रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. american drone
Written By
Last Modified: सोमवार, 24 जून 2019 (14:09 IST)

ड्रोन हमले और साइबर अटैक में फिर उलझे अमेरिका और ईरान

ड्रोन हमले और साइबर अटैक में फिर उलझे अमेरिका और ईरान - american drone
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम होने के फिलहाल कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अमेरिका ने दावा किया है कि उसने ईरान की मिसाइल नियंत्रण प्रणालियों के खिलाफ साइबर अटैक और एक जासूसी नेटवर्क एक्टिव किया है।
 
 
तनाव के बावजूद अमेरिका और ईरान लगातार यही कह रहे हैं कि वे किसी भी युद्ध जैसी परिस्थिति से बचना चाहते हैं। लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि दोनों देशों केो बीच गंभीर तनाव अब भी बरकरार है। हाल में होरमुज जलडमरूमध्य के निकट टैंकरों पर हुए हमले और खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी ड्रोन को ईरान की ओर से निशाना बनाया जाने जैसी घटनाओं ने पूरे मामले को और भी गंभीर कर दिया है।
 
 
रविवार को ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा, "सैन्य हमलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अमेरिका-निर्मित एमक्यू9 रीपर "स्पाई ड्रोन" ने देश के एयरस्पेस में 26 मई को सेंधमारी की थी।"
 
 
विदेश मंत्री ने ट्विटर पर डाले अपने संदेश में एक नक्शे को भी पेश किया जिसमें एक ड्रोन ईरानी एयरस्पेस में दाखिल होता दिखाया गया है। हालांकि ईरान के सभी दावों को अमेरिका ने सिरे से नकार दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पोए ने इसे "बच्चों जैसी" बात कह कर खारिज कर दिया। पोम्पोए ईरान मुद्दे पर बातचीत के लिए सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर हैं।
 
 
जरीफ के इस बयान से पहले ईरान ने दावा किया था कि बीते गुरुवार उसने होरमुज जलडमरूमध्य के निकट उसके एयरस्पेस में सेंधमारी करने वाले अमेरिकी निगरानी ड्रोन को मार गिराया था। हालांकि अमेरिका ने इस दावे को भी खारिज कर दिया था। वहीं अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से लिखा था कि इस घटना के बाद गुरुवार रात अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले की अनुमति दे दी थी, लेकिन बाद में इस फैसले को वापस ले लिया।
 
 
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने ईरान को आगाह किया कि वह अंतिम वक्त में रद्द किए गए निर्णय की गलत व्याख्या ना करे। बॉल्टन ने कहा, "ना ही ईरान और ना ही अमेरिका से बैर रखने वाले किसी भी देश को अमेरिका और उसके विवेक को कमजोर समझने की गलती करनी चाहिए।"
 
 
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वॉशिंगटन ने ईरानी मिसाइल नियंत्रण प्रणालियों के खिलाफ साइबर हमले और गिराए गए ड्रोन के जवाब में एक जासूसी नेटवर्क को सक्रिय किया है। मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि ये साइबर हमले मिसाइल लॉन्च को नियंत्रित करने वाले कंप्यूटरों को खराब कर देंगे और जासूसी नेटवर्क खाड़ी क्षेत्र में जहाजों की आवाजाही पर निगरानी रखेगा।
 
 
आधिकारिक तौर पर ईरान ने अमेरिकी दावे पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि ईरान की समाचार एजेंसी फार्स ने इसे एक झूठ बताया है। साथ ही कहा कि व्हाइट हाउस ड्रोन गिरने के बाद अपनी प्रतिष्ठा को बचाने की कोशिश कर रहा है।
 
 
वहीं शनिवार का दिन अपने सलाहकारों के साथ बिताने के बाद ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान परमाणु हथियार त्याग देता है तो वह ईरान के साथ बातचीत को तैयार है। ट्रंप ने कहा, "अगर वह इस पर सहमत होते हैं तो वह एक अमीर देश हो जाएंगे। वह खुश रहेंगे और मैं उनका सबसे अच्छा दोस्त बन जाऊंगा।" वहीं ईरान ने किसी भी तरह के परमाणु हथियारों से इनकार किया है साथ ही कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम नागिरक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए है।
ये भी पढ़ें
पाकिस्तान और भारत क्या इस क्रिकेट वर्ल्ड कप में फिर टकराएंगे?