महिला टीम के लिए सेमीफाइनल का रास्ता बेहद कठिन, इन दो अविजित टीमों में से किसी 1 से जीतना ही होगा
भारतीय टीम की लचर बल्लेबाजी के कारण आज एक सुनहरा अवसर मिताली राज और उनकी टीम से छिन गया। 134 पर ऑलआउट हुई टीम इंडिया जब गेंदबाजी करने उतरी तो ऐसा लगा कि गत विजेता इंग्लैंड भी 134 रनों से पहले आउट हो जाएगी लेकिन यह काफी नहीं होने वाला था।
झूलन गोस्वामी और मेघना सिंह ने इंग्लैंड को शुरुआती झटके दिए लेकिन टूर्नामेंट में जीत को तरस रही इंग्लैंड की मध्यक्रम बल्लेबाजों ने रन गति बनाए रखी। जीत की दहलीज पर आकर इंग्लैंड ने फिर गुच्छे में विकेट खोए लेकिन अंत में 4 विकेट से टीम ने जीत का खाता खोला।
इस मैच के बाद भारत के 4 मैच में 2 जीत और 2 हार हो गई है। हालांकि इस हार के बावजूद भी अंकतालिका में भारत की स्थिति तीसरे पायदान पर है। लेकिन आगे का रास्ता कांटो भरा है। भारत को अपने बचे 3 में 2 मैच तो जीतने ही होंगे।
अगले मैच की 2 टीमें रही है अविजित भारत का अगला मैच ऑस्ट्रेलिया से होने वाला है जो अब तक इस विश्वकप में एक भी मैच नहीं हारी है। हालांकि भारत ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उसका विजय रथ रोका था लेकिन विश्वकप में यह करना बहुत आसान नहीं होने वाला।
सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ही नहीं टीम इंडिया के अंतिम 4 में जगह बनाने में एक और कांटा दक्षिण अफ्रीका भी है। यह टीम भी इस विश्वकप का एक भी मैच नहीं हारी है। अफ्रीका से तो भारत अपनी ही जमीन पर पिछले साल 1-4 से वनडे सीरीज हारी है तो वह दबाव भी भारतीय टीम पर होगा।
आने वाले मैच में सिर्फ एक टीम ही है जो भारत के सामने थोड़ी हल्की लगती है। वह है बांगलादेश। पड़ोसी बांग्लादेश अपना पहला महिला वनडे विश्वकप खेल रहा है। हालांकि इस टीम को भी हल्के में लेना खतरे से खाली नहीं होगा क्योंकि हाल ही में इस टीम ने पाकिस्तान पर रोमांचक जीत दर्ज करके उलटफेर किया था।
3 में से 2 मैच जीतने पर भी रनरेट पर रखनी होगी नजरअगर भारत ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका में से किसी एक टीम से मैच जीत भी जाती है तो भी भारत का सेमीफाइनल में खेलना पक्का नहीं है, लेकिन करीब जरूर है। भारत को चाहिए कि वह अब जितने मैच जीते वह बड़े अंतर से जीते जिससे उसकी रन रेट सुधरे।
आज इंग्लैंड के खिलाफ भारत 376.2 ओवरों में ही 134 रनों पर आउट हो गई और इंग्लैंड जो 3 मैच हार चुकी थी यह जानती थी कि उसे यह लक्ष्य कम से कम ओवरों में जीतना है ताकि आगे जीत की संभावना रहे। यही कारण है कि लगातार विकेट खोने के बाद भी इंग्लैंड ने आक्रामक रूख अपनाए रखा और लक्ष्य को 31.2 ओवर में ही पा लिया।
भारत को भी अपने आने वाले मैचों में कुछ ऐसी ही सोच के साथ मैदान पर उतरना होगा, अगर सेमीफाइनल में प्रवेश करना है तो।
(वेबदुनिया डेस्क)