गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. Entire America on the target of this missile of North Korea
Written By DW
Last Updated : शुक्रवार, 25 मार्च 2022 (08:46 IST)

उत्तर कोरिया की इस मिसाइल के निशाने पर पूरा अमेरिका

उत्तर कोरिया की इस मिसाइल के निशाने पर पूरा अमेरिका - Entire America on the target of this missile of North Korea
उत्तर कोरिया ने अब तक के सबसे बड़े अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल का परीक्षण किया है। दक्षिण कोरिया और जापान की सेना ने यह खबर दी है। इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी की मिसाइलों के परीक्षण पर रोक खत्म कर दी है
 
2017 के बाद उत्तर कोरिया की तरफ से पहली बार इतने बड़े हथियार का परीक्षण किया गया है। माना जा रहा है कि इसके बाद उत्तर कोरिया ऐसे परमाणु हथियारों को विकसित करने में सफल हो जाएगा जो अमेरिका में कहीं भी मार कर सकते हैं।
 
उत्तर कोरिया का बड़े हथियारों के परीक्षण में वापस आना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए एक और सिरदर्द साबित हो सका है जो पहले ही यूक्रेन पर रूस के हमले से जूझ रहे हैं। इसके साथ दक्षिण कोरिया की नई रूढ़िवादी सरकार के लिए भी यह एक चुनौती होगी।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन प्साकी ने बयान जारी कर कहा है कि यह लॉन्च संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का खुला उल्लंघन है और इसने अनावश्यक रूप से इलाके की सुरक्षा स्थिति में अस्थिरता का खतरा और तनाव पैदा कर दिया है।  इसके साथ ही प्साकी ने यह भी कहा कि कूटनीति के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, लेकिन प्योंग्यांग को अस्थिरता वाली गतिविधियों को तुरंत बंद करना होगा।
 
हथियार की जरूरत
 
उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल यानी आईसीबीएम का परीक्षण 2017 से रोक रखा था। उत्तर कोरिया ने अपने बचाव में कहा है कि हथियार उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी है और अमेरिका के कूटनीतिक प्रस्ताव तब तक पाखंड हैं जब तक कि उसके सहयोगी प्रतिबंधों और सैन्य अभ्यासों की  वैरी नीति  जारी रखेंगे।
 
दक्षिण कोरिया के निवर्तमान राष्ट्रपति मून जे इन ने उत्तर कोरिया से बातचीत को अपनी सरकार का एक प्रमुख लक्ष्य बनाया था। ताजा परीक्षणों की मून जे इन ने निंदा की है और इसे कि आईसीबीएम के लॉन्च पर लगी रोक का उल्लंघन बताया है जिसका किम जोंग उन ने खुद अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वादा किया था। 
 
मून जे इन ने यह भी कहा है कि यह कोरियाई प्रायद्वीप, इलाके और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ा खतरा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का खुले तौर पर उल्लंघन है। मून जे इन का कार्यकाल इसी साल मई में पूरा हो जाएगा। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशादा का कहना है कि मिसाइल का ताजा परीक्षण  हिंसा की अस्वीकार्य कार्रवाई  है।
 
गुरुवार को आईसीबीएम के लॉन्च ने दक्षिण कोरिया को भी अपने छोटे बैलिस्टिक और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों के परीक्षण के लिए उकसाया है। दक्षिण कोरिया के संयुक्त सेना प्रमुख ने बयान जारी कर कहा है कि उनके देश के पास जरूरत पड़ने पर मिसाइल लॉन्च के ठिकानों, कमांड और सहयोग देने वाले केंद्रों और उत्तर कोरिया के दूसरे ठिकानों को निशाना बनाने की  क्षमता और तैयारी  है।
 
नया आईसीबीएम
 
गुरुवार का परीक्षण इस साल उत्तर कोरिया का कम से कम 11वां परीक्षण है जो अभूतपूर्व तेजी से हो रहा है। जापानी अधिकारियों का कहना है कि कि इस बार का लॉन्च एक  नए तरह  का आईसीबीएम लग रहा है। यह करीब 71 मिनट तक उड़ा और 6,000 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाने के बाद लॉन्च साइट से 1,100 किलोमीटर दूर जाकर गिरा।
 
