15 जनवरी से नहीं बिकेगी बगैर हॉलमार्क की Gold jewellery, क्या होगा फायदा
नई दिल्ली। 15 जनवरी 2020 से सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई। अब सराफा व्यापारी बगैर BIS हॉलमार्क के सोने के गहने बाजार में नहीं बेंच सकेंगे।
देश में सोने के गहने अब 14, 18 और 22 कैरेट में बिकेंगे। BIS एक्ट के अनुसार, इस नियम का उल्लंघन करने पर 1 लाख के जुर्माने के साथ ही सजा भी हो सकती है।
क्या होती है सोने की हॉलमार्किंग : हॉलमार्क सोने की शुद्धता का प्रमाण है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाला भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) हॉलमार्किंग के लिए अधिकृत विभाग है। अत: बीआईएस हॉलमार्किंग देखकर ही सोना खरीदें।
यह भी देखने में आता है कि कई ज्वेलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगाते हैं। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं। असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। साथ ही इस पर सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उस पर ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है।
क्या होगा फायदा : हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से उन ज्वेलर्स को बड़ा झटका लगेगा जो ज्वेलर्स ज्यादा कैरेट बताकर कम कैरेट वाला सोना ग्राहकों को बेच रहे हैं। हॉलमार्किंग लागू होने के बाद ऐसा करना पाना संभव नहीं होगा। उपभोक्ताओं बाजार में शुद्ध सोना मिलेगा और वे ठगी का शिकार नहीं होंगे।