गो फर्स्ट संकट का क्या होगा एविएशन इंडस्ट्री पर असर
Go First airlines crisis : विमानन कंपनी गो फर्स्ट द्वारा दिवाला समाधान के लिए आवेदन करना और उड़ानों को रद्द करना एयरलाइन उद्योग के लिए अच्छा नहीं है। भारतीय ट्रैवल एजेंट संघ (TAAI) ने इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गो फर्स्ट के इस कदम से क्षमता घटेगी और कुछ मार्गों पर विमान किराया बढ़ेगा।
प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) इंजन आपूर्ति संकट के बीच गो फर्स्ट ने 3 मई से 3 दिन के लिए अपने उड़ानें निलंबित कर दी हैं। साथ ही एयरलाइन ने दिवाला समाधान के लिए भी आवेदन किया है। इस बीच अमेरिका की इंजन विनिर्माता कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी ने कहा कि वह एयरलाइन के संबंध में मध्यस्थता आदेश का अनुपालन कर रही है। साथ ही पीएंडडब्ल्यू ने कहा कि वह सभी ग्राहकों के लिए आपूर्ति की समयसीमा को प्राथमिकता दे रही है।
टीएएआई की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा कि यह एयरलाइन उद्योग के लिए काफी खराब स्थिति है। किंगफिशर एयरलाइंस में हमने करोड़ों रुपए गंवाए हैं। जेट एयरवेज में भी नुकसान हुआ है। अब एक और दिवाला समाधान सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 17 साल से अधिक से परिचालन कर रही गो फर्स्ट का यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जबकि घरेलू हवाई यातायात बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अभी हवाई यात्रा की मांग है क्योंकि यह छुट्टियों का समय है और हमें उन क्षेत्रों में किराया बढ़ने की संभावना दिख रही है जहां गो फर्स्ट उड़ान भर रही है। आगामी सप्ताहों में विमान किराये बढ़ेंगे।
टिकट बुकिंग पर उन्होंने कहा कि कंपनी को रद्द उड़ानों के लिए पैसा लौटाना होगा। लेकिन दिवाला समाधान की स्थिति में नियम कुछ अलग हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हम कुछ ऐसी ही चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। (भाषा)