जापान के तटरक्षक बल का कहना है कि यह जापान के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में पश्चिम की ओर आओमोरी के उत्तरी हिस्से में स्थानीय समय के हिसाब से दोपहर के 3 बज कर 44 मिनट पर गिरा। दक्षिण कोरिया के संयुक्त सेना प्रमुख ने मिसाइल की अधिकतम ऊंचाई 6,200 किलोमीटर और रेंज 1,080 किलोमीटर बताई है।
 
2017 में उत्तर कोरिया ने आखिरी बार जिस आईसीबीएम का परीक्षण किया था यह उससे ज्यादा बड़ा है। तब हवासोंग 15 मिसाइल का परीक्षण हुआ था जिसने 53 मिनट की उड़ान में 4,475 किलोमीटर की ऊंचाई और 950 किलोमीटर की दूरी तय की थी।
 
अमेरिका ने दी थी चेतावनी
 
दक्षिण कोरिया के संयुक्त सेना प्रमुख का कहना है कि नया मिसाइल सुनान से दागा गया है, जो प्योग्यांग के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नजदीक है। 16 मार्च को भी उत्तर कोरिया ने इस एयरपोर्ट से एक संदिग्ध मिसाइल दागा था जो हवा में उठने के कुछ ही देर बाद एक धमाके के साथ फट गया। अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने चेतावनी दी थी कि उत्तर कोरिया अपने सबसे बड़े आईसीबीएम हवासोंग 17 का परीक्षण करने की तैयारी में है।
 
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि कम से काम दो हाल के परीक्षण जो 27 फरवरी और 27 मार्च को हुए उसमें हवासोंग 17 का सिस्टम था लेकिन उसकी पूरी रेंज और क्षमता का प्रदर्शन नहीं हुआ। उत्तर कोरिया ने उन तारीखों पर हुए लॉन्च के सिस्टम के बारे में तो जानकारी नहीं दी लेकिन यह जरूर कहा कि वे सेटेलाइट सिस्टम को मदद देने वाले कंपोनेंट का परीक्षण कर रहे थे।
 
इस महीने की शुरुआत में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कहा था कि उनका देश बहुत जल्द कई उपग्रह छोड़ेगा जिससे कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
 
खुद से लगाई रोक
 
2018 में कूटनीतिक प्रयासों के तेज होने के बाद किम जोंग उन ने घोषणा की थी कि वो आईसीबीएम और परमाणु हथियारों के परीक्षण पर रोक लगा रहे हैं हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा था कि उत्तर कोरिया बातचीत रुकने की स्थिति में इन्हें फिर शुरू कर देगा।
 
इस रोक को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की कामयाबी कहा गया जिन्होंने किम जोंग उन के साथ 2018 और 2019 में ऐतिहासिक मुलाकातें की। हालांकि उनके बीच कोई ऐसा समझौता नहीं हो सका जिससे कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों और मिसाइलों को सीमित किया जा सके।
 
अमेरिका के लिए नया सिरदर्द
 
19 जनवरी को उत्तर कोरिया ने कहा कि वह अमेरिका के खिलाफ अपनी सुरक्षा मजबूत करेगा और सभी निलंबित गतिविधियों को चालू करने पर विचार कर रहा है। उत्तर कोरिया के एक मात्र ज्ञात परमाणु केंद्र में भी नए निर्माण को देखा गया है। इसे 2018 में बंद कर दिया गया था।
 
जानकारों का कहना है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास, दक्षिण में रूढ़िवादी राष्ट्रपति की जीत का मतलब है कि उत्तर कोरिया को प्रतिक्रिया दिखाने के लिए पर्याप्त मसाला मिल गया है। उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने वाला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद फिलहाल खामोश है और उत्तर कोरिया ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर बात करने से इनकार कर दिया है ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का ध्यान भले ही फिलहाल यूक्रेन पर है लेकिन पूरी आशंका है कि उत्तर कोरिया जल्दी ही उनके लिए नया सिरदर्द बनने वाला है।
 
एनआर/आरपी (रॉयटर्स, एएफपी)
ये भी पढ़ें
योगी 2.0: कैबिनेट में 22 मंत्रियों को नहीं मिली जगह, क्या रहे 5 बड़े कारण