राजकोट। शीर्ष बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान तथा गेंदबाजों के आक्रामक तेवरों के दम पर भारत ने दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से शिकस्त देकर 3 मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर की। राजकोट में खेले कुल 3 मैचों में भारत की यह पहली जीत है। इससे पहले वह 2013 में इंग्लैंड से (9 रन) और 2015 में दक्षिण अफ्रीका से (18 रन) से परास्त हुआ था।
इस मैच में कुल 644 रन बने और 16 विकेट गिरे। शिखर धवन (90 गेंदों पर 96 रन) केवल 4 रन से शतक से चूक गए लेकिन उन्होंने विराट कोहली (76 गेंदों पर 78 रन) और केएल राहुल (52 गेंदों पर 80 रन) को आक्रामक पारियां खेलने के लिए शानदार मंच दिया, जिससे भारत 6 विकेट पर 340 रन का मजबूत स्कोर बनाने में सफल रहा।
बड़े लक्ष्य के सामने ऑस्ट्रेलिया तभी अच्छी स्थिति में दिख रहा था, जब स्टीवन स्मिथ (102 गेंदों पर 98 रन) और मार्नस लाबुशेन (47 गेंदों पर 46 रन) क्रीज पर थे। ऑस्ट्रेलिया की टीम आखिर में 49.1 ओवर में 304 रन ही बना पाई।
भारत की तरफ से मोहम्मद शमी (77 रन देकर 3), रवींद्र जडेजा (58 रन देकर 2), नवदीप सैनी (62 रन देकर 2), कुलदीप यादव (65 रन देकर 2) और जसप्रीत बुमराह (32 रन देकर 1) ने विकेट लिए। राहुल ने विकेट के पीछे भी अच्छा प्रदर्शन किया तथा 2 कैच और 1 स्टंप किया।
ऑस्ट्रेलिया ने मुंबई में खेला गया पहला मैच 10 विकेट से जीता था लेकिन भारत ने दमदार वापसी करके श्रृंखला को रोमांचक बना दिया। तीसरा और अंतिम एकदिवसीय मैच रविवार को बेंगलुरु में खेला जाएगा।
पिछले मैच में शतक जड़ने वाले ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर (15) और कप्तान आरोन फिंच (33) आज कुछ कमाल नहीं दिखा पाए। वॉर्नर ने शमी की गेंद पर कैच दिया, जबकि राहुल ने विकेटकीपर के रूप में अपनी चपलता का अद्भुत प्रदर्शन करते हुए फिंच को स्टंप करके जडेजा और भारत को महत्वपूर्ण विकेट दिलाया।
स्मिथ ने टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन फॉर्म दिखाने वाले लाबुशेन के साथ मिलकर सहजता से रन बटोरे। जब यह जोड़ी भारत के लिए खतरा बनती जा रही थी, तब रन गति तेज करने के प्रयास में लाबुशेन की एकाग्रता भंग हुई और उन्होंने जडेजा की गेंद पर मिड ऑफ पर आसान कैच थमा दिया। स्मिथ और लाबुशेन ने तीसरे विकेट के लिए 96 रन जोड़े।
कुलदीप ने 4 गेंद के अंदर एलेक्स कैरी (18) और स्मिथ के विकेट लेकर मैच को पूरी तरह से भारत के पक्ष में मोड़ दिया। कैरी ने एक्स्ट्रा कवर पर आसान कैच थमाया जो कुलदीप का इस प्रारूप में 100वां विकेट भी था। स्मिथ ने आसान मानी जा रही गेंद को खेलकर अपना विकेट इनाम में दिया। उन्होंने अपनी पारी में 9 चौके और एक छक्का लगाया।
शमी ने एलेक्स टर्नर (13) और पैट कमिंस (शून्य) को लगातार गेंदों पर आउट करके रही सही कसर पूरी कर दी जबकि नवदीप सैनी ने भी एशटन एगर (25) और मिशेल स्टार्क (6) को 3 गेंद के अंदर पैवेलियन भेजा। केन रिचर्डसन (11 गेंदों पर नाबाद 24) ने शमी का गेंदबाजी विश्लेषण बिगाड़कर हार का अंतर कम किया।
इससे पहले धवन ने अपने सलामी जोड़ीदार रोहित शर्मा (42) के साथ पहले विकेट के लिए 81 रन जोड़े और फिर कोहली के साथ दूसरे विकेट के लिए 103 रन की साझेदारी निभाई। कोहली और राहुल ने भी केवल 10.3 ओवर में 78 रन की भागीदारी की। राहुल ने आखिरी ओवरों में तेजी से रन बटोरने में अहम भूमिका निभाई।
धवन की पारी में 13 चौके और एक छक्का शामिल है जबकि कोहली ने 6 चौके लगाए। पैट कमिंस पर लगाया गया उनका चौका दर्शनीय था। राहुल ने अपने आक्रामक अंदाज का खुलकर प्रदर्शन किया तथा 6 चौके और 3 छक्के लगाए तथा इस दौरान वनडे में 1000 रन पूरे किए। उन्होंने मिशेल स्टार्क पर भी छक्का जड़ा। स्टार्क काफी महंगे साबित हुए और उन्होंने 10 ओवर में 78 रन दिए। उन्हें कोई सफलता नहीं मिली।
एडम जंपा (10 ओवर में 50 रन देकर 3) ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल गेंदबाज रहे। कोहली जब अपने 44वें शतक की तरफ बढ़ रहे थे, तब उन्होंने भारतीय कप्तान को पैवेलियन भेजा। यह सीमित ओवरों के क्रिकेट में सातवां अवसर है, जबकि जंपा ने कोहली को आउट किया। जंपा ने इससे पहले रोहित को पगबाधा आउट करके उन्हें बड़ी पारी नहीं खेलने दी थी।
धवन ने फिर से खुद को टीम का महत्वपूर्ण बल्लेबाज साबित किया। उन्होंने 60 गेंदों पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना छठा अर्धशतक पूरा किया। इससे पहले उन्होंने जनवरी 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार मैचों में अर्धशतक लगाए थे। यह उनका कुल 29वां पचासा है।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने विशेष तौर पर एशटन एगर (8 ओवर में 63 रन) को निशाना बनाया जिन पर 25वें ओवर में उन्होंने लगातार 2 चौके और 27वें ओवर में चौका और छक्का लगाया। धवन हालांकि अपने 18वें शतक से चूक गए। उन्होंने केन रिचर्डसन (73 रन देकर 2) की गेंद पुल करके फाइन लेग पर कैच दिया। श्रेयस अय्यर (7) और मनीष पांडे (2) दोनों नाकाम रहे, जबकि रवींद्र जडेजा ने नाबाद 20 रन बनाए।