पिछले एक साल से अधिकतर मैचों में चौथे नंबर की जिम्मेदारी उठाने वाले अंबाती रायुडु को बाहर रखकर और उनकी जगह किसी अनुभवी बल्लेबाज का चयन करने के बजाय विश्व कप टीम में विजय शंकर जैसे कम अनुभवी खिलाड़ी पर विश्वास करके भारतीय चयनकर्ताओं ने बड़ा जोखिम उठाया है।
भारतीय टीम में शीर्ष क्रम में तीन बल्लेबाजों रोहित शर्मा, शिखर धवन और कप्तान विराट कोहली का स्थान तय है लेकिन चौथे नंबर जैसे नाजुक स्थान पर टीम को अनुभवी बल्लेबाज की कमी खल सकती है।
चौथे नंबर पर भारत को ऐसे बल्लेबाज की जरूरत थी जो पारी संवार सके और इसलिए कुछ पूर्व क्रिकेटर अजिंक्य रहाणे को फिर से मौका देने की वकालत कर रहे थे। यहां तक कि पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने तो टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा के नाम की सिफारिश की थी जो शीर्ष क्रम के नाकाम रहने पर पारी संवार सकते हैं।
विश्व कप के लिए जो टीम चुनी गई है उसमें पूरी संभावना है कि चौथे नंबर पर विजय शंकर या केएल राहुल में से किसी एक को उतारा जाएगा। महेंद्र सिंह धोनी पांचवें और केदार जाधव छठे नंबर की जिम्मेदारी उठा सकते हैं। निचले मध्यक्रम में सातवां नंबर महत्वपूर्ण होता है जिस पर हार्दिक पंड्या का उतरना तय है।
क्रिकेट विशेषज्ञों के अनुसार, 'रायुडु को बाहर करके तथा मध्यक्रम में अंजिक्य रहाणे जैसे अनुभवी बल्लेबाज को नहीं चुनकर चयनकर्ताओं ने बड़ा जोखिम उठाया है। देखना है कि यह साहसिक फैसला फायदेमंद होता या नहीं।'
पूर्व कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत ने तो श्रेयस अय्यर या शुभमान गिल जैसे विशुद्ध बल्लेबाजों में से किसी एक को इस नंबर के लिए चुना था। कई क्रिकेट पंडितों की राय में रोहित, धवन और कोहली के असफल रहने पर टीम को मध्यक्रम की कमजोरी भारी पड़ सकती है।
उन्होंने कहा, 'रोहित, धवन और कोहली की मौजूदगी में भारत का शीर्ष क्रम काफी मजबूत है लेकिन किसी मैच में इन तीनों के नाकाम रहने पर मध्यक्रम की असली परीक्षा होगी और ऐसे में टीम को पारी संवारने वाले बल्लेबाज की कमी खल सकती है और इस लिहाज से चयनकर्ताओं का यह कदम जोखिम भरा कहा जा सकता है।'
पिछले कुछ वर्षों से भारत ने चौथे नंबर पर अंबाती रायुडु को आजमाया। उन्होंने पिछले एक साल में सर्वाधिक 14 मैचों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की जिसमें 42.18 की औसत से 464 रन बनाये लेकिन हाल की खराब फार्म उनके चयन में आड़े आ गयी। चयनकर्ताओं ने वर्तमान फार्म को भी तवज्जो दी।
जब भी चौथे नंबर पर अनुभवी बल्लेबाज रखने की बात उठी तो सबसे पहला नाम रहाणे का सामने आया लेकिन उन्होंने फरवरी 2018 से कोई वनडे मैच नहीं खेला है। उन्होंने जो 90 वनडे खेले हैं उनमें से 54 मैचों में वह सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरे जबकि 25 मैच में वह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए जिसमें उन्होंने 36.65 की औसत से रन बनाए थे। इस लिहाज से रहाणे इस नंबर के लिए उपयुक्त हो सकते थे।
वर्तमान परिदृश्य में शंकर को इस नंबर पर उतारा जा सकता है जिन्होंने नौ मैच के अपने संक्षिप्त वनडे करियर में एक बार भी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी नहीं की है। उन्हें हाल में दो मैचों में पांचवें नंबर पर आजमाया गया जिसमें वह 62 रन ही बना पाए। राहुल तीसरे सलामी बल्लेबाज के रूप में टीम से जोड़े गए हैं लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें चौथे नंबर पर उतारा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि राहुल ने पिछले एक साल में केवल दो मैचों में इस नंबर पर खेले और उनमें उन्होंने सिर्फ नौ रन बनाये।
पिछले एक वर्ष में दूसरे विकेटकीपर के रूप में चुने गए कार्तिक को भी चौथे नंबर पर उतारा गया जिसमें उन्होंने 122 रन बनाए। वैसे कोच रवि शास्त्री कप्तान कोहली या धोनी को नंबर चार पर उतारने के संकेत पूर्व में दे चुके हैं। कोहली ने पिछले एक साल में केवल एक बार (सात रन बनाये) और धोनी ने तीन मैचों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की। इन मैचों में धोनी ने 128 रन बनाए जिसमें एक नाबाद 87 रन की पारी भी शामिल है।
धोनी का वैसे पांचवें नंबर पर उतरना तय है जिस पर उन्होंने पिछले एक वर्ष में 11 मैचों में 361 रन बनाए। इस पूर्व कप्तान की बेहद धीमी बल्लेबाजी हालांकि पिछले कुछ समय से चिंता का विषय बनी हुई है। बहरहाल अभी मध्यक्रम के तीन प्रमुख स्थानों में वही सबसे मजबूत कड़ी नजर आते हैं और ऐसे में विकेट के पीछे ही नहीं विकेट के आगे भी उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
जाधव नंबर छह के लिए अदद बल्लेबाज हो सकते हैं। चोट से उबरने के बाद वापसी करने वाले जाधव ने पिछले एक साल में 11 मैचों में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 281 रन बनाये थे। परिस्थिति के अनुसार पंड्या को भी इस नंबर पर उतारा जा सकता है। जाधव के अंतिम एकादश में नहीं होने पर कार्तिक इस स्थान के दावेदार हो सकते हैं। (भाषा)