तेजी से फैलेगा होम्योपैथी उद्योग
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) के अनुसार देश के साथ-साथ दुनिया भर में होम्योपैथी के प्रति लोगों में रूझान बढ़ा है। यदि इसकी वृद्धि दर 25-30 फीसदी की दर पर बनी रही तो वर्ष 2010 तक देश में इस उद्योग के 26 अरब रुपए तक पहुँचने की संभावना है।एसोचैम के अध्ययन के मुताबिक वर्तमान में होम्योपैथी उद्योग का विश्व बाजार 135 अरब रुपए का है और अनुमानत: 25 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।विदेशों में इस भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के प्रति रूझान में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इसका अंदाजा इसी से लग जाता है कि फ्रांस में ही होम्योपैथी का बाजार 45 अरब रुपए के बराबर का है। अध्ययन के अनुसार एलोपैथी दवा उद्योग की वृद्धि दर 13-15 फीसदी है।अध्ययन में कहा गया है कि भारत में होम्योपैथी के प्रसार के पिछे बड़ा कारण जटिल बीमारियों में इसका कारगर होना तथा आसानी से उपलब्धता है।एसोचैम के अध्यक्ष वेणुगोपाल एन धूत के मुताबिक दुनिया मे 95 देशों में होम्योपैथी का प्रसार है और दिलचस्प है कि इन सभी देशों में इससे पहले ऐलोपैथक चिकित्सापद्धति का ज्यादा प्रभाव था।अध्ययन के अनुसार वर्ष 2006-07 के दौरान देश में लगभग 4-5 करोड़ मरीजों ने होम्योपैथी को इलाज की पद्धति के रूप में प्रयोग किया और अगले दो-तीन सालों में इसके 10 करोड़ तक पहुँच जाने का अनुमान है।