अमरचित्रकथा में इस बार पेश है : शकुंतला। शकुंतला को पशु-पक्षियों और पेड़ पौधों से बड़ा लगाव था। वह इन्हें बहुत चाहती थी और इनकी समुचित देखभाल भी करती।
अपने प्रिय की याद में खोई शकुंतला ने अनजाने में दुर्वासा ऋषि को क्रोधित कर दिया और उसी क्रोध में आकर उन्होंने शकुंतला को श्राप दिया कि जिसकी याद में खोकर तूने मेरी उपेक्षा की है वह भी तुझे भूल जाए। शकुंतला कैसे मुक्त हुई इस श्राप से, अपने प्रियतम के वियोग में उसे क्या-क्या कष्ट उठाने पड़े। पढ़िए प्रस्तुत अमरचित्रकथा में।