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Last Updated : सोमवार, 27 दिसंबर 2021 (15:12 IST)

मयंक अग्रवाल को बनाया जाएगा बलि का बकरा, पुजारा रहाणे को बचाने में लगा टीम मैनेजमेंट

मयंक अग्रवाल को बनाया जाएगा बलि का बकरा, पुजारा रहाणे को बचाने में लगा टीम मैनेजमेंट - Mayank Agrawal set to become a scapegoat in upcoming Test for Virat Kohli
मुंबई:भारतीय कोच के रूप में राहुल द्रविड़ अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में संकट में फंसते नजर आ रहे हैं। द्रविड़ को यह मुश्किल फैसला लेना है कि पूर्णकालिक कप्तान विराट कोहली की टीम में वापसी के बाद एकादश में उनकी जगह बनाने के लिए अजिंक्या रहाणे, चेतेश्वर पुजारा या मयंक अग्रवाल में से किसकी बलि चढ़ेगी।सूत्रों की मानें तो इस प्रश्न का उत्तर मिल गया है।

पहले टेस्ट में श्रेयस अय्यर ने 105 और 65 की शानदार पारियों को खेलकर ना सिर्फ़ भारत को संकट से उबारा बल्कि उन्हें जीत के दहलीज तक पहुंचाया। इसलिए उन्हें बाहर करना काफ़ी कठिन होगा, ख़ासकर तब जब भारत के तीन प्रमुख मध्यक्रम बल्लेबाज़ों का पिछले दो साल का औसत सिर्फ़ 27.3 है। भारतीय टीम प्रबंधन के पास तीन विकल्प हैं।

अजिंक्य रहाणे का औसत लगभग 30

पिछले मैच में कप्तान रहे अजिंक्या रहाणे का पिछले 16 टेस्ट मैचों में औसत सिर्फ़ 24.39 का रहा है। इसमें एक शतक भी शामिल है। उनका करियर औसत अब 40 से भी कम हो गया है। घर पर उनका औसत सिर्फ़ 35.73 है, जो पिछले पांच सालों में और कम होकर सिर्फ़ 30.08 रह गया है। उन्हें टेस्ट शतक लगाए करीब 1 साल हो गया है।

भारतीय टीम प्रबंधन के लिए यह सबसे आसान विकल्प होगा कि वह रहाणे को बाहर करें, विराट अपने पुराने बल्लेबाज़ी क्रम नंबर चार पर आएं और अय्यर कानपुर टेस्ट की ही तरह नंबर पांच पर उतरें।

लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अलग ही खिचड़ी पक रही है। टीम मैनेजमेंट लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अलग ही खिचड़ी पक रही है। टीम मैनेजमेंट मयंक अग्रवाल को बलि का बकरा बनाने पर तुला हुआ है ताकि किसी तरह पुजारा और रहाणे की जगह अंतिम ग्यारह में बच सके। फिर भले ही इसके लिए पूरा बल्लेबाजी क्रम ही क्यों ना बदलना पड़े।

पुजारा का टेस्ट औसत 30 से कम

चेतेश्वर पुजारा ने 2014-15 में मेलबोर्न टेस्ट में मैच बचाने वाली पारी खेली थी, लेकिन अगले सिडनी टेस्ट में वह टीम में नहीं थे। 2015 में उन्होंने श्रीलंका में एक हरी-भरी कठिन पिच पर शतक बनाया लेकिन एक घरेलू सीरीज़ में अच्छा ना करने के कारण उन्हें अगले वेस्टइंडीज़ दौरे पर टीम में जगह नहीं मिली।लेकिन अब पुजारा को शतक लगाए हुए लगभग तीन साल हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने 23 मैचों में सिर्फ़ 28.61 की औसत से रन बनाए हैं। हां, उन्होंने बीच-बीच में कुछ अच्छी पारियां ज़रूर खेली हैं लेकिन उनके कद को देखते हुए वे नाकाफ़ी हैं।

मयंक अग्रवाल को देना होगा कोहली के लिए रास्ता

सभी की नजरें इस मैच के लिए भारतीय टीम के संयोजन पर भी टिकी हैं। अंतिम एकादश में कप्तान विराट कोहली की वापसी से मयंक अग्रवाल का बाहर होना लगभग तय है क्योंकि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे सहित सहयोगी स्टाफ ने अजिंक्य रहाणे का समर्थन किया है जो खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं।
इसके बाद वह इंग्लैंड दौरे पर चोटिल हो बैठे। इसलिए अगर एक टेस्ट के बाद ही उन्हें बाहर बैठाया जाता है तो उनके साथ यह अन्याय होगा।

केएस भरत कर सकते हैं ओपनिंग

फ़िलहाल विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा का फ़िटनेस संदेह के घेरे में है। अगर वह पूरी तरह फ़िट नहीं होते हैं तो केएस भरत उनकी जगह लेंगे, जो कि अपनी 123 प्रथम श्रेणी परियों में 77 बार ओपनिंग कर चुके हैं। उनके नाम ओपनर के तौर पर एक तिहरा शतक और 3 शतक शामिल है।

अगर साहा फ़िट भी होते हैं तो भी टीम प्रबंधन यह निर्णय ले सकती है। हालांकि उन्होंने दूसरी पारी के दौरान गर्दन के दर्द के बाद भी एक बेहतरीन पारी खेली थी और उन्हें बाहर बैठाना आसान नहीं होगा।