नई दिल्ली: भारतीय घरेलू क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता, रणजी ट्रॉफ़ी इस सीज़न 10 फ़रवरी से 26 जून के बीच नौ मैदानों पर खेली जाएगी। प्रतियोगिता का पहला चरण (लीग स्टेज) 10 फ़रवरी से 15 मार्च तक चलेगा। इस चरण में 38 टीमों के बीच 57 मुक़ाबले खेले जाएंगे। नॉकआउट मैच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 के समापन के बाद खेले जाएंगे। 30 मई से 26 जून के बीच इस दूसरे चरण में कुल सात मैच होंगे।
बोर्ड के सदस्यों को भेजे गए एक पत्र में, बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने बताया कि यह संशोधित कार्यक्रम "किसी भी क्रॉस-संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए बनाया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि बायो-बबल पर अधिक बोझ न हों।"
9 ग्रुप में बांटा 38 टीमों को38 टीमों को नौ ग्रुपों (आठ एलीट और एक प्लेट) में बांटा जाएगा कुल मिलाकर इस पूरी प्रतियोगिता में 62 दिनों के भीतर 64 मुक़ाबले खेले जाएंगे। प्रत्येक एलीट ग्रुप में चार जबकि प्लेट ग्रुप में छह टीमें होंगी। लीग चरण में प्रत्येक टीम तीन मैच खेलेगी। जहां एलीट ग्रुप में टीमें अपने ग्रुप की अन्य तीन टीमों से भिड़ेंगी वहीं प्लेट ग्रुप में प्रत्येक टीम का सामना अन्य तीन टीमों से होगा।
जबकि बीसीसीआई ने नॉकआउट के लिए क्वालीफ़ाइंग प्रक्रिया निर्धारित की है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आठ एलीट ग्रुपों में से कौन सी टीम स्वतः क्वार्टर-फ़ाइनल में प्रवेश नहीं कर पाएगी। फ़िलहाल बीसीसीआई ने कहा है कि सात एलीट ग्रुपों की शीर्ष टीम अंतिम आठ में जगह बनाएगी, जबकि एलीट ग्रुप की सबसे निचली रैंकिंग वाली टीम प्लेट ग्रुप की शीर्ष टीम के ख़िलाफ़ इकलौता प्री-क्वार्टर फ़ाइनल मैच खेलेगी। समझा जा रहा है कि बीसीसीआई द्वारा प्रतियोगिता के लिए खेल की शर्तें जारी करने के बाद क्वार्टर-फ़ाइनल की यह योग्यता स्पष्ट होगी।
प्री-क्वार्टर फ़ाइनल लीग चरण के दौरान ही खेला जाएगा, जो 27 मार्च को आईपीएल शुरू होने से पहले समाप्त होगा। एलीट ग्रुप के मुक़ाबले राजकोट, कटक, चेन्नई, अहमदाबाद, तिरुवनंथपुरम, दिल्ली, हरियाणा और गुवाहाटी में खेले जाएंगे। कोलकाता प्लेट ग्रुप के सभी मैचों की मेज़बानी करेगा।
13 जनवरी से शुरू होने वाली थी रणजी ट्रॉफ़ीरणजी ट्रॉफ़ी मूल रूप से 13 जनवरी से शुरू होने वाली थी, लेकिन भारत में बढ़ते कोरोना मामलों के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा था।बंगाल टीम में कोरोना संक्रमण के छह मामले आये थे जिनमें पांच खिलाड़ी थे। इसके अलावा मुंबई के शिवम दुबे भी पॉजिटिव पाये गए थे जिन्होंने कड़ा पृथकवास गुजाारा था। मार्च 2020 में रणजी ट्रॉफी फाइनल के बाद से भारत में लाल गेंद प्रारूप से राष्ट्रीय स्तर का कोई भी घरेलू मुकाबला नहीं खेला गया है।
इस प्रतियोगिता के आयोजन का निर्णय लेते समय, जय शाह ने कहा कि महामारी की तीसरी लहर से ठीक होने वाले मरीज़ों की संख्या उत्साहजनक है। हालांकि बीसीसीआई किसी भी जोखिम को कम करने के लिए बायो-बबल बनाना जारी रखेगी।
राज्य संघों को भेजे गए पत्र में शाह ने लिखा था, "जब से इस प्रतियोगिता को स्थगित करने का निर्णय लिया गया था, बोर्ड कई योजनाओं पर काम कर रहा था ताकि परिस्थितियां बेहतर होने पर इसे आयोजित किया जा सके। हम किसी भी जोखिम को टालने के लिए बायो-बबल में खेलना जारी रखेंगे। बोर्ड सभी खिलाड़ियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है और एक सुरक्षित टूर्नामेंट सुनिश्चित करने में आप सभी का समर्थन चाहता है।"
कोरोना महामारी ने पिछले साल भी क्रिकेट को काफ़ी प्रभावित किया था और बीसीसीआई केवल विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी और सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी का आयोजन कर पाई थी। हालांकि इसके बदले बोर्ड ने खिलाड़ियों को मुआवज़े के तौर पर मैच फ़ीस का 50 प्रतिशत भुगतान किया था ताकि प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को आर्थिक नुक़सान न हो।