अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की 'भीगी' बहाली, 82 मिनट के खेल में सिर्फ 100 गेंद फिंकी
साउथेम्पटन। 4 महीने से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली का इंतजार कर रहे क्रिकेटप्रेमियों को बुधवार को निराशा हाथ लगी, जब इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहले क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन अधिकांश समय बारिश और गीली आउटफील्ड के कारण खेल नहीं हो सका। कुल जमा 82 मिनट का खेल हो सका और महज 100 गेंदें फेंकी जा सकी।
पहले दिन इंग्लैंड ने 17.4 ओवर में एक विकेट पर 35 रन बनाए। कार्यवाहक कप्तान बेन स्टोक्स ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था। रोरी बर्न्स 20 और जो डेनले 14 रन बनाकर खेल रहे थे।
कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च से खेल गतिविधियां बंद हैं। दर्शकों के बिना, सामाजिक दूरी के नियमों को ध्यान में रखकर और जैविक सुरक्षित माहौल में खेली जा रही इस श्रृंखला पर सभी की नजरें हैं क्योंकि इससे ‘नए नॉर्मल’ के बीच भविष्य में क्रिकेट की रूपरेखा तय होगी।
बारिश के कारण टॉस भी 3 घंटे देरी से हुआ। खेल शुरू होने पर पहला व्यवधान तीसरे ओवर के बाद पड़ा, जब इंग्लैंड ने एक रन पर ही पहला विकेट गंवा दिया था। डोम सिबले को शेनोन गैब्रियल ने दूसरे ही ओवर में पवेलियन भेज दिया था।
इसके बाद पांचवें ओवर की पहली गेंद के बाद फिर बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा। खेल बहाल होने के बाद इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने धीमी गति से पारी को आगे बढाया लेकिन 18वें ओवर की 4 गेंदें डाले जाने के बाद फिर बारिश और खराब रोशनी के कारण खेल रोका गया। उस समय इंग्लैंड ने एक विकेट पर 35 रन बना लिए थे। अंपायरों ने मुआयने के बाद पहले दिन का खेल समाप्त करने की घोषणा की ।
इससे पहले टेस्ट की शुरूआत से पूर्व ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन के समर्थन में घुटने के बल बैठे। दर्शकों के बिना रोस बाउल स्टेडियम पर पहली गेंद फेंके जाने से पूर्व फील्डिंग कर रहे वेस्टइंडीज के क्रिकेटर आउटफील्ड में घुटने के बल बैठे। इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने भी यही किया।
दोनों टीमों ने अपनी जर्सी की कॉलर पर ब्लैक लाइव्स मैटर का लोगो पहन रखा था। अमेरिका में मई में अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस की बर्बरता के बाद मौत के बाद से दुनिया भर में नस्लवाद के विरोध में यह आंदोलन चल रहा है।
इंग्लैंड ने लंबे समय से टीम के नियमित सदस्य रहे स्टुअर्ट ब्रॉड को बाहर रखा। वहीं वेस्टइंडीज टीम में रहकीम कॉर्नवाल को जगह नहीं मिली।