अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शुक्रवार का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास बन गया, जब भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में टीम इंडिया के तीन बल्लेबाज़ों केएल राहुल, ध्रुव जुरेल और रवींद्र जडेजा ने एक ही पारी में शानदार शतक ठोक दिए। ये नज़ारा देखने लायक था, जहां एक के बाद एक तीन भारतीय बल्लेबाज़ों ने मैदान पर रन बरसाए और इतिहास रच दिया। खास बात ये रही कि 2025 में यह तीसरी बार है जब भारत के तीन खिलाड़ियों ने एक ही पारी में सेंचुरी जड़ी हो। इससे पहले लीड्स और मैनचेस्टर में भी ऐसा ही धमाका हो चुका है। हर बार भारत ने बता दिया है कि उसके बल्लेबाज़ी क्रम में दम है, और जब वो रंग में हों, तो रिकॉर्ड खुद-ब-खुद झुक जाते हैं।
घरेलू धरती पर केएल राहुल की बहुप्रतीक्षित वापसी
घरेलू मैदान पर लंबे समय से संघर्ष कर रहे केएल राहुल के लिए यह पारी राहत की सांस लेकर आई। 64.5वें ओवर में रोस्टन चेज की गेंद पर मिडविकेट के ऊपर से शॉट लगाते ही उन्होंने अपने टेस्ट करियर का 11वां, और घरेलू सरज़मीं पर केवल दूसरा शतक पूरा किया। पिछला घरेलू शतक उन्होंने वर्ष 2016 में लगाया था। जैसे ही उन्होंने हेलमेट उतारकर बल्ला हवा में लहराया और बैज को चूमा, उनके चेहरे पर वर्षों की मेहनत और इंतजार की झलक साफ दिखाई दी।
ध्रुव जुरेल का पहला टेस्ट शतक: युवा जोश की दस्तक
इसके बाद युवा विकेटकीपर ध्रुव जुरेल ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू का मौका चूकने के बाद, जुरेल को यह मैच खुद को साबित करने का एक बड़ा मंच लेकर आया। 116वें ओवर में उन्होंने चेज की गेंद को मिड-ऑन की दिशा में चौके के लिए भेजते हुए अपने टेस्ट करियर का पहला शतक पूरा किया। यह न केवल उनके लिए व्यक्तिगत उपलब्धि थी, बल्कि भारतीय क्रिकेट में विकेटकीपर बल्लेबाज़ों की नई लहर का संकेत भी था।
गौरतलब है कि यह वर्ष 2025 में किसी भारतीय नामित विकेटकीपर द्वारा लगाया गया तीसरा शतक था दो शतक ऋषभ पंत पहले ही जमा चुके हैं। एक ही कैलेंडर वर्ष में विकेटकीपरों द्वारा तीन टेस्ट शतक भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ है।
रवींद्र जडेजा की सधी हुई सेंचुरी
शानदार फॉर्म में चल रहे ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने भी इस अवसर को अपने बल्ले से सजाया। 125वें ओवर में जोमेल वारिकन की गेंद पर कवर ड्राइव लगाकर उन्होंने अपने टेस्ट करियर का छठा शतक पूरा किया। अपने चिरपरिचित अंदाज़ में उन्होंने बल्ले से तलवारबाजी कर इस उपलब्धि का जश्न मनाया, जो अब उनके ट्रेडमार्क सेलिब्रेशन का हिस्सा बन चुका है।
एक ऐतिहासिक संयोग
इस विशेष पारी में तीन भारतीय बल्लेबाजों का शतक बनाना इस कैलेंडर वर्ष में तीसरी बार देखने को मिला है। इससे पहले लीड्स में यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत ने, जबकि मैनचेस्टर में गिल, जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने शतक जड़े थे। भारत ने अब तक के इतिहास में एक ही पारी में तीन या अधिक बल्लेबाजों द्वारा शतक लगाने की उपलब्धि कुल चार बार (1979, 1986, 2007 और अब 2025) हासिल की है। लेकिन एक ही कैलेंडर वर्ष में ऐसा तीन बार होना, अपने आप में बेमिसाल उपलब्धि है।
इस पारी ने न केवल भारतीय टीम की बल्लेबाजी गहराई को उजागर किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का यह मिश्रण किस तरह भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।