राजस्थान : 10वीं 12वीं की परीक्षाएं रद्द, ये राज्य भी जल्द ले सकते हैं फैसला
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कोविड महामारी के मद्देनजर 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने के बाद गुजरात, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों ने बुधवार को अपने यहां बोर्ड के इम्तिहान रद्द कर दिए। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) की 10वीं 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है।
आरबीएसई 10वीं 12वीं परीक्षाओं को लेकर बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 10वीं 12वीं कक्षा के रिजल्ट का फॉर्मूला राजस्थान बोर्ड और शिक्षा विभाग मिलकर तय करेंगे। राजस्थान में इस बार 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए 21.58 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसमें 10वीं में करीब 12 लाख व 12वीं में करीब साढे़ 9 लाख छात्र हैं।
ये राज्य जल्द लेंगे फैसला : महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा और उत्तरप्रदेश उन राज्यों में शामिल हैं, जिन्होंने कहा कि वे जल्द ही इस संबंध में अंतिम निर्णय का ऐलान करेंगे। महाराष्ट्र की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बुधवार को कहा कि राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के संबंध में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को एक प्रस्ताव भेजा गया है और इस मुद्दे पर कुछ दिन के अंदर निर्णय लिया जाएगा।
पश्चिम बंगाल में कोविड -19 महामारी के बीच कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए बुधवार को होने वाली प्रेस वार्ता रद्द कर दी गई। इसे रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। बंगाल के स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा स्थिति के दौरान परीक्षा कैसे आयोजित की जाए और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कैसे किया जाए, इसकी पड़ताल करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है।
तमिलनाडु के स्कूली शिक्षा मंत्री अनिल महेश पोय्यामोझी ने कहा कि सरकार 12वीं की बोर्ड परीक्षा के बारे में अगले दो दिन में विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद कोई फैसला लेगी।
कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने कहा कि राज्य में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने पर जल्द ही उचित निर्णय लिया जाएगा। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि उनकी सरकार 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला लेने से पहले अन्य राज्यों द्वारा लिए गए निर्णयों पर गौर करेगी और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से भी सलाह लेगी।