मैच का नतीजा जो भी हो लेकिन जो रूट बल्लेबाजी के अलावा कप्तानी में भी कोहली से रहे बीस
लॉर्ड्स टेस्ट एक रोमांचक मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है। चौथे दिन के बाद तीनों नतीजों की संभावना बनी हुई है। इंग्लैंड का पलड़ा थोड़ा सा भारी जरुर दिख रहा है लेकिन अंतिम दिन इंग्लैंड को ज्यादातर समय बल्लेबाजी करनी पड़ेगी जो कभी भी आसान नहीं होता। कभी कभी 180 का स्कोर भी 250 जैसा प्रतीत होता है। वहीं लॉर्ड्स टेस्ट के ड्रॉ होने की सबसे ज्यादा संभावना है।
मैच का नतीजा जो भी हो जो रूट ने यह बता दिया है कि इस सीरीज में ना केवल वह कप्तान कोहली पर बल्लेबाजी में हावी रहे बल्कि कप्तानी भी उनसे बेहतर की है।
लॉर्ड्स टेस्ट की दोनों पारियो में विराट कोहली जहां 20 और 42 के स्कोर पर आउट हो गए वहीं कप्तान जो रूट ने 180 नाबाद रन ठोके और अभी तक इस लॉर्ड्स टेस्ट में कोई उनका विकेट नहीं ले सका।
यही नहीं कप्तानी में भी वह विराट कोहली से बीस रहे। इसकी शुरुआत टीम कॉम्बिनेशन से हुई। विराट कोहली चाहते तो रविचंद्रन अश्विन को मौका दे सकते थे लेकिन उन्होंने इशांत के साथ जाना बेहतर समझा। अब आज विराट कोहली के पास पांचवे दिन की पिच पर सिर्फ 1 ही स्पिन गेंदबाज होगा- रविंद्र जड़ेजा।
हालांकि रविंद्र जड़ेजा बाएं हाथ के स्पिनर हैं और इंग्लैंड के ज्यादातर बल्लेबाज दाएं हाथ के हैं तो जड़ेजा की कलाई से भी कमाल की संभावना बनी हुई है। लेकिन अगर आज अश्विन होते तो भारतीय टीम की जीत की संभावना बहुत ज्यादा होती। कल शाम के एक घंटे के खेल को देखते हुए तो यही कहा जा सकता है।
वहीं जो रूट एक अलग सोच के साथ उतरे। उन्होंने मोइन अली को मौका दिया। इस निर्णय के बाद उनपर उंगलिया उठी जो रविवार शाम को तालियों में तब्दील हो गई। मोइन अली के आने से ना केवल इंग्लैंड की लचर बल्लेबाजी में थोड़ी ताकत आयी बल्कि चौथे दिन के आखिर में स्पिन से उन्होने इंग्लैड को मैच में वापसी कराई।
रविवार को पिच पर सेट हुए बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे 61 को उन्होंने बटलर के हाथों कैच कराया और रविंद्र जड़ेजा को एक बेहतरीन गेंद पर बोल्ड किया। यही नहीं मोइन अली को देखकर खुद जो रूट लगातार गेंदबाजी करते रहे।
नई गेद उपलब्ध हो जाने के बाद भी रूट ने खुद और मोइन का स्पिन अटैक जारी रखा। रोशनी कम हो रही थी इस कारण वह नहीं चाहते थे कि अगर तेज गेंदबाज को गेंद सौंपी जाती तो अंपायर तुरंत बल्लेबाज को लाइट ऑफर कर देते।
ऐसे में क्रीज पर इशांत शर्मा थे तो रूट ने उनका विकेट निकालने के लिए मोइन और खुद से गेंदबाजी करवाते रहना ही मुनासिब समझा। इस दौरान बालकनी में बैठे कप्तान विराट कोहली अधीर हो रहे थे। वह बल्लेबाजों से कह रहे थे कि अंपायर को बुरी रोशनी की जानकारी दो और पवैलियन लौटो।
थोड़ी देर बाद यह हुआ भी लेकिन जो रूट अपनी कप्तानी का लोहा मनवा गए। आशचर्य नहीं होना चाहिए कि आज भी मोइन से पुरानी गेंद से ही गेंदबाजी करवा ले और नई गेंद को नजर अंदाज कर दें। (वेबदुनिया डेस्क)