मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Virender Sehwag said Contemprorary opponnent Shoaib Akhtar knows he was a Chuker
Written By
Last Modified: बुधवार, 18 मई 2022 (18:27 IST)

'अख्तर जानता था वो है चकर', शोएब पर लगाया वीरेंद्र सहवाग ने बड़ा आरोप

'अख्तर जानता था वो है चकर', शोएब पर लगाया वीरेंद्र सहवाग ने बड़ा आरोप - Virender Sehwag said Contemprorary opponnent Shoaib Akhtar knows he was a Chuker
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने दावा किया है कि पूर्व पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख़्तर 'जानते थे कि वह चक करते थे' और अपने हिसाब से उन्होंने उन्हें 'बाउंड्री गेंदबाज़' की उपाधि भी दी है।

सहवाग ने स्पोर्ट्स18 चैनल के एक कार्यक्रम में कहा, 'शोएब जानते थे कि उनकी कोहनी मुड़ती थी और यह भी जानते थे कि वह चक करते थे। नहीं तो आईसीसी उन पर प्रतिबंध क्यों लगाता? ब्रेट ली का हाथ सीधा आता था और इसीलिए उनको पढ़ना उतना मुश्किल नहीं था लेकिन शोएब के ख़िलाफ़ आप अंदाज़ा नहीं लगा सकते थे कि गेंद कहां से आएगी और कहां जाएगी।'

ग़ौरतलब है कि दिसंबर 1999 में पहली बार आईसीसी ने अख़्तर के एक्शन पर सवाल ज़रूर उठाए थे और अगले दो सालों में उन्हें कई बार मेडिकल टेस्ट भी करवाने पड़े थे लेकिन क्रिकेट के शासी निकाय ने कभी भी उन पर गेंदबाज़ी के आधार पर औपचारिक प्रतिबंध नहीं लगाए थे। अख़्तर के जीवन में अनुशासनहीनता के कई और अवसर घटे थे। साथ ही अक्सर चोटग्रस्त रहने के चलते उन्होंने 14 साल के करियर में पाकिस्तान के लिए केवल 224 अंतर्राष्ट्रीय मैच ही खेले जिनमें 46 टेस्ट में उन्होंने 178 विकेट झटके।

सहवाग ने अपने जीवन में शोएब और ली को सबसे तेज़ रफ़्तार के गेंदबाज़ों का दर्जा ज़रूर दिया लेकिन उन्होंने न्यूज़ीलैंड के शेन बॉन्ड को सर्वश्रेष्ठ विपक्षी तेज़ गेंदबाज़ माना। उन्होंने कहा, 'उनकी (बॉन्ड) गेंदें अंदर आती थी, भले ही उन्होंने गेंद ऑफ़ स्टंप के बाहर गेंद डाली हो। मैंने कभी ब्रेट को खेलने में सहजता महसूस नहीं की लेकिन शोएब को अगर मैं दो बाउंड्री मार देता था तो फिर पता नहीं रहता था कि उनकी प्रतिक्रिया क्या होती। वह बीमर भी डाल सकते थे और पैरों पर यॉर्कर भी मार सकते थे।'

'नजफ़गढ़ के नवाब' कहे जाने वाले सहवाग ने 104 टेस्ट मैच में भारत के लिए 8586 रन बनाए और अपने आख़िरी मैचों में जाकर उनका औसत 50 से नीचे आकर 49.34 पर रुका। उनकी ख़ासियत थी कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 82.23 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए और इसके चलते उनकी उपस्थिति में भारत ने सिर्फ़ अपने घर पर ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी कई यादगार जीत हासिल की।

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उनका रिकॉर्ड ख़ासा अच्छा था और उन्होंने उस टीम के ख़िलाफ़ नौ टेस्ट मैचों में 91.14 के औसत से 1276 रन बनाए जिसमें चार शतक शामिल हैं। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मुल्तान में अपनी पहली ही पारी में उन्होंने भारत के लिए टेस्ट इतिहास का पहला तिहरा शतक जड़ा। भारत के लिए सर्वाधिक 319 रन की पारी सहवाग की दूसरी ऐसी पारी रही।

सहवाग ने कहा, 'सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली सब लगभग 150-200 गेंदों पर शतक लगाते थे। मुझे लगा अगर मैं भी इस दर से शतक बनाऊंगा तो कोई मुझे याद नहीं रखेगा। मुझे अपनी पहचान बनाने के लिए तेज़ी से रन बनाने ही पड़ते थे।'

सहवाग कई बार कीर्तिमान हासिल करने के लिए चौके या छक्के भी लगाते थे और इस बारे में वह बोले, 'मुझे लगता था अगर मैं दिन के अंत तक खेलूं तो मैं 250 के स्कोर तक पहुंच सकता हूं और ऐसे में ज़ाहिर सी बात है मैं 100, 150, 200 इत्यादि पार कर ही जाऊंगा। ऐसे में 90 के आसपास नर्वस होने का सवाल ही नहीं बैठता था क्योंकि मेरा लक्ष्य 100 से कहीं आगे हुआ करता था।'(वार्ता)
ये भी पढ़ें
लखनऊ ने कोलकाता के खिलाफ टॉस जीतकर चुनी बल्लेबाजी (वीडियो)