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Last Updated : गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022 (12:55 IST)

ड्रीम डेब्यू के पीछे रवि विश्नोई का कड़ा संघर्ष, कभी करनी पड़ी थी मजदूरी

ड्रीम डेब्यू के पीछे रवि विश्नोई का कड़ा संघर्ष, कभी करनी पड़ी थी मजदूरी - The struggle behind the Ravi Vishnois dream T20I Debut
जोधपुर के गुगली गेंदबाज बिश्नोई ने कोलकाता के ईडन गार्डन में वेस्टइंडीज के विरुद्ध अपने पदार्पण टी-20 मैच को यादगार बनाते हुए चार ओवर में 17 रन देकर रोस्टन चेस (4) और रोवमैन पॉवेल (2) के विकेट लिये । उन्हें इस प्रदर्शन के लिये मैन आफ द मैच चुना गया। विश्नोई ने 3 ओवर तक सिर्फ 5 रन दिए थे और 12 रन अंतिम ओवर में आए।

यह तीसरी मर्तबा है जब किसी स्पिनर को पहले ही टी-20 में मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार मिला हो। इससे पहले साल 2009 में प्रज्ञान ओझा, साल 2015 में अक्षर पटेल को मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला था।वैसे तो रवि विश्नोई वनडे टीम का हिस्सा भी थे लेकिन वनडे सीरीज में उनको डेब्यू का मौका नहीं मिला था।

कभी खुद उठाई थी इंटे

पहले अंडर 19 फिर आईपीएल और अब भारतीय सीनियर टीम की जर्सी पहन चुके रवि विश्नोई ने अपने जीवन में खासा संघर्ष किया है। उन्होंने एक स्पोर्टस चैनल को दिए एक इंटर्व्यू में यह राज खोला था।

उनके आर्थिक हालात ऐसे नहीं थे कि वह किसी क्लब में जाकर ट्रेनिंग ले पाएं। उन्होंने खुद ही अपने कोच के साथ एक निम्न स्तरीय एकेडमी खोली और मजदूर को पैसा ना दे पाने के कारण उन्होंने ही सीमेंट और इंट उठाने का काम किया। पिच बनाने से लेकर मैदान को खेलने लायक बनाना सब रवि और उनके कुछ साथियों ने किया।

साल 2019 में अंडर 19 विश्वकप के लिए ट्रायल्स चल रहे थे। रवि विश्नोई का चयन नहीं हुआ। उनको उनके पिताजी ने समझाया कि बेटा पढ़ाई पर ही ध्यान दे ले क्रिकेट से कुछ नहीं होगा। लेकिन रवि ने हार नहीं मानी और अगले साल वह अंडर 19 टीम का हिस्सा बने।रवि 18-19 साल की उम्र में ही आईपीएल जैसी लीग का हिस्सा भी बन गए।

रवि विश्नोई का जन्म राजस्थान के बिरामी गांव में 5 सितंबर 2000 को हुआ था। उनके पिताजी एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर है और उनकी माता एक गृहणी है। इस ही बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रवि विश्नोई के परिवार में कमाने वाला व्यक्ति सिर्फ एक था। फिर भी उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर अपना करियर बना लिया।

अंडर 19 विश्वकप में लिए सर्वाधिक विकेट

भारत अंडर 19 विश्वकप का उपविजेता रहा। बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल में दो खिलाड़ियों ने किला लड़ाया। बल्लेबाजी में यशस्वी जायसवाल और गेंदबाजी में रवि विश्नोई ने। विश्नोई की घूमती हुई गेंदो का बांग्लादेश के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। अपने 10 ओवर के स्पैल में उन्होंने 30 रन देकर 4 विकेट लिए। वहीं पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने 17 विकेट झटके।

पंजाब किंग्स से जुड़े और बने करोड़पति, कुंबले ने तराशा

आईपीएल-13 के संस्करण में रवि विश्नोई ने किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) की जर्सी पहनी। अनिल कुंबले की सलाह पर इस ले‍ग स्पिनर को पंजाब ने 2 करोड़ रुपए में खरीदा। रवि बिश्नोई ने टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले की सराहना करते हुए कहा था कि उन्होंने कुंबले से काफी कुछ सीखा है।

बिश्नोई ने कहा था, 'कुंबले ने मुझे शांत रहना और मैच के दौरान ठंडे दिमाग से हालात को संभालना सिखाया। उन्होंने मुझे मेरी मजबूती पर टिके रहना सिखाया और कहा कि मैं ज्यादा चीजें नहीं करुं।'उन्होंने कहा था, 'आईपीएल से पहले हमारा शिविर हुआ था जिससे हमारी तैयारियां बेहतर रही। यह काफी हद तक मानसिक तैयारी पर भी निर्भर करता है।


लखनऊ ने नीलामी से पहले किया रीटेन

21 वर्षीय रवि बिश्नोई पर IPL 2022 में सभी का ध्यान जा सकता है। आईपीएल की नई टीम लखनऊ सुपर जायंट्स है और बिश्नोई को अच्छी रकम (4 करोड़ रुपए) देकर टीम में शामिल किया गया है। बिश्नोई ने आईपीएल के 23 मैचों में 25.25 की औसत और 6.96 की इकॉनमी रेट के साथ 24 विकेट लिए हैं।
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