Last Modified: नई दिल्ली ,
मंगलवार, 1 जून 2010 (23:11 IST)
कैग ऑडिट: दूरसंचार कंपनियों को झटका
कैग ऑडिट के मामले में दूरसंचार कंपनियों को एक और झटका लगा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दूरसंचार ऑपरेटरों को निर्देश दिया कि वे अपने बही खाते शीर्ष ऑडिटर कैग को दें। सरकार ने कैग को दूरसंचार कंपनियों के खातों की जाँच का आदेश दिया था।
सरकार इस बात की जाँच करना चाहती है कि क्या लाइसेंस शुल्क बचाने के लिए ऑपरेटरों ने अपनी आमदनी को कम कर के दिखाया है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और वाल्मिकी मेहता की खंडपीठ ने दूरसंचार ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे कैग को आडिटिंग के लिए अपने राजस्व की जानकारी उपलब्ध कराएँ।
दूरसंचार ऑपरेटरों ने तर्क दिया था कि वे कैग के दायरे में नहीं आते हैं। इस पर अदालत ने कहा कि हमारे विचार में सरकार की रुचि लाइसेंस करार के तहत उनके द्वारा जुटाए गए राजस्व के बारे में ही है। हालाँकि, अदालत ने कहा है कि कैग राजस्व भागीदारी के अलावा ऑपरेटरों से और कोई दस्तावेज नहीं माँगेगा।
साथ ही कैग को निर्देश दिया गया है कि वह ऑपरेटरों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना को सार्वजनिक नहीं करेगा और न ही इसकी जानकारी किसी तीसरे पक्ष को देगा। (भाषा)