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Last Modified: बुधवार, 17 अप्रैल 2019 (17:39 IST)

भारतीय डाक विभाग की हालत खस्ता, घाटे में Air India और BSNL को पीछे छोड़ा

भारतीय डाक विभाग की हालत खस्ता, घाटे में Air India और BSNL को पीछे छोड़ा - india post losses touch rs 15000 crore in fy19 replaces air india bsnl as biggest loss making-psu
नई दिल्ली। भारत सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय डाक विभाग (इंडिया पोस्ट) की आर्थिक हालत खस्ता हो रही है। वित्त वर्ष 2018-19 में उसे कुल 15,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।

घाटे के इस आंकड़े से भारतीय डाक विभाग ने BSNL और Air India को भी पीछे छोड़ दिया है। वित्त वर्ष 2019 में भारतीय डाक विभाग रेवेन्यू और खर्च के बीच का अंतर 15,000 करोड़ रुपए के स्तर तक पहुंच गया। इस घाटे के आंकड़े के साथ वह सबसे ज्यादा घाटे वाली संरकारी कंपनी बन गई है।
 
इस घाटे के पीछे का कारण कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्ते देने के लिए होने वाले खर्च को बताया जा रहा है।  भारतीय डाक विभाग को इस मद पर अपने वार्षिक राजस्व का 90 प्रतिशत तक खर्च करना पड़ता है। घाटे के लिए बदनाम दूसरी सरकारी कंपनी बीएसएनएल को वित्त वर्ष 2018-19 में 7,500 करोड़ रुपए और एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2017-18 में 5,337 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है।
 
वित्त वर्ष 2018-19 में अलाउंस और वेतन की लागत लगभग 16,620 करोड़ रुपए रही, जबकि रेवेन्यू 18,000 करोड़ रुपए अर्जित हुआ। वित्त वर्ष 2020 में वेतन और पेंशन पर खर्च क्रमशः 17,451 करोड़ रुपए और 10,271 करोड़ रुपए खर्च, जबकि आय 19,203 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
 
लागत और कीमत एवं पारंपरिक डाक सेवाओं की तुलना में अधिक सस्ते और तेज विकल्प उपलब्ध होने के कारण भारतीय डाक विभाग के आय बढ़ाने के प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त उत्पादों की कीमत बढ़ाने के अलावा कंपनी अपने 4.33 लाख कामगारों और 1.56 लाख पोस्ट ऑफिस के नेटवर्क के दम पर ई-कॉमर्स और अन्य वैल्यू एडेड सर्विसेस में संभावनाएं तलाश सकती हैं।
 
खबरों के मुताबिक भारतीय डाक विभाग अपने हर पोस्ट कार्ड पर 12.15 रुपए ख़र्च करता है, लेकिन उसे सिर्फ 50 पैसे यानी लागत का चार प्रतिशत ही मिलता है। औसतन पार्सल सेवा की लागत 89.23 रुपए है लेकिन कंपनी को इसका सिर्फ आधा ही मिलता है। बुक पोस्ट, स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्रेशन में भी ऐसा ही होता है। (एजेंसियां)