हैमिल्टन: भारतीय टीम के मुख्य कोच रमेश पोवार ने स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसी अनुभवी खिलाड़ियों से आह्वान किया है कि वह "अपना हाथ उठाएं" और भारत को विश्व कप में मैच जिताना शुरू करें। पोवार ने यह भी माना कि गुरुवार को मेज़बान न्यूज़ीलैंड से हार के पीछे के कारण थे "एक विश्व कप का दबाव" और ऊपरी क्रम में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को एक साथ रखने का "ग़लत निर्णय"।
सेडन पार्क में खेलते हुए भारत की 62 रनों से भारी हार में हरमनप्रीत ने 71 रनों की धुआंधार और आकर्षक पारी खेली। 261 के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की पारी 47 ओवरों के अंदर 198 पर ही सिमट गई और पोवार ने उम्मीद जताई कि आनेवाले मैचों में सीनियर बल्लेबाज़ों का योगदान ज़्यादा होगा।
पोवार ने कहा, "मेरे लिए सही नहीं होगा ऐसा कहना कि मैं हरमनप्रीत की पारी से ख़ुश था या नहीं। मैं कोच हूं और मेरे लिए कोई भी खिलाड़ी अगर फ़ॉर्म में नहीं चल रहीं हों तो यह चिंता का विषय है। हालांकि मैं उनके बारे में ज़्यादा चिंतित नहीं था। मैं उन्हें पहले भी कोच कर चुका हूं और उनकी प्रतिभा जानता हूं। अब मैं चाहूंगा कि अब वह निरंतरता से रन बनाएं।"
कोच ने साथ ही कहा, "इसी तरह मैं ऊपरी क्रम के पांच बल्लेबाज़ों से निरंतरता की कामना करता हूं। मैं चाहता हूं मिताली, स्मृति और झूलन जैसे अनुभवी खिलाड़ी अपना हाथ उठाएं और मैच-जिताऊ योगदान देना शुरू करें। ऐसे में उस आत्मविश्वास का संचार अनुभवहीन खिलाड़ियों में भी होने लगेगा। फ़ॉर्म या ना फ़ॉर्म में होने से मुझे कुछ नहीं लेना या देना, मेरा लक्ष्य है ऐसे खिलाड़ी तैयार करना जो भारत को विश्व कप जिताएंगे।"
न्यूज़ीलैंड से हार भारत के लिए महंगा साबित हो सकती है। आठ टीमों की प्रतियोगिता में पाकिस्तान को हराने के बाद भारत फ़िलहाल पांचवें पायदान पर है और अभी और भी मज़बूत टीमों से मुक़ाबले बचे हैं। पोवार ने ज़्यादा तेज़ी से रन बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा, "न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ एक ऐसा दिन था जब बल्लेबाज़ी में हमने ग़लतियां कीं। पहले 20 ओवरों में हमारे रणनीति से मुझे भी आश्चर्य हुआ। इस विश्व कप से पहले सीरीज़ में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ हमने काफ़ी अच्छी बल्लेबाज़ी की थी।"
पोवार ने कहा, "यह एक विश्व कप का दबाव है लेकिन यह कोई बहाना नहीं हो सकता। हम पिछले कुछ महीनों में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है और हम न्यूज़ीलैंड भी काफ़ी पहले आ चुके हैं। हम अभ्यास की कमी के बारे में भी नहीं कह सकते हैं। पिछले 2-3 दौरों पर हम बल्लेबाज़ी में काफ़ी सुधार ला चुके हैं। पहले हम 220 तक पहुंचने में संघर्ष करते थे लेकिन अब 270 और 280 तक स्कोर बना चुके हैं। यह व्यक्तिगत स्तर पर खिलाड़ी पर निर्भर है कि मैच के दबाव में वह कैसे लड़ती हैं।"
भारत का अगला मुक़ाबला फ़ॉर्म में चल रहे वेस्टइंडीज़ से हैं जिन्हें विश्व कप के लिया क्वालीफ़ाई भी करना पड़ा था। अपने पहली दो मैचों में इस टीम ने मेज़बान न्यूज़ीलैंड और गत विजेता इंग्लैंड को पछाड़ने का काम किया है। वेस्टइंडीज़ की टीम में तीन ऑफ़स्पिनर हैं - अनीसा मोहम्मद, हेली मैथ्यूज़ और स्टेफ़ानी टेलर - और ऐसे में पोवार ने कहा कि भारत अपने ऊपरी क्रम में बदलाव ला सकता है।
उन्होंने कहा, "हमारे बल्लेबाज़ी की शुरुआत तीन खब्बू बल्लेबाज़ों से होती है, और स्मृति को छोड़कर बाक़ी दोनों काफ़ी अनुभवहीन हैं। शायद उनको साथ रखना एक ग़लत निर्णय था। इस पर सोच विचार ज़रूर किया जाएगा। तीन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के बीच अगर एक दाएं हाथ का खिलाड़ी डाल दिया जाए तो गेंदबाज़ों को भी कुछ अलग करना पड़ेगा।"
चौथे नंबर पर भारी रन बनाने वाली कप्तान मिताली राज के बारे में भी चर्चा में रही है कि क्या उन्हें सलामी बल्लेबाज़ी या तीसरे नंबर पर खिलाने से भारत को फ़ायदा मिल सकता है? इस बारे में पोवार ने कहा, "हम इस पर बात कर सकते हैं। यह एक सकारात्मक मुद्दा है क्योंकि हम 50 ओवर की गेम को छोटे छोटे इकाईओं में तोड़कर देख सकते हैं। यह टी20 जैसा गेम नहीं जहां आप बल्लेबाज़ों को कहीं भी खिला सकते हैं। हमें देखना है कि 50 ओवर में हमारे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ कैसे सबसे अधिक गेंद खेलेंगे और प्रभाव डाल पाएंगे।"
(वार्ता)