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Last Modified: मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020 (16:12 IST)

पहले टेस्ट मैच में Team India की करारी हार के बाद विराट कोहली निशाने पर

Virat Kohli | पहले टेस्ट मैच में Team India की करारी हार के बाद विराट कोहली निशाने पर
नई दिल्ली। आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप में न्यूजीलैंड के हाथों पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया (Team India) की पहली हार के बाद कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) निशाने पर आ गए हैं। दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज के रूप में रुतबा हासिल करने वाले विराट न्यूजीलैंड दौरे में बुरी तरह फ्लॉप हुए हैं और उनकी यही नाकामी टीम पर भारी पड़ रही है।
 
विराट न्यूजीलैंड दौरे में अपनी प्रतिष्ठता से कोसों दूर हैं और यही वजह है कि टीम इंडिया को वनडे सीरीज में 0-3 से और वेलिंगटन में पहले टेस्ट में 10 विकेट की करारी हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि इससे पहले भारत ने टी-20 सीरीज 5-0 के रिकॉर्ड अंतर से जीती थी लेकिन उस समय टीम में रोहित शर्मा जैसे अनुभवी बल्लेबाज मौजूद थे, जो टीम को संभाल रहे थे। 
 
विराट ने इस दौरे में टी-20 सीरीज में 45, 11, 38 और 11 रन, वनडे सीरीज में 51, 15 और 9 रन तथा पहले टेस्ट मैच में 2 और 19 रन बनाए। यह स्कोर उस बल्लेबाज की प्रतिष्ठा से मेल नहीं खाते हैं, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानती है। 
 
हालांकि वेलिंगटन में सवा 3 दिन में मैच 10 विकेट से हारने के बाद विराट ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि एक हार से टीम खराब नहीं हो जाती और मात्र स्कोर से उनकी बल्लेबाजी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। 
उन्होंने कहा था कि उनकी बल्लेबाजी ठीक है और केवल कुछ समय क्रीज पर गुजारने की बात है। यह दिलचस्प है कि वनडे सीरीज में विराट का बल्ला लगभग खामोश रहा था इसके बावजूद वह हेमिल्टन में न्यूजीलैंड एकादश के खिलाफ बल्लेबाजी अभ्यास करने नहीं उतरे। 
 
विराट ने इससे पहले कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट में 136 रन बनाए थे जबकि इंदौर में वह बांग्लादेश के खिलाफ खाता खोले बिना आउट हुए थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में विशाखापत्तनम में 20 और नाबाद 31 तथा पुणे में नाबाद 254 रन की अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी।
 
विदेशी जमीन पर भारतीय बल्लेबाजों को हमेशा ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और जब दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज सस्ते में आउट हो जाएं तो टीम पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसा ही कुछ भारतीय टीम के साथ वेलिंगटन टेस्ट में हुआ। दोनों ओपनर पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए और टीम के सबसे विश्वसनीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का सस्ते में आउट होना टीम पर दबाव बढ़ा गया।
 
पुजारा ने पहली पारी में 11 और दूसरी पारी में भी 11 रन बनाए। यह हैरानी की बात है कि न्यूजीलैंड दौरे में सबसे शानदार फॉर्म दिखाने वाले बल्लेबाज लोकेश राहुल को टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया। रोहित शर्मा चोट के कारण जब टेस्ट टीम से बाहर हो गए थे तो उनकी जगह शुभमन गिल को शामिल किया गया था जबकि अपनी फॉर्म के कारण राहुल टेस्ट टीम में जगह बनाने के दावेदार थे।
 
राहुल ने टी-20 सीरीज में 56, नाबाद 57, 27, 39 और 45 तथा वनडे में नाबाद 88, चार और 112 रन बनाए थे। यह समझना मुश्किल है कि टीम प्रबंधन ने राहुल को टेस्ट टीम से बाहर क्यों रखा। राहुल टीम को ओपनिंग में या फिर मध्यक्रम में दोनों ही जगह मजबूती दे सकते थे। राहुल के रहने से विराट के ऊपर से भी भार कम हो जाता।
 
विश्व की नंबर एक टीम शायद यह मान बैठी थी कि वह विराट के दम पर न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज में निपट लेगी, लेकिन सवा तीन दिन के खेल में भारत का पहली पारी में 165 रन पर और दूसरी पारी में 191 रन पर लुढ़क जाना सभी ने देखा। 
विराट बेशक मानते हैं कि टीम 29 फरवरी से क्राइस्टचर्च में होने वाले दूसरे टेस्ट में वापसी कर लेगी लेकिन कप्तान को यह देखना होगा कि टीम के बल्लेबाज अपने खेल में सुधार कर लें।
 
पहले टेस्ट के प्रदर्शन ने भारत के 2002-03 के न्यूजीलैंड दौरे की याद दिला दी है। तब भारत वेलिंगटन में पहला टेस्ट 10 विकेट से हार गया था। उस मैच में वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की मौजूदगी के बावजूद भारतीय टीम पहली पारी में 161 और दूसरी पारी में 121 रन पर सिमट गई थी।
 
हेमिल्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में भी हालात और बदतर हुए थे और भारत दोनों पारियों में 99 तथा 154 रन ही बना पाया था। भारत ने यह मुकाबला चार विकेट से गंवाया था। इस मैच की पहली पारी का आलम यह था कि भारत के पांच विकेट 40 रन तक गिर गए थे और दूसरी पारी में यह स्थिति 5 विकेट पर 85 रन की हो गई थी।
 
क्राइस्टचर्च में भारतीय बल्लेबाजों खासतौर पर कप्तान विराट को लंबी पारी खेलनी होगी, तभी भारत सीरीज में वापसी कर पाएगा और सीरीज को बराबर कर पाएगा।
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