सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने सोमवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ 2-2 से टेस्ट श्रृंखला ड्रॉ कराना भारतीय क्रिकेट के सबसे यादगार पलों में से एक होगा क्योंकि यह एक ऐसी टीम द्वारा हासिल किया गया था जिसे विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों की अनुपस्थिति में दावेदार नहीं माना गया था।
मोहम्मद सिराज ने थकान को धत्ता बताते हुए मैच के पांचवें दिन कमाल की गेंदबाजी करते हुए पांचवें टेस्ट मैच की दूसरी पारी में पांच विकेट झटक कर भारत को छह रन से यादगार जीत दिलाई।इस श्रृंखला में कई बार बेहतर स्थिति से होने के बावजूद मैच से नियंत्रण गंवाने वाली भारतीय टीम ने आखिरी एक घंटे में शानदार गेंदबाजी से मैच का पासा पलट दिया।
राहुल ने मैच के प्रसारकों से कहा, हमने भारत को विश्व कप उठाते हुए देखा है, मेरा मतलब है कि विश्व कप जीतने की बराबरी कोई नहीं कर सकता। लेकिन हर किसी के मन में इतने संदेह, इतने सवाल थे कि क्या टेस्ट क्रिकेट रहेगा या नहीं। मुझे लगता है कि दोनों टीमों ने जिस तरह से इस श्रृंखला में खेला है, मुझे लगता है कि हमने उस सवाल का जवाब दे दिया है।
उन्होंने कहा, श्रृंखला से पहले किसी को उम्मीद नहीं थी कि हमारी टीम इंग्लैंड को कड़ी टक्कर दे पायेगी। हमारे लिए हर मैच में संघर्ष कर वापसी करना और श्रृंखला को 2-2 से बराबर करना शानदार है। मुझे लगता है कि यह जीत हमारे लिए और भविष्य में भारतीय टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे ऊपर रहेगी।
राहुल इस टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक है। उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में दो शतक और दो अर्धशतक की मदद से 532 रन बनाये। वह कप्तान शुभमन गिल के बाद इस श्रृंखला में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी है। उन्होंने युवा यशस्वी जायसवाल के कई बार टीम को शानदार शुरुआत दिलाई।
राहुल ने कहा, मुझे लगता है कि जब मैं टीम में शामिल हुआ तो मुझे यह महसूस हुआ (कि मैं सीनियर खिलाड़ियों में से एक हूं)। मैं लगभग दो हफ्ते पहले भारत ए के लिए खेलने आया था और तब मुझे ऐसा महसूस नहीं हुआ था। लेकिन जब मैं इस टीम में शामिल हुआ और मैंने चारों ओर देखा और मेरे पास रोहित, विराट और अश्विन नहीं थे, जिनके साथ मैंने अपना सारा क्रिकेट खेला है।
उन्होंने कहा, उनके बिना टीम में होना थोड़ा अजीब लगा। तभी मुझे यह एहसास हुआ कि युवा खिलाड़ी मार्गदर्शन के लिए मेरी तरफ देख रहे हैं, मुझ से इंग्लैंड की परिस्थितियों के बारे में पूछने आ रहे हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए, उन्हें कैसे तैयारी करनी चाहिए।
राहुल ने कहा कि उन्होंने सिर्फ प्रदर्शन करने में ही नहीं, बल्कि युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन देने में भी अपने अनुभव पर भरोसा किया।
उन्होंने कहा, तभी मुझे यह एहसास हुआ कि अब मैं एक अलग भूमिका में आ गया हूं और यह मेरे लिए युवा खिलाड़ियों की मदद करने का समय है। मेरे पास टेस्ट क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का वर्षों का जो अनुभव है उसका उपयोग करूं और इस टीम के लिए अपना योगदान दूं।उन्होंने कहा, यह क्षण ऐसा लगता है कि यह एक युवा टीम है जो लंबे समय तक रहेगी।
गिल ने इस श्रृंखला में 750 से ज्यादा रन बनाये लेकिन राहुल ने मुश्किल परिस्थितियों में नयी गेंद का दिलेरी से सामना किया। उन्होंने अपनी एकाग्र और संयमित बल्लेबाजी से टीम को शीर्ष क्रम में मजबूती प्रदान की।
राहुल ने गिल की बहुत प्रशंसा की।उन्होंने ने कहा, गिल ने जिम्मेदारी के साथ कप्तानी की। वह खिलाड़ियों से शानदार तरीके से घुलमिल गये। वह रणनीतिक तौर पर शानदार थे, उन्होंने गेंदबाजी में कुछ शानदार बदलाव किये जिससे हम विकेट लेने में सफल रहे। वह शानदार टेस्ट कप्तान बनेंगे।
(भाषा)