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Last Updated : गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020 (15:57 IST)

रहाणे का टीम इंडिया को गुरुमंत्र, मजबूत इरादे दिखाएं और कोण का सही अनुमान लगाएं

रहाणे का टीम इंडिया को गुरुमंत्र, मजबूत इरादे दिखाएं और कोण का सही अनुमान लगाएं - India vs New Zealand 2nd Test
क्राइस्टचर्च। अजिंक्य रहाणे चाहते हैं कि उनके बल्लेबाज न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में तेज गेंदबाजों का मजबूत इरादों के साथ सामना करें और उस कोण से उठती गेंदों को समझे जो वेलिंगटन में पहले टेस्ट मैच में उनके लिए दु:स्वप्न बन गई थी। रहाणे ने पहले टेस्ट की पहली पारी में सर्वाधिक 46 रन बनाए थे और उन्होंने उम्मीद जताई कि हेगले ओवल की पिच पर घास होने के बावजूद उनकी टीम वापसी करेगी।
 
रहाणे ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें अधिक आक्रामक होना चाहिए लेकिन मजबूत इरादे और स्पष्ट मानसिकता से हमें मदद मिलेगी। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी और काइल जेमीसन ने क्रीज के कोण का इस्तेमाल करते हुए शॉर्ट पिच गेंदें की थी, जिससे भारतीय बल्लेबाज नहीं समझ पाए थे।
 
रहाणे ने कहा, मुझे लगता है कि वेलिंगटन में उन्होंने उस कोण का बहुत अच्छा इस्तेमाल किया। क्रीज के बाहरी कोण से यह बीच से गेंदबाजी करना। शॉर्ट पिच गेंद करते समय वे कोण बदल रहे थे। मेरा मानना है कि उनकी रणनीति स्पष्ट थी।
 
भारतीय उप कप्तान ने कहा, एक बल्लेबाज के रूप में अगर आप किसी खास शाट के बारे में सोचते तो आपको खुद पर भरोसा रखकर वह शाट खेलना चाहिए। आप खुद पर संदेह नहीं कर सकते। वेलिंगटन में जो कुछ हुआ हमें उसे भूलने की जरूरत है। रहाणे के अनुसार यहां दो नेट सत्र का उपयोग उस कोण से सामंजस्य बिठाने के लिए किया जा रहा है जिसका नील वैगनर एंड कंपनी उपयोग कर सकती है।
 
उन्होंने कहा, ‘मैंने यही कहता हूं कि कोशिश करो और एक टीम के रूप में हमने जो गलतियां की उनसे सबक लो। हमें उस कोण का अभ्यास करना होगा। हमने अभ्यास सत्र में भाग लिया और कल एक और अभ्यास सत्र में हिस्सा लेंगे। आपको उसका अभ्यास करना होगा और क्रीज पर अपनी क्षमता पर भरोसा दिखाना होगा।'
 
चेतेश्वर पुजारा की पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 81 गेंदों पर 11 रन बनाने के लिए कड़ी आलोचना की गई। रहाणे ने इस बारे में कहा, पुजारा अपनी तरफ से कोशिश कर रहे थे। वह असल में रन बनाने पर ध्यान दे रहे थे लेकिन बोल्ट, साउदी और अन्य गेंदबाजों ने ज्यादा मौके नहीं दिए। यह सभी बल्लेबाजों के साथ होता है। मेरे कहने का मतलब है कि सभी बल्लेबाज इस दौर से गुजरते हैं।