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Last Modified: सोमवार, 3 फ़रवरी 2025 (14:59 IST)

महाकुंभ भगदड़, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इंकार

supreme court
Supreme Court refuses to hear the stampede: उच्चतम न्यायालय ने महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया। महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 अन्य लोग घायल हो गए थे।
 
इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएं : प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस दलील पर गौर किया कि इस मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पहले ही एक याचिका दायर की जा चुकी है और मौजूदा याचिका की शीर्ष अदालत में सुनवाई नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने भगदड़ को ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ करार देते हुए याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता विशाल तिवारी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा। ALSO READ: Monalisa: महाकुंभ की वायरल गर्ल मोनालिसा ने क्या सचमुच महाकुंभ में कमा लिए हैं 10 करोड़ रुपए?
 
दुर्भाग्यपूर्ण घटना : पीठ ने तिवारी से कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है लेकिन आप इलाहाबाद उच्च न्यायालय जाइए। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की इन दलीलों पर गौर किया कि न्यायिक जांच शुरू की गई है। प्रयागराज में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद 30 जनवरी को शीर्ष अदालत में यह जनहित याचिका दायर की गई थी। ALSO READ: बागेश्वर बाबा के बयान से फिर बवाल, धीरेन्द्र शास्त्री की महाकुंभ की मौतों पर विचित्र टिप्पणी
 
संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत तिवारी द्वारा दायर याचिका में भगदड़ की घटनाओं को रोकने और अनुच्छेद 21 के तहत समानता एवं जीवन के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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