणिक कार्यों' से जुड़ा पाया गया।
इंडोनेशिया में सैकड़ों ऐसे फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट थे, जो अंग्रेजी और इंडोनेशियन में कंटेंट पोस्ट कर रहे थे। वे ऐसी चीजें पोस्ट कर रहे थे, जो या तो पश्चिमी पापुआ स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थन में थे या फिर उसकी आलोचना कर रहे थे। देश के सबसे पूर्वी क्षेत्र पापुआ में पश्चिमी हिस्से को स्वतंत्र कराने के लिए आंदोलन चल रहा है।
 
फेसबुक पर खतरा पैदा करने वाले कंटेंट को वैश्विक स्तर पर देखने वाले डेविड अग्रानोविच बताते हैं, 'यह ऐसे पेजों का एक नेटवर्क था, जो देखने में किसी मीडिया संस्थान या अधिकार समूहों की वकालत करने वालों के लगते हैं।' पापुआ में बढ़ते तनाव को देखते हुए फेसबुक की टीम इंडोनेशिया में निगरानी कर रही थी। टीम ने पाया कि कई सारे फर्जी अकाउंट हैं, जो इनसाइटआईडी नामक एक इंडोनेशियाई मीडिया फर्म के कंटेंट को प्रसारित करने, विज्ञापन खरीदने और लोगों को अन्य साइटों पर ले जाने के लिए प्रेरित कर रही है।
पापुआ में अगस्त महीने के अंत से विरोध शुरू हुआ और यहां अशांति फैलने लगी। सितंबर में इसने हिंसक रूप ले लिया जिसमें 33 लोग मारे गए और भारी संख्या में लोग घायल हुए हैं। शोधकर्ताओं ने सितंबर महीने में पापुआ में फर्जी टि्वटर और फेसबुक अकाउंट के खतरे के बारे में बताया जिसके माध्यम से सरकार के खिलाफ कंटेंट पोस्ट कर लोगों का भड़काया जा रहा है।
 
दुनिया में इतने रंग हैं लेकिन फेसबुक का रंग नीला ही क्यों? दरअसल फेसबुक का रंग नीला है, क्योंकि फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग सबसे ठीक तरह से नीला रंग ही देख सकते हैं। मार्क जुकरबर्ग को रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस है। एक रशियन टेलीविजन टॉक शो में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है और नीला ही वह रंग है जिसे मैं सबसे बेहतर ढंग से देख सकता हूं इसीलिए उन्होंने फेसबुक का रंग नीला रखा है।
अग्रानोविच ने कहा कि फेसबुक ने मध्य-पूर्व और अफ्रीका में दो अन्य अन्य नेटवर्क से संबंधित फर्जी खातों को भी हटाया है। फेसबुक के अनुसार एक नेटवर्क मिस्र से बाहर का था लेकिन लेकिन यहां संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और मिस्र के समर्थन में पोस्ट किए जा रहे थे। साथ ही कतर, ईरान, तुर्की और यमन के अलगाववादी आंदोलन की आलोचना की जा रही थी।
 
फेसबुक के अधिकारी ने बताया कि जिस तरह के पोस्ट वहां किए जा रहे थे, उससे ऐसा लग रहा था कि ये उन देशों की स्थानीय मीडिया के द्वारा किए जा रहे हैं। अग्रानोविच ने कहा, 'फेसबुक को सबूत मिले कि कुछ पेजों को खरीदा गया था। इसका मालिकाना हक लगातार बदल रहा था।
 
अपने सनसनीखेज कंटेंट के लिए मशहूर मिस्र के अखबार अल फग्र से इसका गहरा संबंध मिला है। जांच के बाद फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म से अल फग्र के आधिकारिक पेज को भी हटा दिया है।
 
फेसबुक ने कहा कि तीसरा नेटवर्क वो है, जो उसने संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और नाइजीरिया में 3 मार्केटिंग फर्मों तक ट्रैक किया। ये यमन में संयुक्त अरब अमीरात की गतिविधियों और ईरान के परमाणु सौदे के बारे में फर्जी खातों के माध्यम से कंटेंट फैला रहे थे। सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी हाल के समय में चरमपंथी कंटेंट और प्रचार कार्यों का मुकाबला करने के लिए ऐसे खातों पर नकेल कस रही है। इस साल की शुरुआत में फेसबुक ने इराक, यूक्रेन, चीन, रूस, सऊदी अरब, ईरान, थाईलैंड, होंडुरास और इस्राएल में कई अकाउंट को बंद किया था।
 
आरआर/आरपी (रॉयटर्स)
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