शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. Did only 5 Chinese soldiers die in the Galvan encounter?
Written By DW
Last Updated : शनिवार, 20 फ़रवरी 2021 (10:39 IST)

क्या गलवान मुठभेड़ में चीन के सिर्फ 5 सैनिक मारे गए थे?

क्या गलवान मुठभेड़ में चीन के सिर्फ 5 सैनिक मारे गए थे? - Did only 5 Chinese soldiers die in the Galvan encounter?
रिपोर्ट : चारु कार्तिकेय
 
चीन की सेना पीएलए ने पहली बार माना है कि जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हुई हिंसक मुठभेड़ में उसके 5 सैनिक मारे गए थे। सवाल उठ रहे हैं कि क्या चीन अपनी क्षति को कम करके बता रहा है?
 
पीएलए के मुखपत्र 'पीएलए डेली' में शुक्रवार 19 फरवरी को छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने गलवान मुठभेड़ में 5 चीनी सिपाहियों और अधिकारियों के त्याग को माना है। मरने वालों में पीएलए शिंकियांग सैन्य कमांड के रेजीमेंटल कमांडर भी शामिल हैं। सीएमसी पीएलए की उच्च कमांड संस्था है।
उसने शहीद रेजीमेंटल कमांडर को 'सीमा की रक्षा करने वाले हीरो रेजीमेंटल कमांडर' की उपाधि दी है और 3 और सैन्य अधिकारियों को 'फर्स्ट-क्लास मेरिट' दिया है। रिपोर्ट में ही कहा गया है कि यह पहली बार है, जब चीन ने मुठभेड़ में हुई क्षति को स्वीकारा है और सैनिकों के त्याग के बारे में विस्तार से बताया है।
 
इसके पहले 10 फरवरी को रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने दावा किया था कि गलवान मुठभेड़ में चीन के 45 सैनिक मारे गए थे। भारतीय सेना के उत्तरी कमांड के जनरल अफसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने 17 फरवरी को कई मीडिया संस्थानों को दिए साक्षात्कार में भी यही कहा था कि चीन के 45 सैनिक मारे गए थे। माना जा रहा है कि चीन ने इन्हीं दावों का खंडन करने के लिए अपनी आधिकारिक घोषणा की है।
कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एक लेख में मुठभेड़ का विस्तार से वो विवरण भी छपा है जिसका चीन की सेना ने दावा किया है। पीएलए के मुताबिक भारतीय सेना ने सीमा पर लागू नियमों का उल्लंघन किया, एलएसी को पार किया और अपने तंबू गाड़ दिए। इस कार्रवाई पर जब पीएलए के स्थानीय कमांडर को भारतीय कमांडर से बात करने के लिए भेजा गया तब भारतीय सैनिकों ने उन पर और उनकी टुकड़ी पर पत्थरों, स्टील की रॉड और लाठियों से हमला कर दिया। पीएलए के मुताबिक भारतीय सैनिकों की संख्या ज्यादा थी लेकिन चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को ज्यादा क्षति पहुंचाई और उन्हें वापस खदेड़ दिया।
 
यह भारतीय सेना के अभी तक किए गए दावों का लगभग हूबहू प्रारूप है। भारत ने यही आरोप चीन पर लगाए थे। चीन शुरू से मुठभेड़ में उसकी सेना को पहुंची क्षति को छिपाता रहा है। भारत ने मुठभेड़ के तुरंत बाद ही अपने 20 सैनिकों के मारे जाने के बारे में बताया था। चीन ने ताजा जानकारी ऐसे समय पर दी है, जब लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों सेनाओं के बीच अप्रैल 2020 से बना हुआ गतिरोध शांत होता दिख रहा है।
 
पैंगोंग झील के किनारों से चीनी सेना के सैनिकों और टैंकों की वापसी की खबरें लगातार आ रही हैं। बीते महीनों में उस इलाके में चीन द्वारा लगाए गए अस्थायी ढांचे भी हटाए जा रहे हैं। हालांकि डेपसांग घाटी में दोनों सेनाएं अभी भी एक-दूसरे के सामने तैनात हैं और गतिरोध बना हुआ है।
ये भी पढ़ें
दुनिया के लिए यूरोप के साथ लौट आया अमेरिका