मुंबई: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को संकेत दिए कि अगर लगातार बारिश जारी रहती है तो परिस्थितियों में संभावित बदलाव का फायदा उठाने के लिए वे न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में अतिरिक्त तेज गेंदबाज उतार सकते हैं।
मुंबई में बेमौसम की भारी बारिश हो रही है जिससे तापमान में तेजी से गिरावट आई है। आसमान में बादल छाए होने के कारण सीम और स्विंग गेंदबाजों को फायदा मिल सकता है क्योंकि पिच में नमी भी होगी।
इस मैच में तीन स्पिनरों के साथ उतरने की रणनीति में बदलाव का संकेत देते हुए कोहली ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा, मौसम में बदलाव हुआ है और हमें इसे ध्यान में रखते हुए टीम का चयन करना होगा।अगर भारत तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरता है तो अंतिम एकादश में मोहम्मद सिराज को मौका मिल सकता है।
मोहम्मद सिराज की जगह क्रिकेट फैंस को पक्की होती हुई दिख रही है। जिन्होंने इंग्लैंड दौरे पर कमाल का प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने पिछले 4 टेस्ट में 126.5 गेंद डालकर 14 विकेट निकाले हैं।
अश्विन को फिर बाहर बैठा सकते हैं कोहलीमुंबई में खेले जाने वाले वानखेड़े टेस्ट में विराट कोहली के आने से टीम इंडिया की अंतिम ग्यारह में एक बदलाव पहले से ही होगा। एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज खिलाने का मतलब है कि एक स्पिनर को बाहर बैठाना।
अब वह स्पिनर या तो अक्षर पटेल हो सकते हैं या फिर रविचंद्रन अश्विन ऐसे में विराट कोहली अक्षर पटेल को बाहर बैठाते हैं तो उनसे सवाल पूछे जाएंगे कि कानपुर टेस्ट में 5 विकेट लेने वाले स्पिनर को कैसे बाहर बैठाया गया है। इस कारण वह रविचंद्रन अश्विन पर गाज गिरा सकते हैं।
पूरे इंग्लैंड दौरे में पवैलियन में बैठे रहे अश्विनआर अश्विन पूरे इंग्लैंड दौरे में पवैलियन में बैठे रहे और एक टेस्ट में भी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बने। इस कारण विराट कोहली की भी आलोचना हुई की टेस्ट का दूसरा सर्वेश्रेष्ठ गेंदबाज (रैंकिंग के आधार पर) बाहर क्यों बैठा हुआ है। खासकर हैडिंग्ले और फिर ओवल में उनके टीम में शामिल ना किए जाने पर फैंस खासा नाराज हुए। हालांकि भारत अश्विन की गैरमौजूदगी में भी चौथा टेस्ट जीतने मे कामयाब हुआ और सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाई।
कोहली ने कहा, आप यह नहीं मान सकते कि पांच दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा। इसलिए हमें देखना होगा कि कौन का गेंदबाजी संयोजन चुना जाए तो विभिन्न हालात के प्रभावी रहे। अगर आम सहमति बनती है और अगर सभी राजी होते हैं तो हम उस संयोजन के साथ उतर सकते हैं।
कप्तान ने टीम में अजिंक्य रहाणे के स्थान को लेकर निश्चित जवाब नहीं दिया लेकिन टीम से बाहर होने वाले खिलाड़ियों के साथ कैसा संवाद किया जाता है इस पर उन्होंने विस्तृत जवाब दिया।
कोहली ने कहा, आपको समझना होगा कि टीम की स्थिति क्या है। आपको समझना होगा कि लंबे सत्र के दौरान निश्चित चरण में व्यक्तिगत खिलाड़ियों की स्थिति क्या है, इसलिए बेशक आपको अच्छी तरह से संवाद करना होगा।
उन्होंने कहा, आपको व्यक्तिगत खिलाड़ियों से बात करनी होगी और उनसे इस तरह बात करनी होगी कि उन्हें चीजें अच्छी तरह समझा आ जाएं। अतीत में हमने जब भी बदलाव किए हैं तो अधिकतर समय यह संयोजन से जुड़े रहे हैं।
भारतीय कप्तान ने कहा, हमने व्यक्तिगत खिलाड़ियों को समझाया है और उन्होंने निश्चित संयोजन के साथ उतरने की हमारी मानसिकता को समझा है। इसलिए जब समूह में सामूहिक विश्वास हो कि हम एक ही विजन के लिए काम कर रहे हैं तो यह मुश्किल चीज नहीं होती।
कोहली ने पुष्टि की कि टीम के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी रिद्धिमान साहा गर्दन की जकड़न से उबर गए हैं जिसके कारण वह कानपुर टेस्ट में अधिकांश समय विकेटकीपिंग नहीं कर पाए थे।
उन्होंने कहा, अब तक की स्थिति के अनुसार वह फिट है। वह गर्दन में जकड़न से उबर गया है और अब बिलकुल ठीक है।हालांकि यह देखना होगा कि साहा को खिलाया जाता है या टीम प्रबंधन श्रीकर भरत की क्षमता पर भरोसा जताता है।
कोहली ने वानखेड़े स्टेडियम की पिच के संदर्भ में कहा, यह ऐसी पिच है जहां काफी अनुशासन की जरूरत होगी लेकिन अनुशासन का पुरस्कार भी अन्य स्थलों की तुलना में कहीं अधिक होगा जहां स्पिन का दबदबा रहता है और तेज गेंदबाजों के पास अधिक मौका नहीं होता।
उन्होंने कहा, लेकिन वानखेड़े में ऐसा कभी नहीं होता। विशेषकर लाल गेंद के क्रिकेट में सभी तेज गेंदबाज इस पिच पर खेलने का लुत्फ उठाते हैं और यहां तक कि बल्लेबाजों को यहां बल्लेबाजी करना पसंद है। शानदार क्रिकेट विकेट।
कोहली समझते हैं कि कभी कभी आपका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी पर्याप्त नहीं होगा और कानपुर टेस्ट ऐसा ही एक मुकाबला था जहां उनका मानना है कि अजिंक्य रहाणे और उनकी टीम ने सब कुछ आजमाया।
उन्होंने कहा, मैंने वह मैच देखा और मुझे लगता है कि हमने वह सब कुछ आजमाया जो एक टीम के रूप में कर सकते थे। बेशक चीजों को लेकर सभी का नजरिया अलग होता है, संभवत: अगर मैं उस स्थिति में होता तो जवाब दे पाता लेकिन मैं उस स्थिति में नहीं था इसलिए मुझे पता है कि टीम ने पूरा प्रयास किया।
कोहली ने कहा कि अंतिम घंटे में विकेट नहीं गंवाने का श्रेय रचिन रविंद्र और एजाज पटेल को दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, कभी कभी जब आप नतीजा हासिल नहीं कर पाते तो आपको विरोधी टीम को श्रेय देना होता है कि अंतिम विकेट के लिए बल्लेबाजों ने 10-12 ओवर बल्लेबाजी की, यह उनकी तरफ से भी काफी अच्छा प्रयास था।