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Written By WD Sports Desk
Last Modified: गुरुवार, 30 जनवरी 2025 (18:17 IST)

टी20 विश्व कप फाइनल में मिली हार न्यूजीलैंड के लिए विश्व कप जीतने की प्रेरणा बनी : एमेलिया केर

टी20 विश्व कप फाइनल में मिली हार न्यूजीलैंड के लिए विश्व कप जीतने की प्रेरणा बनी : एमेलिया केर - Defeat in T20 World Cup final became inspiration for New Zealand to win World Cup Amelia Kerr
Amelia Kerr Wins Women's Cricketer of The Year 2024 Award : क्रिकेटरों के परिवार से ताल्लुक रखने वाली एमेलिया केर के लिए यूं तो डीएनए में ही क्रिकेट था लेकिन 2010 में वेस्टइंडीज में हुए टी20 विश्व कप में न्यूजीलैंड महिला टीम की आस्ट्रेलिया के हाथों फाइनल में हार ने उन्हें क्रिकेटर बनने और देश के लिये विश्व कप जीतने की प्रेरणा दी।
 
चौदह साल बाद उन्होंने न सिर्फ वह सपना पूरा किया बल्कि 2024 महिला टी20 विश्व कप में खिताबी जीत के साथ ‘प्लेयर आफ द टूर्नामेंट’ और फाइनल में ‘प्लेयर आफ द मैच’ रही। वह 2024 में शानदार प्रदर्शन के कारण आईसीसी वर्ष की सर्वश्रेष्ठ टी20 क्रिकेटर और सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर भी चुनी गई ।
 
केर ने आईसीसी द्वारा चुनिंदा पत्रकारों के साथ कराये गए साक्षात्कार में कहा ,‘‘ मैं 11 या 12 साल की थी जब वेलिंगटन में हमारे तावा कॉलेज के लड़कों की टीम ने एक टूर्नामेंट जीता । मैं उस टीम में अकेली लड़की और कप्तान थी। इससे पहले मैने टीवी पर न्यूजीलैंड की महिला टीम को टी20 विश्व कप फाइनल हारते देखा । उसी समय मैने तय किया कि मैं भी न्यूजीलैंड के लिये क्रिकेट खेलूंगी और एक दिन विश्व कप जीतूंगी ।’
 
टी20 विश्व कप 2024 फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 38 गेंद में 43 रन बनाए और 24 रन देकर तीन विकेट लिए।

24 वर्ष की इस लेग स्पिन हरफनमौला ने कहा ,‘‘ यह बहुत खास है । हम खिलाड़ी पुरस्कार के बारे में ज्यादा नहीं सोचते लेकिन पीछे मुड़कर देखूं तो टी20 विश्व कप की जीत जेहन में आती है। यह वाकई बहुत खास है।’’
 
पिछले साल 18 टी20 मैचों में 29 विकेट लेने और 387 रन बनाने वाली इस हरफनमौला ने कहा ,‘‘ मेरा बचपन खेलते हुए बीता। सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि दूसरे भी खेल । मैने लड़कों के साथ क्रिकेट खेली जिससे अपना खेल निखारने में काफी मदद मिली।’’
 
यह पूछने पर कि मैदान पर तनाव के बीच वह शांतचित्त कैसे रहती हैं, उन्होंने इसका श्रेय अपनी परवरिश को दिया।
 
केर ने कहा ,‘‘ मैं बचपन से ऐसी हूं और इसका श्रेय मेरे परिवार को जाता है । मेरे पिता ने मुझसे एक बार कहा था कि अगर वह मैदान पर आयें और मैं आउट होने के बाद लौट रही हूं तो मेरे चेहरे से उन्हें यह पता नहीं चलना चाहिये कि मैने शतक बनाया है या जीरो पर आउट हुई हूं।’’
 
केर के पिता रॉबी और मां जो वेलिंगटन के लिए क्रिकेट खेलते थे और नाना ब्रूस मूरे न्यूजीलैंड के टेस्ट बल्लेबाज रह चुके हैं। उनकी बड़ी बहन जेस भी न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा रह चुकी है।
 
केर ने कहा ,‘‘ मेरे रोलमॉडल मेरे परिवार में हैं और मुझे पता है कि क्रिकेट में काफी उतार चढाव आयेंगे। लंबे कैरियर में अच्छे बुरे दौर को आत्मसात करना होगा। सिर्फ व्यक्तिगत खेल ही नहीं बल्कि साथी खिलाड़ियों की सफलता का जश्न भी मनाना महत्वपूर्ण है। मेरा फोकस टीम की सफलता में योगदान पर ही रहता है।’’
 
उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्व कप जीत से न्यूजीलैंड जैसे छोटे देश में युवाओं को क्रिकेट को कैरियर विकल्प के रूप में अपनाने की प्रेरणा मिलेगी ।
 
उन्होंने कहा ,‘‘ नौ साल की उम्र में न्यूजीलैंड टीम को टीवी पर खेलते देखने से विश्व कप जीतने तक , यह लंबा सफर रहा है । मुझे उम्मीद है कि इससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी । लोगों को सफलता की कहानियां पसंद है और हमारी यह जीत युवा लड़कियों को क्रिकेट को कैरियर विकल्प के रूप में देखने के लिये प्रेरित करेगी ।’’
 
मानसिक स्वास्थ्य के मसले की पैरोकार रही केर का मानना है कि खिलाड़ियों के लिए यह समझना जरूरी है कि पहले वे इंसान हैं।
 
मानसिक स्वास्थ्य मसले के कारण 2021 में सात महीने क्रिकेट से ब्रेक लेने वाली केर ने कहा ,‘‘ खुद का ध्यान रखना जरूरी है। सिर्फ खिलाड़ियों के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए। पता नहीं कब किसके जीवन में क्या चल रहा है। खिलाड़ियों के लिए खासकर यह समझना जरूरी है कि वे भी पहले इंसान हैं।’’
 
उन्होंने हालांकि कहा कि हर किसी की कहानी अलग होती है और खेल से ब्रेक लेना ही हमेशा समाधान नहीं होता।
 
केर ने कहा ,‘‘हर किसी की कहानी अलग है । मेरे मामले में क्रिकेट कारण नहीं था बल्कि यह तो मेरा सेफ स्पेस है । खेल में अच्छा बुरा दौर आता ही है और उससे निपटने का शऊर आना चाहिये । कुछ लोग खराब दौर आने पर भी खेलना जारी रखते हैं क्योंकि इसी में उन्हें खुशी मिलती है और कुछ पीछे हट जाते हैं । असल मकसद खुश रहना होना चाहिए।’’
 
केर का मानना है कि महिला क्रिकेट का यह सबसे प्रतिस्पर्धी दौर है और विश्व कप तथा फ्रेंचाइजी लीग के आने से इसका ग्राफ ऊपर बढा है।
 
उन्होंने कहा ,‘‘ और यह आगे ही जाएगा। विश्व कप, फ्रेंचाइजी लीग और इतना क्रिकेट हो रहा है। बेहतर ट्रेनिंग, पूर्णकालिक कोच, खिलाड़ी और टीवी प्रसारण ने इसमें योगदान दिया है। अगर किसी चीज में निवेश किया जाये तो उसका समृद्ध होना तो तय ही है।’’ (भाषा)